जयपुर. अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार से संबंधित मामलों में राहत देने और चालान पेश करने में बरती जा रही लापरवाही पर सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने नाराजगी जताई है. टीकाराम जूली ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आरोपियों के खिलाफ 60 दिन में चार्जशीट और 7 दिन में पीड़ित पक्ष को आर्थिक सहायता राशि दी जाए.
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली (Tika Ram Jully SC ST Atrocities Prevention Meeting) की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण को लेकर बैठक हुई. बैठक में जूली ने अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम/ यथा संशोधित नियम के तहत पीड़ित व्यक्तियों को राहत देने और उनके पुनर्वास की प्रगति की समीक्षा की.
बैठक समय पर करने के निर्देश
मंत्री जूली ने कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण तहत पीडित/आश्रित को 47 प्रकरणों में 85 हजार रूपये से 8 लाख 25 हजार रूपये की राहत राशि देने का प्रावधान है. राहत की प्रक्रिया में तेजी के लिए 13 दिसम्बर 2021 से हैल्पलाइन- टोल फ्री 1800-202 1989 की व्यवस्था की गई है. जूली ने अधिनियम के तहत गठित विभिन्न स्तरीय समितियों की बैठक समय पर आयोजित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि यह अधिनियम अपनी पूर्ण भावना के साथ तभी लागू हो सकता है , जब उपखंड स्तरीय सतर्कता एवं मॉनिटरिंग समिति की नियमित त्रैमासिक बैठकें आयोजित हों. उन्होंने गत एक वर्ष में हुई इन बैठकों का ब्यौरा प्रस्तुत करने के निर्देश दिए.
यह भी पढ़ें -Behror gang rape case : सरकार ने नीमराणा के मामले में तुरंत बनाई एसआईटी : टीकाराम जूली
बकाया मामलों पर नाराज
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने अत्याचार से संबंधित प्रकरणों में राहत और दोष सिद्धि के बकाया मामलों पर नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने इनकी विभिन्न स्तरों पर मॉनिटरिंग कर अगली बैठक से पूर्व अधिक से अधिक प्रकरण निस्तारित करने पर जोर दिया. उन्होंने पीड़ितों को दिए जाने वाले भत्तों की भी विस्तृत जानकारी मांगी. प्रकरणों में दोषी के खिलाफ चालान की प्रक्रिया 60 दिन में पूरी करने तथा जिला कलेक्टर स्तर पर राहत राशि देने की प्रक्रिया 7 दिन में पूरी करने में हो रही देरी पर भी नाराजगी जताते हुए समयबद्ध निस्तारण के निर्देश दिए.