जयपुर. राजभवन में गुरुवार को सैनिक कल्याण बोर्ड की 13 वीं बैठक आयोजित हुई. जिसे संबोधित करते हुए राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा, कि सैनिकों का जीवन कठिन होता है. वो अपनी जान की परवाह ना करते हुए हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं.
राज्यपाल ने कहा, कि एक संजीदा नागरिक के रूप में हमारा भी कर्तव्य है, कि हम ऐसी विषम परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सुनिश्चित करें, कि सैनिकों, वीरांगनाओं और सैनिक परिवार के आश्रितों को किसी तरह की परेशानी ना हो और इनका जीवन यापन निर्बाध रूप से हो सके.
बैठक में सैनिक कल्याण मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ,मुख्य सचिव डी बी गुप्ता, सहित सैनिक कल्याण विभाग और भारतीय सेना के कई अधिकारी मौजूद रहे. इस दौरान राज्यपाल ने कहा, कि सैनिक कल्याण बोर्ड की स्थापना सैनिकों के कल्याण संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए हुई थी.
राज्यपाल ने जोर दिया, कि निर्बाध जीवनयापन के लिए जरूरी है, कि भूतपूर्व सैनिक वीरांगनाओं और उनके परिवार के आश्रितों को कौशल विकास से जोड़ा जाए. राज्यपाल ने कहा, कि राजस्थान में देश का पहला कौशल विश्वविद्यालय भी स्थापित है, जो इस कार्य में सहयोग कर सकता है.
यह भी पढ़ेंः कांस्टेबल भर्ती: आवेदनकर्ताओं के लिए बड़ी खुशखबरी, 438 पदों की हुई वृद्धि
राज्यपाल ने कहा, कि राज्य सरकार भूतपूर्व सैनिक के लिए जनरल इंश्योरेंस की सुविधाओं पर विचार कर सकती है. राज्य सरकार को स्वरोजगार के लिए भूतपूर्व सैनिकों को ब्याज अनुदान दिए जाने पर भी विचार करना चाहिए.