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Nahargarh Biological Park : जल्द शुरू होगी टाइगर सफारी, ग्वालियर से लाया जाएगा Tiger - Rajasthan Hindi News

जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में जल्द टाइगर सफारी शुरू होने जा रही है, जिसके बाद जयपुर में चार सफारी हो जाएंगी. नाहरगढ़ में एक्सचेंज प्रोग्राम (Tiger Safari to start in Nahargarh Biological Park) के तहत ग्वालियर से एक टाइगर लाया जा रहा है. पूरे टाइगर सफारी को 30 हेक्टेयर में 7.5 करोड़ रुपये की लागत से डेवलप किया जाएगा.

Nahargarh Biological Park
जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में टाइगर सफारी
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Published : Jun 30, 2022, 7:13 PM IST

जयपुर. राजधानी जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में जल्द टाइगर सफारी शुरू होने वाली है. इसके लिए वन विभाग (Tiger Safari to start in Nahargarh Biological Park) ने टाइगर लाने की कवायद शुरू कर दी है. केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की अनुमति के बाद एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत सफारी के लिए मध्य प्रदेश के गांधी जूलॉजिकल पार्क ग्वालियर से 1 टाइगर नाहरगढ़ लाया जा रहा है. करीब 10 दिनों में बाघ को जयपुर लाने की तैयारी है.

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में टाइगर सफारी शुरू होने के बाद जयपुर में चार सफारी हो जाएंगी. जयपुर में झालाना लेपर्ड सफारी, आमागढ़ लेपर्ड सफारी, नाहरगढ़ लायन सफारी पहले से ही है. जिसके बाद अब टाइगर सफारी भी शुरू होने जा रही है. नाहरगढ़ की लायन सफारी पहले से ही पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. अब टाइगर सफारी भी पर्यटकों के लिए खासा आकर्षण का केंद्र रहेगी.

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में जल्द शुरू होगी टाइगर सफारी

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के एसीएफ जगदीश गुप्ता ने बताया कि नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में जेडीए की ओर से 1 साल में टाइगर सफारी का काम पूरा कर लिया जाएगा. सफारी के लिए टाइगर लाने की कवायद शुरू कर दी गई है. आने वाले दिनों में एक मेल टाइगर ग्वालियर चिड़ियाघर से लाया जा रहा है. सेंट्रल जू अथॉरिटी की परमिशन मिल गई है. करीब 10 दिनों में ग्वालियर से टाइगर जयपुर लाया जाएगा. एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत लाए जा रहे टाइगर के बदले एक इंडियन वुल्फ का जोड़ा, एक इंडियन फॉक्स का जोड़ा और एक पैंथर दिया जाएगा. इसके अलावा सेंट्रल जू अथॉरिटी की परमिशन मिलते ही नागपुर से 2 फीमेल टाइगर नाहरगढ़ लाए जाएंगे.

पढ़ें. Special : एक ही टाइगर के भरोसे शुरू होगी मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी...

इंडियन वुल्फ के बदले मिल जाते हैं वन्यजीव : जगदीश गुप्ता ने बताया कि इंडियन वुल्फ की देश के अन्य चिड़ियाघरों में काफी डिमांड रहती है. जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में इंडियन वुल्फ का सफल प्रजनन हुआ है, जिसके चलते यहां इनकी अच्छी तादाद है. इंडियन वुल्फ के बदले कोई भी वन्यजीव बड़ी आसानी से एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत मिल जाता है. हर साल नाहरगढ़ पार्क में इंडियन वुल्फ का सफल प्रजनन होता है.

Tiger Safari to start in Nahargarh Biological Park in Jaipur
30 हेक्टेयर एरिया में विकसित की जाएगी टाइगर सफारी

30 हेक्टेयर एरिया में विकसित की जाएगी टाइगर सफारी : नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में करीब 30 हेक्टेयर एरिया में टाइगर सफारी विकसित की जाएगी. सेंट्रल जू अथॉरिटी के नियमों के अनुसार 5 फीट ऊंची फेंसिंग की जाएगी. 10 नाइट शेल्टर बनाए जाएंगे जहां रात्रि के समय वन्यजीव को रखा जाएगा. करीब 8 किलोमीटर लंबा टाइगर सफारी ट्रैक बनाया जाएगा. वन्यजीवों के पानी पीने के लिए वाटर बॉडीज बनाई जाएगी. टाइगर सफारी में छायादार पेड़-पौधे लगाए जाएंगे, ताकि पूरे 12 महीने हरियाली बनी रहे. जूली फ्लोरा का उन्मूलन करने के बाद ग्रास लैंड भी विकसित की जाएगी. सफारी में टाइगर स्वच्छंद रूप से वातावरण का लुत्फ उठा सकेंगे.

पढ़ें : जयपुर का झालाना लेपर्ड सफारी अब हुआ महंगा, जिप्सी बुकिंग की दरों में वृद्धि

टाइगर सफारी के लिए 7.5 करोड़ रुपए का बजट : जगदीश गुप्ता ने बताया कि टाइगर ज्यादातर अकेला रहना पसंद करता है. इसके चलते शुरुआत में टाइगर सफारी में एक टाइगर छोड़ा जाएगा. फिर टाइगर का जोड़ा बनाया जाएगा, ताकि भविष्य में शावक होकर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकें. टाइगर के प्रजनन के लिए अच्छा केंद्र डेवलप किया जाएगा. टाइगर सफारी को विकसित करने के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी की जा रही है. टाइगर सफारी के लिए करीब 7.5 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है.

जयपुर. राजधानी जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में जल्द टाइगर सफारी शुरू होने वाली है. इसके लिए वन विभाग (Tiger Safari to start in Nahargarh Biological Park) ने टाइगर लाने की कवायद शुरू कर दी है. केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की अनुमति के बाद एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत सफारी के लिए मध्य प्रदेश के गांधी जूलॉजिकल पार्क ग्वालियर से 1 टाइगर नाहरगढ़ लाया जा रहा है. करीब 10 दिनों में बाघ को जयपुर लाने की तैयारी है.

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में टाइगर सफारी शुरू होने के बाद जयपुर में चार सफारी हो जाएंगी. जयपुर में झालाना लेपर्ड सफारी, आमागढ़ लेपर्ड सफारी, नाहरगढ़ लायन सफारी पहले से ही है. जिसके बाद अब टाइगर सफारी भी शुरू होने जा रही है. नाहरगढ़ की लायन सफारी पहले से ही पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. अब टाइगर सफारी भी पर्यटकों के लिए खासा आकर्षण का केंद्र रहेगी.

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में जल्द शुरू होगी टाइगर सफारी

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के एसीएफ जगदीश गुप्ता ने बताया कि नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में जेडीए की ओर से 1 साल में टाइगर सफारी का काम पूरा कर लिया जाएगा. सफारी के लिए टाइगर लाने की कवायद शुरू कर दी गई है. आने वाले दिनों में एक मेल टाइगर ग्वालियर चिड़ियाघर से लाया जा रहा है. सेंट्रल जू अथॉरिटी की परमिशन मिल गई है. करीब 10 दिनों में ग्वालियर से टाइगर जयपुर लाया जाएगा. एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत लाए जा रहे टाइगर के बदले एक इंडियन वुल्फ का जोड़ा, एक इंडियन फॉक्स का जोड़ा और एक पैंथर दिया जाएगा. इसके अलावा सेंट्रल जू अथॉरिटी की परमिशन मिलते ही नागपुर से 2 फीमेल टाइगर नाहरगढ़ लाए जाएंगे.

पढ़ें. Special : एक ही टाइगर के भरोसे शुरू होगी मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में जंगल सफारी...

इंडियन वुल्फ के बदले मिल जाते हैं वन्यजीव : जगदीश गुप्ता ने बताया कि इंडियन वुल्फ की देश के अन्य चिड़ियाघरों में काफी डिमांड रहती है. जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में इंडियन वुल्फ का सफल प्रजनन हुआ है, जिसके चलते यहां इनकी अच्छी तादाद है. इंडियन वुल्फ के बदले कोई भी वन्यजीव बड़ी आसानी से एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत मिल जाता है. हर साल नाहरगढ़ पार्क में इंडियन वुल्फ का सफल प्रजनन होता है.

Tiger Safari to start in Nahargarh Biological Park in Jaipur
30 हेक्टेयर एरिया में विकसित की जाएगी टाइगर सफारी

30 हेक्टेयर एरिया में विकसित की जाएगी टाइगर सफारी : नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में करीब 30 हेक्टेयर एरिया में टाइगर सफारी विकसित की जाएगी. सेंट्रल जू अथॉरिटी के नियमों के अनुसार 5 फीट ऊंची फेंसिंग की जाएगी. 10 नाइट शेल्टर बनाए जाएंगे जहां रात्रि के समय वन्यजीव को रखा जाएगा. करीब 8 किलोमीटर लंबा टाइगर सफारी ट्रैक बनाया जाएगा. वन्यजीवों के पानी पीने के लिए वाटर बॉडीज बनाई जाएगी. टाइगर सफारी में छायादार पेड़-पौधे लगाए जाएंगे, ताकि पूरे 12 महीने हरियाली बनी रहे. जूली फ्लोरा का उन्मूलन करने के बाद ग्रास लैंड भी विकसित की जाएगी. सफारी में टाइगर स्वच्छंद रूप से वातावरण का लुत्फ उठा सकेंगे.

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टाइगर सफारी के लिए 7.5 करोड़ रुपए का बजट : जगदीश गुप्ता ने बताया कि टाइगर ज्यादातर अकेला रहना पसंद करता है. इसके चलते शुरुआत में टाइगर सफारी में एक टाइगर छोड़ा जाएगा. फिर टाइगर का जोड़ा बनाया जाएगा, ताकि भविष्य में शावक होकर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन सकें. टाइगर के प्रजनन के लिए अच्छा केंद्र डेवलप किया जाएगा. टाइगर सफारी को विकसित करने के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी की जा रही है. टाइगर सफारी के लिए करीब 7.5 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है.

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