जयपुर. अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत की ओर से पिछले 5 दिनों से धरना दिया जा रहा था. जो शुक्रवार को समाप्त हो गया. कर्मचारियों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई, तो वो उग्र-आंदोलन करेंगे.
जयपुर जिला कलेक्ट्रेट पर ये धरना प्रदर्शन 24 फरवरी को शुरू किया गया था. दरअसल, कर्मचारियों ने वेतन कटौती, सामंत कमेटी की रिपोर्ट लागू करने सहित अलग-अलग मांगे सरकार के सामने रखी. लगातार धरना-प्रदर्शन करने के बावजूद भी सरकार ने उनकी कोई सुध नहीं ली गई है.
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि सरकार ने कर्मचारियों की वेतन कटौती को लेकर अबतक कोई निर्णय नहीं किया है. सामंत कमेटी की रिपोर्ट भी लागू नहीं की है. ठेकाकर्मियों को मानदेय बढ़ाने और नियमित करने सहित उनकी अलग-अलग मांगें थीं, जिसे सरकार ने पूरा नहीं किया है. इसे लेकर कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है.
राठौड़ ने बताया कि मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन दिया जा चुका है. अगर सरकार ने जल्द ही उनकी मांगों को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया, तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. मुख्यमंत्री को जल्द ही संबंधित संगठनों से बातचीत कर, मांगों पर विचार-विमर्श करना चाहिए.
पढ़ें: अवैध खनन पर कलेक्टर, SP बेबस! जुर्माना राशि कम होने से नहीं लग पा रहा अंकुश
अध्यक्ष ने कहा कि राज्य कर्मचारी सरकार का अभिन्न अंग है. सरकार की योजना जनता तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाता है. अगर यदि सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानीं, तो सरकार की योजनाएं जनता तक नहीं पहुंच पाएंगी. इसलिए मुख्यमंत्री से निवेदन करते हैं कि राज्य कर्मचारियों की मांगों पर कोई ठोस निर्णय लें.