जयपुर. देशभर में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार जारी है. ऐसे में इस लॉकडाउन के वजह से प्रदेश के सभी महल, किले और स्मारक बंद है. इस कड़ी में गुरुवार को लॉकडाउन के बीच किले, महल और स्मारकों को खोलने का प्रस्ताव भेजा गया है.
बता दें कि लॉकडाउन में घूमने फिरने पर प्रतिबंध लगा हुआ है. ऐसे में चीजों को पटरी पर लाने और लोगों को अपने हाल पर छोड़ने के लिए, जिस तरह एक के बाद एक चीजें खुलती जा रही है, उसी तरह अब ढाई महीने बाद प्रदेश में महल के दरवाजे भी खुल सकते हैं. इसके लिए पुरातत्व विभाग भी तैयार है.
विभाग ने आमेर सहित दूसरे सभी स्मारकों को खोलने का प्रस्ताव भेजा है. आला अधिकारी, प्रमुख सचिव भी इस प्रस्ताव पर सहमत दिखाई दे रहे हैं. अब केवल 30 और 31 मई को सीएम की समीक्षा बैठकों में इन बातों पर विचार- विमर्श किया जाएगा.
वहीं किलों के खुलने के बाद कुछ दिन मुफ्त में पर्यटकों को प्रवेश भी दिया जा सकता है. हालांकि बाद में धीरे-धीरे पर्यटकों के टिकट की दरें भी बढ़ाई जाएंगी. बता दें कि कोरोना काल में सामाजिक दूरी, मास्क जैसी बेसिक बातों को ध्यान में रखकर ही प्रदेश के अंतर्गत जल्द ही पर्यटक स्थल भी खोले जा सकते हैं. पुरातत्व विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है, कि पर्यटन विभाग सभी स्मारक खोलना चाहता है.
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सरकार की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है. वहीं राजस्थान पर्यटन पर निर्भर माना जाता है. वहीं इससे पहले बंद की स्थिति में विभाग ने म्यूजियम महलों के वीडियो बनाकर साइट पर डाले थे, लेकिन वह लोगों को आकर्षित नहीं कर पाई थी. क्योंकि पर्यटकों का मानना है कि स्थलों के इस अनुभव को मौके पर जाकर ही महसूस किया जा सकता है. ऐसे में अब आशंका लगाई जा रही है, कि जल्द ही प्रदेश के अंतर्गत महल और स्मारकों को खोलने की मंजूरी भी मिल सकती है.