जयपुर. देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी कोरोना को लेकर डर का माहौल बना हुआ हैं. वैश्विक महामारी बन चुके इस कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का ऐलान किया हैं. वहीं, इसके चलते प्रदेशभर के सभी धार्मिक स्थलों सहित सार्वजनिक स्थलों को बंद कर दिया गया हैं. इसी क्रम में जयपुर के प्राचीन खोले के हनुमान मंदिर में भी भक्तों का प्रवेश पर रोक लगा दी गई हैं. साथ ही जनता कर्फ्यू के समर्थन में खोले के हनुमान मंदिर में होने वाले सवामणी कार्यक्रम भी रद्द कर दिए गए हैं.
बता दें कि रविवार को खोले के हनुमान मंदिर में करीब 30 सवामणी कार्यक्रम होने थे, जिनको जनता कर्फ्यू के समर्थन में रद्द कर दिया गया है. वहीं, 31 मार्च तक करीब 60 सवामणी कार्यक्रम होने थे, जिनको भी स्थगित कर दिया गया है. इसके साथ ही खोले के हनुमान मंदिर में नवरात्रों के दौरान होने वाले सभी कार्यक्रम को भी रद्द किया गया है. हालांकि, मंदिर में पुजारियों की ओर से नियमित रूप से पूजा-अर्चना की जाएगी.
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श्री नरवर आश्रम सेवा समिति खोले के हनुमान मंदिर के महामंत्री बृजमोहन शर्मा ने बताया कि पूरे विश्व में आई कोरोना वायरस की गंभीर परिस्थिति को देखते हुए भारत देश के प्रधानमंत्री भी चिंतित है. इन विपरीत परिस्थितियों को देखते हुए जयपुर के सभी मंदिरों के साथ प्राचीन खोले के हनुमान मंदिर को भी बंद कर दिया गया है. वहीं, मंदिर में पूजा-अर्चना नियमित रूप से की जा रही हैं.
जानकारी के अनुसार खोले के हनुमान मंदिर में लगभग हमेशा ही सवामणी कार्यक्रमों का आयोजन होता है. रोजाना सवामणी कार्यक्रम के लिए रसोई की बुकिंग रहती है. वहीं, शनिवार को भी करीब 25 सवामणी रसोई बुक थी, जिनको भी निरस्त कर दिया गया है. इसके साथ ही 31 मार्च तक बुकिंग की गई सभी सवामणी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए है.
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इसी तरह खोले के हनुमान मंदिर परिसर में नवरात्रि के दौरान होने वाले रामचरित्र मानस और नव पारायण पाठ कार्यक्रम को भी स्थगित कर दिया गया है. इसमें केवल 5 पंडित बैठकर ही पाठ करेंगे. वहीं, रामनवमी के दिन होने वाला महाभिषेक और महाआरती कार्यक्रम को भी स्थगित किया गया है. यह कार्यक्रम भी केवल 5 पंडितों की ओर से ही किया जाएगा, इसमें भक्तों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा.