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जयपुर: GST चोरी रोकने के लिए परिवहन विभाग अलर्ट, ट्रकों में लगेंगे GPS सिस्टम - ई-वे बिल

राजस्थान परिवहन विभाग जल्द उत्तर प्रदेश की तर्ज पर ट्रकों में जीपीएस सिस्टम लगाने की तैयारी कर रहा है. राज्य सरकार की ओर से यदि ऐसा किया जाता है तो ट्रांसपोर्ट के व्यवसाय में पारदर्शिता बढ़ेगी. विभाग को अपना राजस्व लक्ष्य हासिल करने में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा.

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GST चोरी को रोकने के लिए हाईटेक हो रहा परिवहन विभाग
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Published : Jun 20, 2021, 6:56 PM IST

जयपुर. राजस्थान सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले विभागों में परिवहन विभाग मुख्य विभाग है. इस वित्तीय वर्ष में परिवहन विभाग को 6500 करोड़ रुपए का राजस्व लक्ष्य हासिल करना है जो विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती है.

परिवहन विभाग पिछले तीन वित्तीय वर्ष से अपना राजस्व लक्ष्य हासिल नहीं कर पाया है और विभाग को सबसे ज्यादा राजस्व टैक्स और अवैध बसों पर कार्रवाई करने से मिलता है. विभाग से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही उत्तर प्रदेश की तर्ज पर राजस्थान में ट्रकों में जीपीएस सिस्टम लगाने की तैयारी की जा रही है.

GST चोरी को रोकने के लिए हाईटेक हो रहा परिवहन विभाग

अगर राजस्थान सरकार की ओर से इस कदम को उठा लिया जाता है तो ट्रांसपोर्ट के व्यवसाय में पारदर्शिता देखने को मिलेगी. विभाग को अपना राजस्व लक्ष्य हासिल करने में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा.

पढ़ें: चित्तौड़गढ़ : भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने निंबाहेड़ा में BJP कार्यकर्ताओं से की बातचीत...अब उदयपुर रवाना

वाणिज्य कर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसको लेकर सरकार के समक्ष प्रस्ताव रखा जाएगा. इस प्रस्ताव या जीपीएस सिस्टम से सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी तो इसे जल्द लागू किया जाएगा.

जीपीएस सिस्टम के फायदे

GPS सिस्टम शुरू होने के साथ सीमेंट, बजरी और अवैध खदान वाले अवैध ट्रकों पर लगाम लगाई जा सकेगी. इस सिस्टम के शुरू होने के बाद टोल पर लगे ओवरब्रिज सिस्टम से सारी जानकारी कंट्रोल रूम में मिल सकेगी और ट्रकों के चालान ऑनलाइन हो सकेंगे. इस संबंध में पूरी जानकारी वाणिज्य कर विभाग को नहीं दी जाती है. जीपीएस सिस्टम लगने के बाद जीएसटी चोरी को रोकना आसान हो जाएगा.

हर साल होती है 30 फीसदी तक GST चोरी

जयपुर ट्रक ट्रांसपोर्ट यूनियन अध्यक्ष अनिल आनंद ने बताया कि बड़ी संख्या में बाहरी राज्यों से गाड़ियां राजस्थान में आती हैं. ट्रांसपोर्टर्स की ओर से ई-वे बिल भी नहीं लाए जाते हैं. ई-वे बिल नहीं लाने से माल की जीएसटी बच जाती है. इससे फायदा ट्रांसपोर्टर्स को होता है. राजधानी जयपुर में बड़े स्तर पर यह जाल फैला हुआ है. अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इसके कारण जीएसटी विभाग के राजस्व को 30 फीसदी तक का नुकसान होता है.

जयपुर. राजस्थान सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले विभागों में परिवहन विभाग मुख्य विभाग है. इस वित्तीय वर्ष में परिवहन विभाग को 6500 करोड़ रुपए का राजस्व लक्ष्य हासिल करना है जो विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती है.

परिवहन विभाग पिछले तीन वित्तीय वर्ष से अपना राजस्व लक्ष्य हासिल नहीं कर पाया है और विभाग को सबसे ज्यादा राजस्व टैक्स और अवैध बसों पर कार्रवाई करने से मिलता है. विभाग से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही उत्तर प्रदेश की तर्ज पर राजस्थान में ट्रकों में जीपीएस सिस्टम लगाने की तैयारी की जा रही है.

GST चोरी को रोकने के लिए हाईटेक हो रहा परिवहन विभाग

अगर राजस्थान सरकार की ओर से इस कदम को उठा लिया जाता है तो ट्रांसपोर्ट के व्यवसाय में पारदर्शिता देखने को मिलेगी. विभाग को अपना राजस्व लक्ष्य हासिल करने में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा.

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वाणिज्य कर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसको लेकर सरकार के समक्ष प्रस्ताव रखा जाएगा. इस प्रस्ताव या जीपीएस सिस्टम से सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी तो इसे जल्द लागू किया जाएगा.

जीपीएस सिस्टम के फायदे

GPS सिस्टम शुरू होने के साथ सीमेंट, बजरी और अवैध खदान वाले अवैध ट्रकों पर लगाम लगाई जा सकेगी. इस सिस्टम के शुरू होने के बाद टोल पर लगे ओवरब्रिज सिस्टम से सारी जानकारी कंट्रोल रूम में मिल सकेगी और ट्रकों के चालान ऑनलाइन हो सकेंगे. इस संबंध में पूरी जानकारी वाणिज्य कर विभाग को नहीं दी जाती है. जीपीएस सिस्टम लगने के बाद जीएसटी चोरी को रोकना आसान हो जाएगा.

हर साल होती है 30 फीसदी तक GST चोरी

जयपुर ट्रक ट्रांसपोर्ट यूनियन अध्यक्ष अनिल आनंद ने बताया कि बड़ी संख्या में बाहरी राज्यों से गाड़ियां राजस्थान में आती हैं. ट्रांसपोर्टर्स की ओर से ई-वे बिल भी नहीं लाए जाते हैं. ई-वे बिल नहीं लाने से माल की जीएसटी बच जाती है. इससे फायदा ट्रांसपोर्टर्स को होता है. राजधानी जयपुर में बड़े स्तर पर यह जाल फैला हुआ है. अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. इसके कारण जीएसटी विभाग के राजस्व को 30 फीसदी तक का नुकसान होता है.

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