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Special: कोरोना ने लगाई भ्रमण शील शल्य चिकित्सा इकाई के पहिए पर रोक - चिकित्सा इकाई के डायरेक्टर डॉ. श्याम सुंदर

हर साल राजस्थान सरकार की ओर से भ्रमण शील शल्य चिकित्सा इकाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. ताकि गांवों में रहने वाले लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सके. इस चिकित्सा इकाई की तरफ से अलग-अलग जिलों में कैंप आयोजित किए जाते हैं. लेकिन कोरोना काल ने इस यूनिट के पहिए पर रोक लगा दी है.

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भ्रमण शील शल्य चिकित्सा इकाई के पहिए पर रोक
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Published : Sep 24, 2020, 8:29 PM IST

जयपुर. गांवों में रहने वाले आमजन को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के मकसद से राजस्थान सरकार की ओर से भ्रमण शील शल्य चिकित्सा इकाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. इसके तहत अलग-अलग जिलों में इस चिकित्सा इकाई द्वारा कैंप आयोजित किए जाते हैं. जहां नेत्र और सामान्य शल्य चिकित्सा समेत कुल 74 प्रकार के ऑपरेशन किए जाते हैं और मोबाइल यूनिट द्वारा आमजन को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. लेकिन कोरोना महामारी के दौरान इस मोबाइल यूनिट के पहिए थम गए हैं.

भ्रमण शील शल्य चिकित्सा इकाई के पहिए पर रोक

दरअसल, इस मोबाइल यूनिट का संचालन चिकित्सा विभाग द्वारा किया जाता है और इनके द्वारा चिकित्सा शिविरों में रोगियों को उसी जगह इलाज उपलब्ध करवाया जाता है. इसे लेकर जयपुर में भ्रमण शील शल्य चिकित्सा द्वारा कुछ वाहन संचालित किए जाते हैं, जो प्रदेश में अलग-अलग जिलों में जाकर रोगियों का इलाज करते हैं. इस वाहन के अंदर एक छोटा ऑपरेशन थिएटर जांच की सुविधा भी उपलब्ध रहती है. लेकिन कोरोना महामारी के दौरान गांव में रहने वाले मरीजों को अब इस मोबाइल यूनिट द्वारा इलाज उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.

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ग्रामीण अंचलों में कारगर साबित हो रही मोबाइल यूनिट

1 साल में लगे 20 शिविर

कोरोना महामारी से पहले चिकित्सा विभाग की ओर से 1 अप्रैल 2019 से लेकर 31 मार्च तक प्रदेश के अलग-अलग जिलों में करीब 20 शिविरों का आयोजन किया गया था. जहां बड़ी संख्या में मरीजों को चिन्हित करके उनके ऑपरेशन किए गए थे. लेकिन मार्च महीने के बाद इन शिविरों का आयोजन बंद हो गया, जिससे गांव में रहने वाले मरीजों को इलाज भी मुहैया नहीं हो पा रहा है.

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कोरोना काल में बंद है मोबाइल यूनिट

पढ़ें- Special: भरतपुर को स्मार्ट सिटी बनाने की तैयारी...शहरवासियों को मिल सकेंगी कई सुविधाएं

बड़ी संख्या में होता है इलाज

चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार भ्रमण शील शल्य चिकित्सा इकाई द्वारा जयपुर, सीकर, कोटा, झुंझुनू, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ आदि जिलों में पहले पेज में 20 शिविरों का आयोजन किया गया. इस दौरान 18,644 कुल मरीजों की ओपीडी रही. वहीं, 2,626 मरीजों को चिन्हित करके उनके ऑपरेशन किए गए. इनमें से करीब 10,000 से अधिक मरीजों की अलग-अलग जांचे की गई. यह सभी शिविर जिलों में स्थित छोटे-छोटे कस्बों और गांवों में लगाए गए. इन शिविरों से हर साल करीब 20,000 से अधिक मरीज चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त करते हैं. लेकिन कोरोना की इस महामारी के बीच अब इन शिविरों का आयोजन बंद हो गया है.

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राजस्थान सरकार की ओर से चलाई जा रही ये चिकित्सा इकाई

संक्रमण का खतरा

भ्रमण शील शल्य चिकित्सा इकाई के डायरेक्टर डॉ. श्याम सुंदर ने बताया कि कोरोना महामारी के बाद जिलों में आयोजित होने वाले इन शिविरों को सरकार द्वारा बंद कर दिया गया है. क्योंकि, इन शिविरों में कोरोना जांच करने की सुविधा नहीं है तो ऐसे में संक्रमण का खतरा फैल सकता है.

अन्य जिलों में लगने थे शिविर

डॉ. श्याम सुंदर ने बताया कि मार्च के बाद विभाग द्वारा अन्य जिलों में भी शिविर लगाने की तैयारी विभाग में कर ली थी. लेकिन इसी दौरान कोरोना महामारी के कारण इन चिकित्सा शिविरों के आयोजन को स्थगित करना पड़ा. इस दौरान सभी चिकित्सकों की ड्यूटी भी कोरोना वारियर के रूप में लगा दी गई.

जयपुर. गांवों में रहने वाले आमजन को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के मकसद से राजस्थान सरकार की ओर से भ्रमण शील शल्य चिकित्सा इकाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. इसके तहत अलग-अलग जिलों में इस चिकित्सा इकाई द्वारा कैंप आयोजित किए जाते हैं. जहां नेत्र और सामान्य शल्य चिकित्सा समेत कुल 74 प्रकार के ऑपरेशन किए जाते हैं और मोबाइल यूनिट द्वारा आमजन को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती है. लेकिन कोरोना महामारी के दौरान इस मोबाइल यूनिट के पहिए थम गए हैं.

भ्रमण शील शल्य चिकित्सा इकाई के पहिए पर रोक

दरअसल, इस मोबाइल यूनिट का संचालन चिकित्सा विभाग द्वारा किया जाता है और इनके द्वारा चिकित्सा शिविरों में रोगियों को उसी जगह इलाज उपलब्ध करवाया जाता है. इसे लेकर जयपुर में भ्रमण शील शल्य चिकित्सा द्वारा कुछ वाहन संचालित किए जाते हैं, जो प्रदेश में अलग-अलग जिलों में जाकर रोगियों का इलाज करते हैं. इस वाहन के अंदर एक छोटा ऑपरेशन थिएटर जांच की सुविधा भी उपलब्ध रहती है. लेकिन कोरोना महामारी के दौरान गांव में रहने वाले मरीजों को अब इस मोबाइल यूनिट द्वारा इलाज उपलब्ध नहीं हो पा रहा है.

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ग्रामीण अंचलों में कारगर साबित हो रही मोबाइल यूनिट

1 साल में लगे 20 शिविर

कोरोना महामारी से पहले चिकित्सा विभाग की ओर से 1 अप्रैल 2019 से लेकर 31 मार्च तक प्रदेश के अलग-अलग जिलों में करीब 20 शिविरों का आयोजन किया गया था. जहां बड़ी संख्या में मरीजों को चिन्हित करके उनके ऑपरेशन किए गए थे. लेकिन मार्च महीने के बाद इन शिविरों का आयोजन बंद हो गया, जिससे गांव में रहने वाले मरीजों को इलाज भी मुहैया नहीं हो पा रहा है.

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बड़ी संख्या में होता है इलाज

चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार भ्रमण शील शल्य चिकित्सा इकाई द्वारा जयपुर, सीकर, कोटा, झुंझुनू, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ आदि जिलों में पहले पेज में 20 शिविरों का आयोजन किया गया. इस दौरान 18,644 कुल मरीजों की ओपीडी रही. वहीं, 2,626 मरीजों को चिन्हित करके उनके ऑपरेशन किए गए. इनमें से करीब 10,000 से अधिक मरीजों की अलग-अलग जांचे की गई. यह सभी शिविर जिलों में स्थित छोटे-छोटे कस्बों और गांवों में लगाए गए. इन शिविरों से हर साल करीब 20,000 से अधिक मरीज चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त करते हैं. लेकिन कोरोना की इस महामारी के बीच अब इन शिविरों का आयोजन बंद हो गया है.

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राजस्थान सरकार की ओर से चलाई जा रही ये चिकित्सा इकाई

संक्रमण का खतरा

भ्रमण शील शल्य चिकित्सा इकाई के डायरेक्टर डॉ. श्याम सुंदर ने बताया कि कोरोना महामारी के बाद जिलों में आयोजित होने वाले इन शिविरों को सरकार द्वारा बंद कर दिया गया है. क्योंकि, इन शिविरों में कोरोना जांच करने की सुविधा नहीं है तो ऐसे में संक्रमण का खतरा फैल सकता है.

अन्य जिलों में लगने थे शिविर

डॉ. श्याम सुंदर ने बताया कि मार्च के बाद विभाग द्वारा अन्य जिलों में भी शिविर लगाने की तैयारी विभाग में कर ली थी. लेकिन इसी दौरान कोरोना महामारी के कारण इन चिकित्सा शिविरों के आयोजन को स्थगित करना पड़ा. इस दौरान सभी चिकित्सकों की ड्यूटी भी कोरोना वारियर के रूप में लगा दी गई.

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