जयपुर. प्रदेश में तेजी से फैल रहे कोरोना के प्रकोप के बीच राज्य मानव अधिकार आयोग ने स्वास्थ्य विभाग को नोटिस जारी कर प्रदेश में दिव्यांगों को प्राथमिकता के आधार पर कोरोना की वैक्सीनेशन करवाने के निर्देश दिए हैं. आयोग अध्यक्ष जीके व्यास ने हेमंत भाई गोयल की ओर से दायर परिवार में वर्णित तथ्यों को गंभीर मानते हुए और दिव्यांगों की समस्या के मद्देनजर चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग को इस संबंध में नोटिस जारी किया है.
नोटिस में अगले 1 सप्ताह में विशेष योग्य जनो के लिए कोरोना वैक्सीन के विशेष कैंप लगाकर उनका टीकाकरण से जुड़ी समस्या के समाधान करने के निर्देश दिए हैं और पालना रिपोर्ट आयोग को अवगत कराने के लिए भी कहा है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग के सामने एक बड़ी समस्या कोरोना वैक्सीन की कमी की है, जिसके चलते गुरुवार से प्रदेश में चल रहे कोरोना टीकाकरण का कार्य लगभग ठप पड़ गया है. ऐसे में राज्य मानव अधिकार आयोग के निर्देशों की पालना समय पर हो इसकी उम्मीद कम ही है.
विशेष योग्यजनों को कोविड 19 टीकाकरण में प्राथमिकता का मामला
आपको बता दें कि 2011 की जनगणना के अनुसार करीब 17 लाख विशेष योग्यजन हैं. राजस्थान में तब 7 श्रेणी थी, लेकिन अब 21 श्रेणी हैं दिव्यांगों की. इसलिए अनुमानित आबादी है करीब 21 लाख मानी जा रही है. अब विशेष योग्यजनों की बौद्धिक, दिव्यांग, नेत्रहीन, मल्टीपल डिसेबल, गंभीर विकलांगता से पीडित दिव्यांग, मानसिक बीमारियों से पीड़ित दिव्यांग को टीकाकरण केंद्र तक ले जाना ही एक रिस्की टास्क हो सकता है. टीकाकरण में प्राथमिकता और विशेष प्रावधानों की मांग पीडब्ल्यूडी एक्ट की धारा 25 का हवाला देकर की जा रही है, क्योंकि विशेष योग्यजन में रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है और अपनी निजी जरूरतों के लिए अन्य के साथ यह करीबी संपर्क में भी रहते हैं. इसलिए दिव्यांग जनों को संक्रमण का खतरा अधिक रहता है.