जयपुर. संविदा कैडर की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे कोविड स्वास्थ्य सहायकों को एक बार फिर झटका लगा है. सीएचए अभ्यर्थियों की प्रशासनिक अधिकारियों के साथ तीसरे दौर की वार्ता फिर विफल हो गई है . इसके साथ कोविड स्वास्थ्य सहायकों ने 43 दिन से चल रहे आंदोलन (CHA workers on protest in jaipur) को जारी रखने का फैसला किया है.
प्रतिनिधिमंडल की वार्ता रही विफल
सीएचए संघर्ष समिति के अध्यक्ष रवि चावला ने बताया कि सचिवालय में सीएचए प्रतिनिधिमंडल को सरकार के प्रशासनिक अधिकारी ने वार्ता के लिए बुलाया था, लेकिन यह वार्ता विफल रही. सीएचए अभ्यर्थियों ने चिकित्सा सचिव डॉ. पृथ्वी के साथ वार्ता हुई जिसमें डॉ. पृथ्वी ने कोविड स्वास्थ्य सहायकों को अर्जेन्ट टेंपरेरी बेस प्राथमिकता के साथ आने की बात की लेकिन सीएचए अभ्यर्थियों ने कहा कि अगर सरकार हमारे बारे में संवेदनशील है तो सीधे खाली पदों पर संविदा कैडर के आधार पर नियुक्ति दे.
पढ़ें. चिकित्सा मंत्री के बयान पर भड़के कोविड सहायक, दिल्ली कूच का एलान...सोनिया गांधी के आवास पर देंगे धरना
रवि चावला ने कहा कि यह हमारी प्रशासनिक अधिकारियों के साथ तीसरे दौर की वार्ता थी. इससे पहले वित्त विभाग के प्रमुख शासन सचिव अखिल अरोड़ा से वार्ता हुई थी. उसके बाद दूसरी और तीसरे दौर की वार्ता चिकित्सा सचिव डॉ. पृथ्वी के साथ हुई लेकिन सभी एक ही बात बोलते हैं कि आंदोलन खत्म कर दें हम जल्द ही कुछ अच्छा करेंगे. रवि ने कहा कि प्रदेश के 25 हजार से अधिक कोविड स्वास्थ्य सहायक बेरोजगार हुए जो सरकार से रोजगार देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन हमारी मांग पूरी करने की जगह सिर्फ आंदोलन समाप्त करने का आग्रह किया जा रहा है. सीएचए अभ्यर्थियों ने कहा कि 31 मार्च से बेरोजगार हुए कोविड स्वास्थ्य सहायकों को जब तक संविदा पर लगाकर रोजगार नहीं दिया जाता, आंदोलन जारी रहेगा.
43 दिन से शहीद स्मारक पर चल रहा धरना
CHA रवि चावला ने कहा कि पिछले 43वें दिन से जयपुर में शहीद स्मारक पर कोविड स्वास्थ्य सहायकों का धरना जारी है. सरकार की ओर से लगातार यह आश्वासन दिया जा रहा है कि हमारी मांगों को लेकर सकारात्मक कदम उठाने को लेकर विचार हो रहा है. इतना ही नहीं कोविड सहायकों से मिलने पक्ष और विपक्ष के तमाम नेता आए और आश्वासन दिया, लेकिन निर्णय कुछ नहीं हो सका. जबकि यही वह कोविड स्वास्थ्य सहायक है जो कोरोना महामारी में जनता की सेवा में डटे हुए थे.
सरकार रोजगार दे तो परिवार का पेट पालें: कोविड सहायक रवि चावला ने कहा कि जब कोरोना संक्रमण का वक्त आया तो गहलोत सरकार ने हम कोविड सहायकों को नौकरी पर रख लिया, लेकिन जब संक्रमण खत्म हुआ तो निकाल दिया. सरकार ने प्रदेश के 25000 कोविड सहायकों के बारे में एक बार भी नहीं सोचा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग है कि वह उनके रोजगार के बारे में सोचें ताकि वे परिवार का पेट पाल सकें.
कोविड स्वास्थ्य सहायकों की सरकार से मांग
कोविड-19 की दूसरी लहर में स्वास्थ्य के क्षेत्र में राजस्थान सरकार की ओर से कोविड स्वास्थ्य सहायक लिए गए थे जिनकी योग्यता जीएनएम और बीएससी नर्सिंग है. अभी 31 एएनएम मार्च 2022 को उनकी सेवाएं निरस्त कर दी गईं थीं. तब से इनकी मांगें हैं कि स्वास्थ्य सहायकों की भर्ती नर्स ग्रेड योग्यता अनुसार हुई थीं तो उनको योग्यता अनुसार मूल संवर्ग में शामिल करते हुए संविदा कैडर 2022 में शामिल किया जाए. CHA सेवाएं 1 अप्रैल 2022 से नियमित मानी जाए. इसके साथ कोविड स्वास्थ्य सहायकों को योग्यता अनुसार सम्मानजनक वेतन दिया जाना चाहिए.