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NFSA का लाभ लेने वाले सरकारी कर्मचारियों से होगी वसूली, रिकवरी जमा न करने पर होगी FIR

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत लाभ लेने वाले सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों से अब 27 रुपये प्रति किलो अनाज के अनुसार वसूली की जाएगी. 15 दिनों में कर्मचारियों से वसूली की जाएगी.

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NFSA का लाभ लेने वाली कर्मचारियों से वसूली
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Published : Sep 16, 2021, 3:15 PM IST

जयपुर. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के पात्र परिवारों को खाद्यान्न और अन्य प्रकार की सुविधाएं भी दी जाती हैं लेकिन राजकीय अधिकारियों/कर्मचारियों की ओर से खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के नियमों का उल्लघंन किया जा रहा है. विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी अवैध रूप से इस योजना का लाभ ले रहे हैं. ऐसे कर्मचारियों से अगले 15 दिन में वसूली की जायेगी.

यदि सरकारी अधिकारी और कर्मचारी रिकवरी जमा नहीं कराते हैं तो उनके खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज कराई जाएगी. इसके साथ ही अखबार में भी नाम प्रकाशित कराया जाएगा. जिला रसद अधिकारी (द्वितीय) प्रतिभा पारीक ने बताया कि जिन राजकीय अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से खाद्य सुरक्षा अधिनियम नियमों का उल्लंघन कर योजना का गलत लाभ लिया गया है, उन कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी.

पढ़ें: CM का PM को पत्र : बढ़ी जनसंख्या के अनुरूप हो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों का निर्धारण

6215 में से 3424 से की गई वसूली

प्रतिभा पारीक ने बताया कि पिछले वर्ष जयपुर जिले में सर्वे करवाया गया था. सर्वे में सामने आया कि राजकीय अधिकारी-कर्मचारियों ने भी इस योजना का अनुचित लाभ उठाया है. जांच में सामने आया कि 6215 राजकीय अधिकारी-कर्मचारियो ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का गलत तरीके से लाभ उठाया है. इनमें से 3424 दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों से वसूली भी हो चुकी है. शेष रह गए 2791 अधिकारियों-कर्मचरियों से वसूली की कार्रवाई की जानी है.

पढ़ें: पात्र लोगों के केद्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में नाम नहीं जुड़ने से बीजेपी हमलावर, गहलोत सरकार को बताया जिम्मेदार

27 रुपये प्रति किलो की दर से होगी वसूली

उन्होंने बताया कि ऐसे राजकीय अधिकारी एवं कर्मचारी जो खाद्य सुरक्षा सूची में शामिल हैं तथा खाद्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत गेहूं प्राप्त किया है, वे 30 सितम्बर तक रिकवरी राशि इकोनोमिक लागत एवं विभागीय खर्च के आधार पर 27 रुपये प्रति किग्रा की दर से रुपये जमा नहीं करवाता है तो ऐसे कर्मचारी और अधिकारियों का नाम अखबार में प्रकाशित किया जायेगा.

ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज करवाई जायेगी. साथ ही उनके मूल विभाग को पत्र भेजकर उनके वेतन से वसूली राशि की कटौती कर संबंधित अधिकारी-कर्मचारी के विरुद्ध विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए भी लिखा जाएगा.

जयपुर. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (NFSA) के पात्र परिवारों को खाद्यान्न और अन्य प्रकार की सुविधाएं भी दी जाती हैं लेकिन राजकीय अधिकारियों/कर्मचारियों की ओर से खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के नियमों का उल्लघंन किया जा रहा है. विभाग के कई अधिकारी और कर्मचारी अवैध रूप से इस योजना का लाभ ले रहे हैं. ऐसे कर्मचारियों से अगले 15 दिन में वसूली की जायेगी.

यदि सरकारी अधिकारी और कर्मचारी रिकवरी जमा नहीं कराते हैं तो उनके खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज कराई जाएगी. इसके साथ ही अखबार में भी नाम प्रकाशित कराया जाएगा. जिला रसद अधिकारी (द्वितीय) प्रतिभा पारीक ने बताया कि जिन राजकीय अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से खाद्य सुरक्षा अधिनियम नियमों का उल्लंघन कर योजना का गलत लाभ लिया गया है, उन कर्मचारियों पर कार्रवाई होगी.

पढ़ें: CM का PM को पत्र : बढ़ी जनसंख्या के अनुरूप हो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों का निर्धारण

6215 में से 3424 से की गई वसूली

प्रतिभा पारीक ने बताया कि पिछले वर्ष जयपुर जिले में सर्वे करवाया गया था. सर्वे में सामने आया कि राजकीय अधिकारी-कर्मचारियों ने भी इस योजना का अनुचित लाभ उठाया है. जांच में सामने आया कि 6215 राजकीय अधिकारी-कर्मचारियो ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना का गलत तरीके से लाभ उठाया है. इनमें से 3424 दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों से वसूली भी हो चुकी है. शेष रह गए 2791 अधिकारियों-कर्मचरियों से वसूली की कार्रवाई की जानी है.

पढ़ें: पात्र लोगों के केद्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में नाम नहीं जुड़ने से बीजेपी हमलावर, गहलोत सरकार को बताया जिम्मेदार

27 रुपये प्रति किलो की दर से होगी वसूली

उन्होंने बताया कि ऐसे राजकीय अधिकारी एवं कर्मचारी जो खाद्य सुरक्षा सूची में शामिल हैं तथा खाद्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत गेहूं प्राप्त किया है, वे 30 सितम्बर तक रिकवरी राशि इकोनोमिक लागत एवं विभागीय खर्च के आधार पर 27 रुपये प्रति किग्रा की दर से रुपये जमा नहीं करवाता है तो ऐसे कर्मचारी और अधिकारियों का नाम अखबार में प्रकाशित किया जायेगा.

ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत संबंधित थाने में एफआईआर दर्ज करवाई जायेगी. साथ ही उनके मूल विभाग को पत्र भेजकर उनके वेतन से वसूली राशि की कटौती कर संबंधित अधिकारी-कर्मचारी के विरुद्ध विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए भी लिखा जाएगा.

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