जयपुर. विधानसभा में आज प्रश्नकाल के दौरान (Rajasthan Vidhansabha Proceedings) एक सवाल ऐसा भी रहा जिसने साल 2020 में कांग्रेस पार्टी मैं हुई राजनीतिक उठापटक को फिर याद दिला दिया. मंत्री से महाराणा प्रताप से संबंधित जगह पर पिछले 5 साल में (कांग्रेस सरकार बनने के बाद) कोई राशि न खर्च करने पर सवाल किया गया. इसके जवाब में पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह (Sachin Pilot Group Vishwendra Singh) ने कुछ ऐसा कहा जो चर्चा का सबब बन गया.
मंत्री ने कहा- मैं इस बारे में जानकारी ले रहा हूं और मैं क्योंकि 1 साल की छुट्टी पर गया था. मुख्यमंत्री के पास इस विभाग का चार्ज था, ऐसे में अब जब मैं वापस आया हूं तो जो भी आपकी शिकायत है उसे सुलझा दूंगा. जैसे ही मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने ये कहा कि मैं छुट्टी पर गया था इस बात पर पूरे सदन में ठहाके लगने लगे.
इस सवाल के जवाब में विश्वेंद्र सिंह ने एक तरफ राजस्थान में राजनीतिक उठापटक की याद दिला दी तो वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़ा (Tourism Minister Targets CM Ashok Gehlot) कर दिया.
प्रश्नकाल में और क्या? : राजस्थान विधानसभा में आज कई विभागों से जुड़े सवालों के जवाब दिए गए. जिनमें डीएमएसटी से जुड़े सवाल के जवाब में मंत्री प्रमोद जैन भाया ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को आश्वस्त किया कि कोरोना के चलते बैठक नहीं हो सकी थी. लेकिन जो पैसा बचा हुआ है उसे जल्द खर्च भी कर दिया जाएगा. इसके लिए बैठक भी जल्द ही बुला ली जाएगी.
सामोद में भारत सरकार की स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत हनुमान मंदिर में विकास कार्यों संबंधित सवाल के जवाब में मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा की वीर हनुमान ट्रस्ट की प्रस्तावित रोपवे वाली भूमि वन भूमि में आ रही है, जिसके चलते वन विभाग से सहमति नहीं मिली है. इस पर मुख्यमंत्री के सलाहकार बाबूलाल नागर ने तहसीलदार की रिपोर्ट दिखाई जिसमें उसे निजी खातेदारी की जमीन माना गया. इस पर विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि कलेक्टर की रिपोर्ट को ही माना जाएगा जिसमें साफ लिखा है कि यह वन विभाग की जमीन है.
दौसा के मंडावर में प्रशासन गांवों के संग अभियान के तहत कुछ पट्टे नहीं दिए जाने पर मंत्री रमेश मीणा ने कहा कि अगर अधिकारियों की कोई गलती है और वह जांच में साबित होता है तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.
शुभ शक्ति योजना के प्रदेश में अभी जारी नहीं रहने के सवाल के जवाब में मंत्री सुखराम बिश्नोई ने कहा कि अभी शुभ शक्ति योजना को स्थगित किया हुआ है, क्योंकि यह सेस से अर्जित होने वाले धन से चलाई जाती है. कोरोना काल के कारण कुछ समय के लिए इस योजना को स्थगित किया गया है.