जयपुर. राजस्थान में जयपुर शहर के 33 मंडलों के कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने घरों और कार्यालयों पर तख्तियां दिखाकर प्रदर्शन किया. हाल ही में जयपुर शहर के रामगंज इलाके में समुदाय विशेष के धर्मगुरु हाजी रफत के जनाजे में हजारों की संख्या में आई भीड़ ने लॉकडाउन नियमों की धज्जियां उड़ाई. इस जनाजे में राजस्थान पुलिस की मौजूदगी में जमकर कोरोना गाइडलाइंस का उल्लंघन किया गया.
भाजपा शहर अध्यक्ष राघव शर्मा के नेतृत्व में सभी 33 मंडल कार्यकर्ताओ के अलावा पार्षद चेयरमैन और वार्ड के कार्यकर्ताओं ने इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया. भारतीय जनता पार्टी जयपुर शहर अध्यक्ष राघव शर्मा ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार के द्वारा तुष्टिकरण की नीति चरम पर है. जहां एक ओर कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं करने पर अन्य धर्म संप्रदायों के लोगों के साथ सख्त कार्रवाई होती है, वहीं कांग्रेस के स्थानीय विधायकों की मौजूदगी में समुदाय विशेष के लोग कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं करते. तब उन पर सरकार कार्रवाई क्यों नहीं करती. यह पूरी तरह से गलत है.
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पुलिस पूरे प्रकरण में मूक दर्शक बनकर देखती रह जाती है, इससे यह स्पष्ट होता है कि गहलोत सरकार केवल वोट बैंक की राजनीति करती है और अन्य धर्मों के साथ दोहरा भेदभाव कर रही है. भारतीय जनता पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है, वह सर्वधर्म समभाव की मान्यता पर काम करती है. ऐसे में कांग्रेस का तुष्टीकरण जनता के साथ भेदभाव है.
भाजपा की चेतावनी...
राघव शर्मा ने कहा कि कार्रवाई के नाम पर जो खानापूर्ति की जा रही है, वह जनता से छुपी नहीं है. जब अन्य धर्म समाज के लोगों के द्वारा गाइडलाइंस उल्लंघन पर एक लाख तक का जुर्माना मौके पर ही ठोक दिया जाता है तो फिर समुदाय के दोषी लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई क्यों नहीं हुई. राघव शर्मा ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि यह सांकेतिक प्रदर्शन है. यदि सरकार ने जिन 11 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया है, उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो भाजपा इस विरोध-प्रदर्शन को बड़े स्वरूप में करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार सीआईडी से जांच कराकर मामले को ठंडे बस्ते में नहीं डाले.