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Special : रूप चतुर्दशी पर जयपुर में हर्बल मेकअप का क्रेज..खूब संवरी महिलाएं - diwali gala herbal makeup

रूप चतुर्दशी का पर्व मनाने के लिए जयपुर में महिलाओं और युवतियों में खासा उत्साह नजर आ रहा है. कामकाजी महिलाएं हों या घर के कार्यों में व्यस्त रहने वाली महिलाएं, सभी आज के दिन आकर्षक दिखने के लिए सजने-संवरने के लिए ब्यूटी पार्लर और सैलून पहुंच रही हैं.

रूप चतुर्दशी पर हर्बल सिंगार
रूप चतुर्दशी पर हर्बल सिंगार
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Published : Nov 3, 2021, 5:25 PM IST

Updated : Nov 3, 2021, 10:03 PM IST

जयपुर. रूप चतुर्दशी पर इस बार जयपुर की महिलाएं मेकअप के लिए हर्बल प्रोडक्ट को तवज्जो दे रही हैं. कोरोना अभी गया नहीं है और चेहरे पर मास्क भी लगाना है, ऐसे में महिलाएं आई मेकअप पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं.

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर की कैद से 16 हज़ार 100 महिलाओं को बचाया था. नरकासुर का संहार करते हुए भगवान ने उन महिलाओं को रूप, सौंदर्य और सतीत्व प्रदान किया था. यही वजह है कि रूप चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी भी कहते हैं. वर्तमान समय में नरक से तात्पर्य गंदगी, कमियों और खराबियों से है.

जयपुर में रूप चतुर्दशी

दीपावली से पहले रूप चतुर्दशी को इन बुराइयों को दूर करने का विधान है. यही वजह है कि महिलाएं घर को साफ करने से लेकर खुद का भी साज-शृंगार करती हैं. पहले घर में ही महिलाएं उबटन और दूसरी आयुर्वेदिक सामग्री का इस्तेमाल कर रूप निखारती थी. अब समय के साथ काफी बदलाव आ गया है. महिलाएं अब अपनी खूबसूरती को निखारने के लिए ब्यूटी पार्लर और सैलून में पहुंच रही हैं.

पढ़ें- Deepotsav 2021: छोटी चौपड़ पर उतरा दिव्य जहाज और हवामहल, सिंगापुर Effect भी दिखा यहां!

जयपुर की महिलाएं रूप चतुर्दशी को खास बनाने के लिए फेशियल, मेडीक्योर, पेडीक्योर से लेकर ब्राइडल मेकअप तक करवा रही हैं. ब्राइडल मेकअप ले रही सोनिया ने बताया कि दीपावली की साफ सफाई के बाद अब जाकर फ्री हुए हैं, तो खुद को समय दे रहे हैं. चेहरे पर मास्क होने के चलते ज्यादा से ज्यादा आई मेकअप को हाईलाइट करवाया है.

वहीं एक अन्य युवती ने बताया कि शादी के बाद ये उनका पहला त्योहार है. इसलिए उत्साह भी ज्यादा है. लेकिन सजने संवरने के लिए सिर्फ हर्बल प्रोडक्ट को ही प्राथमिकता दी है. जबकि एक कामकाजी युवती ने बताया कि बीते डेढ़ साल में वर्क फ्रॉम होम के चलते घर में ही थे. अब जाकर परिस्थितियां सामान्य हुई हैं. इसलिए इस त्योहार को एंजॉय कर रहे हैं.

ब्यूटी एक्सपर्ट मीनाक्षी सोलंकी ने बताया कि कोरोना का प्रभाव भी खत्म नहीं हुआ है. महिलाओं को मास्क वियर करना है. इसलिए आई फोकसिंग और ऑर्गेनिक मेकअप दिया जा रहा है. कोरोना के कारण ये बाउंसबैक आया है कि महिलाओं में इस त्योहार को लेकर उत्साह ज्यादा है और उस उत्साह के चलते उनकी डिमांड को ध्यान में रखते हुए मेकअप दिया जा रहा है.

कहा जाता है कि महिलाएं स्वभाव से उत्सव प्रेमी होती हैं. इसलिए वे हर छोटी-बड़ी खुशी का लुत्फ उठाती हैं. त्योहार के बहाने वे अपने रूप को निखारने के साथ अच्छा दिखने का भी प्रयास करती हैं. महिलाओं के सम्मान के पर्व रूप चौदस पर महिलाएं और युवतियां खुद को लक्ष्मी बनने की ओर प्रेरित करती हैं और यही नजारा राजधानी जयपुर में नजर आ रहा है.

जयपुर. रूप चतुर्दशी पर इस बार जयपुर की महिलाएं मेकअप के लिए हर्बल प्रोडक्ट को तवज्जो दे रही हैं. कोरोना अभी गया नहीं है और चेहरे पर मास्क भी लगाना है, ऐसे में महिलाएं आई मेकअप पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं.

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर की कैद से 16 हज़ार 100 महिलाओं को बचाया था. नरकासुर का संहार करते हुए भगवान ने उन महिलाओं को रूप, सौंदर्य और सतीत्व प्रदान किया था. यही वजह है कि रूप चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी भी कहते हैं. वर्तमान समय में नरक से तात्पर्य गंदगी, कमियों और खराबियों से है.

जयपुर में रूप चतुर्दशी

दीपावली से पहले रूप चतुर्दशी को इन बुराइयों को दूर करने का विधान है. यही वजह है कि महिलाएं घर को साफ करने से लेकर खुद का भी साज-शृंगार करती हैं. पहले घर में ही महिलाएं उबटन और दूसरी आयुर्वेदिक सामग्री का इस्तेमाल कर रूप निखारती थी. अब समय के साथ काफी बदलाव आ गया है. महिलाएं अब अपनी खूबसूरती को निखारने के लिए ब्यूटी पार्लर और सैलून में पहुंच रही हैं.

पढ़ें- Deepotsav 2021: छोटी चौपड़ पर उतरा दिव्य जहाज और हवामहल, सिंगापुर Effect भी दिखा यहां!

जयपुर की महिलाएं रूप चतुर्दशी को खास बनाने के लिए फेशियल, मेडीक्योर, पेडीक्योर से लेकर ब्राइडल मेकअप तक करवा रही हैं. ब्राइडल मेकअप ले रही सोनिया ने बताया कि दीपावली की साफ सफाई के बाद अब जाकर फ्री हुए हैं, तो खुद को समय दे रहे हैं. चेहरे पर मास्क होने के चलते ज्यादा से ज्यादा आई मेकअप को हाईलाइट करवाया है.

वहीं एक अन्य युवती ने बताया कि शादी के बाद ये उनका पहला त्योहार है. इसलिए उत्साह भी ज्यादा है. लेकिन सजने संवरने के लिए सिर्फ हर्बल प्रोडक्ट को ही प्राथमिकता दी है. जबकि एक कामकाजी युवती ने बताया कि बीते डेढ़ साल में वर्क फ्रॉम होम के चलते घर में ही थे. अब जाकर परिस्थितियां सामान्य हुई हैं. इसलिए इस त्योहार को एंजॉय कर रहे हैं.

ब्यूटी एक्सपर्ट मीनाक्षी सोलंकी ने बताया कि कोरोना का प्रभाव भी खत्म नहीं हुआ है. महिलाओं को मास्क वियर करना है. इसलिए आई फोकसिंग और ऑर्गेनिक मेकअप दिया जा रहा है. कोरोना के कारण ये बाउंसबैक आया है कि महिलाओं में इस त्योहार को लेकर उत्साह ज्यादा है और उस उत्साह के चलते उनकी डिमांड को ध्यान में रखते हुए मेकअप दिया जा रहा है.

कहा जाता है कि महिलाएं स्वभाव से उत्सव प्रेमी होती हैं. इसलिए वे हर छोटी-बड़ी खुशी का लुत्फ उठाती हैं. त्योहार के बहाने वे अपने रूप को निखारने के साथ अच्छा दिखने का भी प्रयास करती हैं. महिलाओं के सम्मान के पर्व रूप चौदस पर महिलाएं और युवतियां खुद को लक्ष्मी बनने की ओर प्रेरित करती हैं और यही नजारा राजधानी जयपुर में नजर आ रहा है.

Last Updated : Nov 3, 2021, 10:03 PM IST
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