जयपुर. मुस्लिम धर्मगुरु हाजी रफत अली खान (Haji Rafat Ali Khan) के जनाजे में हजारों की संख्या में भीड़ इकट्ठी हुई. इस पर रामगंज थाना पुलिस ने आदर्श नगर विधायक रफीक खान (MLA Rafiq Khan) के खिलाफ महामारी एक्ट (pandemic act) और धारा 144 का उल्लंघन (Violation of section 144) करने पर मुकदमा दर्ज किया है. विधायक रफीक खान पर मुकदमा दर्ज करना राजस्थान के परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) को रास नहीं आया है.
इस मामले में खाचरियावास ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अगर पुलिस भीड़ में मौजूद है तो वह व्यवस्था संभाल रही है और विधायक भीड़ में मौजूद है तो वह व्यवस्था का पार्ट नहीं है यह सोचना गलत है. जबकि हकीकत यह है कि अगर कहीं भीड़ इकट्ठी होती है तो पुलिस से ज्यादा एक सांसद और विधायक भीड़ पर काबू करने में कामयाब होता है क्योंकि विधायक-सांसद का प्रभाव लोगों पर ज्यादा होता है.
हाजी रफत का हर धर्म और जाति में सम्मान था
मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) ने कहा कि हाल ही में भीलवाड़ा में भाजपा के पूर्व सांसद हेमेंद्र सिंह (Former MP Hemendra Singh) की शव यात्रा निकली तो भीलवाड़ा में हजारों की भीड़ जुट गई. इसी तरह जयपुर में भी हाजी रफत अली खान (Haji Rafat Ali Khan) के जनाजे में भी हुआ. भीड़ इसलिए इकट्ठी हुई कि हाजी रफत का हर धर्म और जाति में सम्मान था. ऐसे में भीड़ इकट्ठे होने के बाद विधायक रफीक खान (Rafiq Khan) अगर वहां जाकर भीड़ में व्यवस्था संभाल रहे थे और भीड़ को रोक रहे थे तो इसका मतलब है कि वह व्यवस्थाओं को ठीक करना चाहते थे और वहां पुलिस भी यही काम कर रही थी.
विधायक-सांसद भीड़ को बेहतर संभाल सकता है
खाचरियावास ने कहा कि ऐसे में पुलिस अगर भीड़ में हो तो वह व्यवस्था संभाल रही है और विधायक अगर भीड़ में है तो वह व्यवस्था संभालने का हिस्सा नहीं है, यह सोच ठीक नहीं है. चाहे विधायक बीजेपी के हो चाहे कांग्रेस के ऐसे विषय पर एक नीति बननी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर एक एमएलए-एमपी (MLA-MP) ऐसी भीड़ की जगह में जाता है तो वह भीड़ को ज्यादा बेहतर संभाल सकता है और भीड़ का भरोसा भी उसमें ज्यादा होता है.
पढ़ें- रफीक खान के खिलाफ दर्ज हुई FIR को निरस्त करने की मांग, हेरिटेज निगम पार्षद हुए लामबंद
अगर सांसद और विधायक खड़ा होकर भीड़ से यह कह दे कि रुक जाओ तो पुलिस से ज्यादा प्रभाव उनका होता है, ऐसे में विधायक या एमपी के खिलाफ मुकदमे दर्ज नहीं होने चाहिए. यह एक नीतिगत राय है और जब यह नीतिगत राय मुख्यमंत्री (CM Ashok Gehlot) को बताएंगे तो मुख्यमंत्री खुद अनुभवी हैं.
पुलिस को सोच-समझ कर कार्रवाई करनी चाहिए
मंत्री प्रताप सिंह ने कहा कि पूरे देश में यह नीति बननी चाहिए कि चाहे बीजेपी का विधायक, सांसद हो या कांग्रेस का अगर वह खुद भीड़ इकट्ठा नहीं कर रहा है तो वह अपराध नहीं कर रहा है. उन्होंने कहा कि रफीक खान (Rafiq Khan) तो खुद व्यवस्था संभालने गए थे, ऐसे मामलों में पुलिस (Police) को सोच-समझ कर कार्रवाई करनी चाहिए.