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जयपुरः प्रांतीय शैक्षिक सम्मेलन की तिथियों को बदलने की उठी मांग

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Published : Nov 6, 2019, 1:04 AM IST

राजस्थान के समस्त जिलों में शिक्षा विभाग की ओर से 6 और 7 दिसंबर को प्रांतीय शैक्षिक सम्मेलन आयोजित करने की नवीन तिथियां घोषित की गई है. लेकिन ये नई तिथियां भी विवादास्पद बन गई है. जिसका प्रमुख कारण ये है कि पूरे प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में शिविरा पंचांग के अनुसार अर्धवार्षिक परीक्षाएं 10 से 23 दिसंबर को आयोजित होनी है.

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जयपुर. माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से राजस्थान के समस्त जिलों में शिक्षा विभाग की ओर से 6 और 7 दिसंबर को प्रांतीय शैक्षिक सम्मेलन आयोजित करने की नवीन तिथियां घोषित की गई है. लेकिन एक बार फिर से ये नई तिथियां भी विवादास्पद बन गई है. जिसका प्रमुख कारण ये है कि पूरे प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में शिविरा पंचांग के अनुसार अर्धवार्षिक परीक्षाएं 10 से 23 दिसंबर को आयोजित होनी है.

प्रांतीय शैक्षिक सम्मेलन की तिथि बदलने की उठी मांग

वहीं, इससे पहले 8 को रविवार और 9 को परीक्षा की तैयारी अवकाश होने से परीक्षा से ठीक पूर्व छात्रों की 4 दिन की छुट्टियां हो जाएगी. साथ ही सभी जिलों में जिला समान परीक्षा के प्रश्न पत्र वितरण का कार्य भी 6 या 7 को ही करना पड़ेगा. जिससे सभी संस्था प्रधान, परीक्षा प्रभारी और एकाधिक शिक्षक शैक्षिक सम्मेलनों में जाने से वंचित हो जाएंगे.

बता दें कि विद्यार्थियों की शैक्षणिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) की ओर से मुख्यमंत्री, शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, प्रमुख शिक्षा सचिव, निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर को मंगलवार को ज्ञापन भेजकर नवीन तिथियों में भी संशोधन की मांग की गई है. संघ के प्रदेश अध्यक्ष गिरीश कुमार शर्मा ने सरकार और शिक्षा निदेशालय से फरवरी 2020 में प्रांतीय शैक्षिक सम्मेलन करवाने की मांग की है.

पढ़ेंः निकाय चुनाव में भाजपा ने 162 वार्डों में नहीं उतारे प्रत्याशी, निर्दलीयों का करेगी समर्थन

निष्ठा का राष्ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण शिविर 5 से

राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील के प्रदेश अध्यक्ष गिरीश कुमार शर्मा ने बताया कि शैक्षिक सम्मेलन की तिथियों के तत्काल बाद प्रदेश भर में अर्धवार्षिक परीक्षाएं शुरू होनी है. वहीं दूसरी ओर 5 और 6 दिसंबर को प्रदेश में निष्ठा के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन होगा, जिसमें प्रदेश के सैकड़ों शिक्षक शामिल होंगे.

65 हजार स्कूलों में शैक्षणिक कार्य हो जाएंगे ठप्प

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में पंचायती चुनाव को लेकर निर्वाचन नामावली संशोधन विशेष अभियान भी 7 और 8 दिसंबर को चलाया जाएगा. इस अभियान में भी राज्यभर के सैकड़ों शिक्षक कार्यरत होंगे. जिससे परीक्षा से ठीक एक सप्ताह पूर्व प्रदेश के 65 हजार स्कूलों से अधिक स्कूलों में शिक्षण कार्य ठप हो जाएगा.

साथ ही प्रदेश के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की शैक्षणिक व्यवस्था सुचारू रूप से बनी रहे और शिक्षकों को भी शैक्षिक सम्मेलन के बीच परेशानी ना हो. इसको दृष्टिगत रखते हुए शिक्षक संगठनों ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर को ज्ञापन भेजकर नवीन तिथियों में भी संशोधन करने की मांग की है.

पढ़ेंः हाईकोर्ट ने जलस्त्रोतों पर हुए अतिक्रमण को लेकर राज्य सरकार से मांगी विस्तृत जानकारी

अरस्तु के प्रदेशाध्यक्ष राम कृष्णा अग्रवाल ने कहा कि प्रांतीय शैक्षिक सम्मेलन की हाल ही में घोषित तिथियों में पुनर्विचार की आवश्यकता है. वहीं जिला शिक्षा अधिकारी रामचंद्र पिलानिया ने कहा कि शिक्षक संघों की नवीन तिथियों पर भी संकट के बादल आ गए है. क्योंकि 10 दिसंबर से अर्धवार्षिक परीक्षा शुरू हो रही है. इससे पूर्व एक सप्ताह तक समस्त शिक्षक विभिन्न गतिविधियों में संग्लन रहेंगे. जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई ठप हो जाएगी. विभाग शिक्षक संघों की मांग पर पूर्ण विचार करेगा और जल्द ही नई तिथियां घोषित करेगा.

जयपुर. माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से राजस्थान के समस्त जिलों में शिक्षा विभाग की ओर से 6 और 7 दिसंबर को प्रांतीय शैक्षिक सम्मेलन आयोजित करने की नवीन तिथियां घोषित की गई है. लेकिन एक बार फिर से ये नई तिथियां भी विवादास्पद बन गई है. जिसका प्रमुख कारण ये है कि पूरे प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में शिविरा पंचांग के अनुसार अर्धवार्षिक परीक्षाएं 10 से 23 दिसंबर को आयोजित होनी है.

प्रांतीय शैक्षिक सम्मेलन की तिथि बदलने की उठी मांग

वहीं, इससे पहले 8 को रविवार और 9 को परीक्षा की तैयारी अवकाश होने से परीक्षा से ठीक पूर्व छात्रों की 4 दिन की छुट्टियां हो जाएगी. साथ ही सभी जिलों में जिला समान परीक्षा के प्रश्न पत्र वितरण का कार्य भी 6 या 7 को ही करना पड़ेगा. जिससे सभी संस्था प्रधान, परीक्षा प्रभारी और एकाधिक शिक्षक शैक्षिक सम्मेलनों में जाने से वंचित हो जाएंगे.

बता दें कि विद्यार्थियों की शैक्षणिक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) की ओर से मुख्यमंत्री, शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, प्रमुख शिक्षा सचिव, निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर को मंगलवार को ज्ञापन भेजकर नवीन तिथियों में भी संशोधन की मांग की गई है. संघ के प्रदेश अध्यक्ष गिरीश कुमार शर्मा ने सरकार और शिक्षा निदेशालय से फरवरी 2020 में प्रांतीय शैक्षिक सम्मेलन करवाने की मांग की है.

पढ़ेंः निकाय चुनाव में भाजपा ने 162 वार्डों में नहीं उतारे प्रत्याशी, निर्दलीयों का करेगी समर्थन

निष्ठा का राष्ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण शिविर 5 से

राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील के प्रदेश अध्यक्ष गिरीश कुमार शर्मा ने बताया कि शैक्षिक सम्मेलन की तिथियों के तत्काल बाद प्रदेश भर में अर्धवार्षिक परीक्षाएं शुरू होनी है. वहीं दूसरी ओर 5 और 6 दिसंबर को प्रदेश में निष्ठा के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन होगा, जिसमें प्रदेश के सैकड़ों शिक्षक शामिल होंगे.

65 हजार स्कूलों में शैक्षणिक कार्य हो जाएंगे ठप्प

प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में पंचायती चुनाव को लेकर निर्वाचन नामावली संशोधन विशेष अभियान भी 7 और 8 दिसंबर को चलाया जाएगा. इस अभियान में भी राज्यभर के सैकड़ों शिक्षक कार्यरत होंगे. जिससे परीक्षा से ठीक एक सप्ताह पूर्व प्रदेश के 65 हजार स्कूलों से अधिक स्कूलों में शिक्षण कार्य ठप हो जाएगा.

साथ ही प्रदेश के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की शैक्षणिक व्यवस्था सुचारू रूप से बनी रहे और शिक्षकों को भी शैक्षिक सम्मेलन के बीच परेशानी ना हो. इसको दृष्टिगत रखते हुए शिक्षक संगठनों ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर को ज्ञापन भेजकर नवीन तिथियों में भी संशोधन करने की मांग की है.

पढ़ेंः हाईकोर्ट ने जलस्त्रोतों पर हुए अतिक्रमण को लेकर राज्य सरकार से मांगी विस्तृत जानकारी

अरस्तु के प्रदेशाध्यक्ष राम कृष्णा अग्रवाल ने कहा कि प्रांतीय शैक्षिक सम्मेलन की हाल ही में घोषित तिथियों में पुनर्विचार की आवश्यकता है. वहीं जिला शिक्षा अधिकारी रामचंद्र पिलानिया ने कहा कि शिक्षक संघों की नवीन तिथियों पर भी संकट के बादल आ गए है. क्योंकि 10 दिसंबर से अर्धवार्षिक परीक्षा शुरू हो रही है. इससे पूर्व एक सप्ताह तक समस्त शिक्षक विभिन्न गतिविधियों में संग्लन रहेंगे. जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई ठप हो जाएगी. विभाग शिक्षक संघों की मांग पर पूर्ण विचार करेगा और जल्द ही नई तिथियां घोषित करेगा.

Intro:जयपुर- माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से राजस्थान के समस्त जिलों में शिक्षा विभाग की ओर से 6 व 7 दिसंबर को प्रांतीय शैक्षिक सम्मेलन आयोजित करने की नवीन तिथियां घोषित की गई है लेकिन एक बार फिर से ये नई तिथियों भी विवादास्पद बन गई है। जिसका प्रमुख कारण ये है कि पूरे प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में शिवरा पंचांग के अनुसार अर्धवार्षिक परीक्षाएं 10 से 23 दिसंबर को आयोजित होनी है। वही इससे पहले 8 को रविवार और 9 को परीक्षा की तैयारी अवकाश होने से परीक्षा से ठीक पूर्व छात्रों की 4 दिन की छुट्टियां हो जाएगी। साथ ही सभी जिलों में जिला समान परीक्षा के प्रश्न पत्र वितरण का कार्य भी 6 या 7 को ही करना पड़ेगा। जिससे सभी संस्था प्रधान, परीक्षा प्रभारी एवं एकाधिक शिक्षक शैक्षिक सम्मेलनों में जाने से वंचित हो जाएंगे।

विद्यार्थियों की शैक्षणिक व्यवस्था को सुचारू चलाने के लिए राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील) की ओर से मुख्यमंत्री, शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, प्रमुख शिक्षा सचिव, निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर को मंगलवार को ज्ञापन भेजकर नवीन तिथियों में भी संशोधन की मांग की गई है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष गिरीश कुमार शर्मा ने सरकार व शिक्षा निदेशालय से फरवरी 2020 में प्रांतीय शैक्षिक सम्मेलन करवाने की मांग की है।

निष्ठा का राष्ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण शिविर 5 से
राजस्थान शिक्षक संघ प्रगतिशील के प्रदेश अध्यक्ष गिरीश कुमार शर्मा ने बताया कि शैक्षिक सम्मेलन की तिथियों के तत्काल बाद प्रदेश भर में अर्धवार्षिक परीक्षाएं शुरू होनी है। वहीं दूसरी और 5 व 6 दिसंबर को प्रदेश में निष्ठा के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन होगा जिसमें प्रदेश के सैकड़ों शिक्षक शामिल होंगे।

65 हजार स्कूलों में शैक्षणिक कार्य हो जाएंगे ठप्प
उन्होंने बताया कि इसके अलावा प्रदेश में पंचायती चुनाव को लेकर निर्वाचन नामावली संशोधन विशेष अभियान भी 7 व 8 दिसंबर को चलाया जाएगा। इस अभियान में भी राज्यभर के सैकड़ों शिक्षक कार्यरत होंगे जिससे परीक्षा से ठीक एक सप्ताह पूर्व प्रदेश के 65 हजार स्कूलों से अधिक स्कूलों में शिक्षण कार्य ठप हो जाएगा प्रदेश के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की शैक्षणिक व्यवस्था सुचारू रूप से बनी रहे व शिक्षकों को भी शैक्षिक सम्मेलन के बीच परेशानी ना हो। इसको दृष्टिगत रखते हुए शिक्षक संगठनों ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर को ज्ञापन भेजकर नवीन तिथियों में भी संशोधन करने की मांग की है।

अरस्तु के प्रदेशाध्यक्ष राम कृष्णा अग्रवाल ने कहा कि प्रांतीय शैक्षिक सम्मेलन की हाल ही में घोषित तिथियों में पुनर्विचार की आवश्यकता है।


Body:जिला शिक्षा अधिकारी रामचंद्र पिलानिया ने कहा कि शिक्षक संघों की नवीन तिथियों पर भी संकट के बादल आ गए है। क्योंकि 10 दिसंबर से अर्धवार्षिक परीक्षा शुरू हो रही है इससे पूर्व एक सप्ताह तक समस्त शिक्षक विभिन्न गतिविधियों में संग्लन रहेंगे जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई ठप हो जाएगी। विभाग शिक्षक संघों की मांग पर पूर्ण विचार करेगा और जल्द ही नहीं तिथियां घोषित करेगा।

बाईट- गिरीश कुमार शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष, शिक्षक संघ
बाईट- रामचंद्र पिलानिया, जिला शिक्षा अधिकारी


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