जयपुर. एक तरफ जहां देश में नागरिकता सशोंधन कानून को लेकर विरोध प्रर्दशन हो रहा है. वहीं प्रदेश की राजधानी में विश्व हिंदू परिषद के संत ने कहा कि हिंदू-मुस्लिम टकराव का कोई माहौल नहीं बनाएंगे
राघवाचार्य ने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, इसाई, जैन, पारसी जिनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया है और शरणार्थी बनकर हमारे देश में आए हैं. उनकी लिए नागरिकता संशोधन कानून बनाया गया है. इसके लिए सरकार का स्वागत और समर्थन करते हैं.
वहीं राघवाचार्य ने कहा कि जो लोग जिस देश में बहुसंख्यक होते हैं उन्हें किसी भी तरह की प्रताड़ना नहीं दी जाती है, वे लोग यहां आकर आतंकवादी जैसी स्थितियां पैदा करेंगे और अर्थव्यवस्था को विखंडित करेंगे तो यह तो सही नहीं होगा. जिनका हक बनता है, जो शोषित और पीड़ित हैं उनको ही नागरिकता मिलनी चाहिए.
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वहीं राघवाचार्य ने कहा कि राजनेताओ के हो-हल्ला करने से यदि बहुसंख्यको को नागरिकता दे दी जाए, तो इसकी कोई गारंटी नहीं है कि वह यहां आतंकवादी घटनाएं नहीं करेंगे. इसलिए उन्हीं अल्पसंख्यकों भारतीय नागरिकता दी जाएगी जो पूरे विश्व में प्रताड़ित है.
मुस्लिमों को लेकर कोई भी टकराव का माहौल नहीं बनाएंगे
राघवाचार्य ने कहा कि हम लोग नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में है और हम किसी भी प्रकार की रैली नहीं निकालेंगे.हिंदू मुस्लिम को लेकर कोई भी टकराव का माहौल नहीं बनाएंगे. देश के लाखों मुसलमान भी नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में है. उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों ने भी गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता देने की मांग की है तो हल्ला करने का कोई औचित्य नहीं रह जाता है. विश्व हिंदू परिषद के क्षेत्रीय मंत्री सुरेश उपाध्याय ने कहा कि 1947 के बाद भारत आने वाले हिंदू शरणार्थियों के लिए पूर्व की सरकारे भी समाधान चाहती थी, किसी कारण से वह नहीं कर पाई. जामिया मिलिया यूनिवरसिटी में हुए लाठीचार्ज को लेकर सुरेश उपाध्याय ने कहा कि यदि कोई कानून व्यवस्था बिगड़ेगा तो सुरक्षाबलों को लाठीचार्ज करना ही पड़ेगा