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कोरोना माहामारी ने परिवहन व्यवसाव की तोड़ी कमर, 50 प्रतिशत से ज्यादा की आई गिरावट - ट्रांसपोर्टर की मांग

प्रदेश में बढ़ रहे कोविड-19 संक्रमण के चलते ट्रांसपोर्ट व्यवसाय के ऊपर असर देखने को मिला है. लॉकडाउन से पहले तक रोजाना 100 करोड़ से ज्यादा  तक का व्यवसाय राजस्थान में हो रहा था, लेकिन अब इस व्यवसाय में 50 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई और प्रदेश में व्यवसाय 30 से 35 करोड़ के पास ही रह गया है.

transport business effect due to corona
परिवहन व्यवसाय पर कोरोना का साया
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Published : May 15, 2021, 6:29 PM IST

जयपुर. राजधानी जयपुर सहित प्रदेशभर में कोविड-19 का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में रोजाना बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. साथ ही कोरोना ने अपने पिछले कई रिकार्ड को भी तोड़ रहा है. कोरोना महामारी का सबसे बड़ा असर परिवहन व्यवसाय पर देखने को मिला है.

ट्रांसपोर्ट व्यवसाय की बात की जाए तो इस व्यवसाय पर महामारी का सबसे बड़ा असर देखा जा रहा है. लगातार ट्रांसपोर्टर की हालत खराब हो रही है और ट्रांसपोर्टर सरकार से राहत देने की मांग भी कर रहे हैं. वही दूसरी ओर पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से भी ट्रांसपोर्टर को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस समय पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सरकार ने बंद कर रखा है. अभी गुड्स ट्रांसपोर्ट को सरकार ने अनुमति दे रखी है. लेकिन ट्रांसपोर्ट व्यवसाय करना ट्रांसपोर्टर कि लिए एक बड़ी चुनौती भी बन गया है.

जयपुर ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर एसोसिएशन का कहना है कि, कोरोना का सबसे बड़ा असर परिवहन में साधनों पर वही डिपार्टमेंट पर देखने को मिला है. ट्रांसपोर्टर की हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है. लगातार ट्रांसपोर्ट राहत पैकेज को लेकर सरकार से मांग भी की जा रही है. लॉकडाउन से पहले राजधानी जयपुर सहित देश भर के अंतर्गत रोजाना 100 करोड़ से अधिक का व्यवसाय होता था. लेकिन लॉकडाउन के बाद से ट्रांसपोर्ट व्यवसाव में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है.

पढ़ें- कोरोना से जंग जीतने के लिए हैरिटेज जयपुर के हर वार्ड में Advance planning, जानिए कैसे टूटेगी चेन

प्रदेश में ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय लॉकडाउन के बाद से 30 से 35 करोड़ के लगभग का ही रह गया है. इस समय केवल गुड्स ट्रांसपोर्ट का ही व्यवसाय हो रहा है, जिसमें जरुरत की सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जा रहा है. हालांकि ट्रांसपोर्टर को उम्मीद है, कि जल्द से जल्द कोरोना संक्रमण खत्म होगा और एक बार फिर ट्रांसपोर्ट व्यवसाय दोबारा से पटरी पर लौटेगा.

बस ऑपरेटर्स भी कर रहे मांग

ट्रांसपोर्ट व्यवसाय पर असर के साथ ही बस ऑपरेटर्स की बात की जाए तो, बस ऑपरेटर्स पर भी एक बड़ा असर देखने को मिल रहा है. बस ऑपरेटर का कहना है कि बीते साल लगे लॉकडाउन से ही बसों में यात्री भार नहीं आ पा रहा है. इसके साथ ही लगातार परिवहन विभाग के द्वारा पूरा टैक्स वसूला जा रहा है. ऐसे में बस यूनियन की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से 3 साल तक बसों के टैक्स की माफी की मांग भी की जा रही है. साथ ही एक आर्थिक पैकेज देने को लेकर भी लगातार मांग की जा रही है.

जयपुर. राजधानी जयपुर सहित प्रदेशभर में कोविड-19 का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में रोजाना बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. साथ ही कोरोना ने अपने पिछले कई रिकार्ड को भी तोड़ रहा है. कोरोना महामारी का सबसे बड़ा असर परिवहन व्यवसाय पर देखने को मिला है.

ट्रांसपोर्ट व्यवसाय की बात की जाए तो इस व्यवसाय पर महामारी का सबसे बड़ा असर देखा जा रहा है. लगातार ट्रांसपोर्टर की हालत खराब हो रही है और ट्रांसपोर्टर सरकार से राहत देने की मांग भी कर रहे हैं. वही दूसरी ओर पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से भी ट्रांसपोर्टर को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस समय पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सरकार ने बंद कर रखा है. अभी गुड्स ट्रांसपोर्ट को सरकार ने अनुमति दे रखी है. लेकिन ट्रांसपोर्ट व्यवसाय करना ट्रांसपोर्टर कि लिए एक बड़ी चुनौती भी बन गया है.

जयपुर ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर एसोसिएशन का कहना है कि, कोरोना का सबसे बड़ा असर परिवहन में साधनों पर वही डिपार्टमेंट पर देखने को मिला है. ट्रांसपोर्टर की हालत दिन पर दिन खराब होती जा रही है. लगातार ट्रांसपोर्ट राहत पैकेज को लेकर सरकार से मांग भी की जा रही है. लॉकडाउन से पहले राजधानी जयपुर सहित देश भर के अंतर्गत रोजाना 100 करोड़ से अधिक का व्यवसाय होता था. लेकिन लॉकडाउन के बाद से ट्रांसपोर्ट व्यवसाव में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है.

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प्रदेश में ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय लॉकडाउन के बाद से 30 से 35 करोड़ के लगभग का ही रह गया है. इस समय केवल गुड्स ट्रांसपोर्ट का ही व्यवसाय हो रहा है, जिसमें जरुरत की सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा जा रहा है. हालांकि ट्रांसपोर्टर को उम्मीद है, कि जल्द से जल्द कोरोना संक्रमण खत्म होगा और एक बार फिर ट्रांसपोर्ट व्यवसाय दोबारा से पटरी पर लौटेगा.

बस ऑपरेटर्स भी कर रहे मांग

ट्रांसपोर्ट व्यवसाय पर असर के साथ ही बस ऑपरेटर्स की बात की जाए तो, बस ऑपरेटर्स पर भी एक बड़ा असर देखने को मिल रहा है. बस ऑपरेटर का कहना है कि बीते साल लगे लॉकडाउन से ही बसों में यात्री भार नहीं आ पा रहा है. इसके साथ ही लगातार परिवहन विभाग के द्वारा पूरा टैक्स वसूला जा रहा है. ऐसे में बस यूनियन की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास से 3 साल तक बसों के टैक्स की माफी की मांग भी की जा रही है. साथ ही एक आर्थिक पैकेज देने को लेकर भी लगातार मांग की जा रही है.

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