जयपुर. राजधानी जयपुर के जमवारामगढ़ इलाके में टाइगर की दस्तक (Tiger in Jamvaramgarh area) से लोगों में दहशत का माहौल बन गया है. जमवारामगढ़ में करीब 32 साल बाद टाइगर का मूवमेंट देखने को मिला है. वन रेंज के झोल नाके के पापड़ गांव में टाइगर के पग मार्क देखे गए हैं. सरिस्का वन क्षेत्र से जमवारामगढ़ में टाइगर का मूवमेंट (Tiger movement in Jamvaramgarh area) हुआ है. झोल नाके के पास ही टाइगर ने भैंस का शिकार भी किया है. वन विभाग की टीम सर्च अभियान चला रही है.
सरिस्का टाइगर रिजर्व की ट्रैकिंग टीम मौके पर सर्च कर रही है. सरिस्का टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने ट्रैकर्स को ग्रामीणों से समन्वय के निर्देश दिए हैं. पग मार्क के आसपास के क्षेत्र में ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं. अंतिम बार 1990 में जमवारमगढ़ क्षेत्र में टाइगर दिखा था. 32 साल बाद फिर से जमवारामगढ़ में बाघ की दस्तक हुई है. जानकारों की मानें तो सरिस्का के जंगल से निकलकर टाइगर 2 दिन से जमवारामगढ़ इलाके में मूवमेंट कर रहा है. सरिस्का जंगल से करीब 70 किलोमीटर चलकर टाइगर राजधानी जयपुर के जमवारामगढ़ इलाके में पहुंचा है. रणथंभौर के बाद अब सरिस्का के टाइगर भी इधर-उधर भटकते हुए नजर आ रहे हैं. गुरुवार रात को सरिस्का का टाइगर भटकते- भटकते राजधानी के जमवारामगढ़ इलाके में पहुंच गया.
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वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो सरिस्का से 70 किमी चलकर टाइगर एसटी-24 जमवारामगढ़ पहुंचा है. टाइगर 2 दिन से जमवारामगढ़ इलाके में मूवमेंट कर रहा है. इससे पहले करीब 32 साल पहले साल 1990 में टाइगर जमवारामगढ़ में आया था. वन विभाग की टीम ने जमवारामगढ़ के गांवो में सर्च अभियान चला रखा है. गांव में मिले पगमार्क से टाइगर का पीछा किया जा रहा है. वन विभाग ने वहां मिले पगमार्क से टाइगर होने की पुष्टि की है.