जयपुर. प्रदेश में बढ़ते पेट्रोल-डीजल की कीमतों का असर खाद्य पदार्थों पर देखने को मिल रहा है. हाल ही में जहां महंगे पेट्रोल डीजल के चलते खाद्य तेल और दालें महंगी हुई हैं तो इसी बीच माना जा रहा है कि आने वाले समय में सब्जियों पर भी इसका असर देखने को मिलेगा. फिलहाल इन दिनों सब्जियों के दाम दो से तीन रुपए बढ़ चुके हैं और इसका सीधा असर आम जनता की जेब पर पड़ रहा है. देखिये यह रिपोर्ट...
आज के पेट्रोल के दाम
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार महासंघ के अध्यक्ष बाबूलाल गुप्ता का कहना है कि पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतें कमोडिटी पर असर डालती हैं. चाहे वह खाद्य तेल हो, अनाज हो, दालें हों या फिर सब्जियां. बीते कुछ समय से जिस तरह से तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं तो इसका असर अब सब्जियों पर भी देखने को मिल रहा है.
ऐसे में आलू और प्याज की कीमत धीरे-धीरे बढ़ना शुरू हो गई है. क्योंकि आलू और प्याज राजस्थान में बाहरी राज्यों से आते हैं. तेल की कीमत बढ़ने के साथ ही परिवहन महंगा हुआ है तो सब्जियों पर इसका असर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है.
सब्जियां होंगी महंगी
मुहाना सब्जी मंडी के अध्यक्ष राहुल तंवर का कहना है कि तेल की बढ़ती कीमतों असर अब सब्जियों पर देखने को मिल रहा है. फिलहाल कोई ज्यादा बढ़ोतरी सब्जियों की कीमत पर नहीं हुई है. फिर भी एक से दो रुपए की बढ़ोतरी कुछ सब्जियों पर दर्ज की गई है. जो अन्य जिलों से जयपुर पहुंचती हैं.
हालांकि उनका कहना है कि यदि इसी तरह तेल की कीमतें आसमान छूती रहीं तो निश्चित तौर पर आने वाले 1 से 2 महीने के अंदर सब्जियों के दाम तेल की तरह आसमान छू रहे होंगे.
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फिलहाल मंडियों में स्थानीय आवक काफी ज्यादा है. जिसके चलते हैं कोई खास फर्क फिलहाल कीमतों पर नहीं पड़ा है. लेकिन राजस्थान में प्याज और आलू बाहरी राज्यों से अधिक आता है तो ऐसे में प्याज और आलू की कीमतें बढ़ना शुरू हो चुकी हैं.
मुहाना मंडी जयपुर में सब्जियों के थोक भाव
सब्जियों की बढ़ती कीमतों का असर घर के बजट पर भी देखने को मिल रहा है. पहले पेट्रोल डीजल और रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी और अब तेल के कारण सब्जियों का धीरे-धीरे महंगा होना घर के बजट पर असर डाल रहा है.
ट्रांसपोर्ट व्यवसाय प्रभावित
जयपुर ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल आनंद का कहना है कि निश्चित तौर पर तेल की बढ़ती कीमतें व्यवसाय पर असर डाल रही हैं. उनका कहना है कि जब मान 1 दिन पहले बुक किया जाता है. जब अगले दिन ट्रकों में डीजल डलवाया जाता है तो भाव कुछ और होते हैं. क्योंकि हर दिन पेट्रोल और डीजल पर 30 से 40 पैसे की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.
ऐसे में ट्रांसपोर्ट कारोबार की कमर पूरी तरह से टूट चुकी है और इसका असर आम जनता पर भी देखने को मिलता है. क्योंकि बढ़ती कीमतों के कारण ट्रांसपोर्टेशन धीरे धीरे महंगा होने लगा है.
ऐसे में उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से पेट्रोल डीजल के दाम नियंत्रित करने की मांग करते हुए कहा है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें काफी कम हैं. लेकिन देश में तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं तो ऐसे में इस पर अंकुश लगाया जाना जरूरी है.