ETV Bharat / city

सेंट्रल स्पाइन और ट्रांसपोर्ट नगर योजना का अभी और करना होगा इंतजार, गोपालपुरा बाईपास, वेस्ट वे हाइट्स और लोहा मंडी पर मुहर

author img

By

Published : Feb 15, 2021, 6:12 PM IST

Updated : Feb 16, 2021, 11:45 AM IST

जयपुर विकास प्राधिकरण की पिछले कई सालों से अटकी हुई योजनाओं को एंपावर्ड कमेटी ने हरी झंडी दिखा दी है. जिससे अब जेडीए के राजस्व में तकरीबन 2 से ढाई हजार करोड़ इन प्रोजेक्ट्स के शुरू होने और धरातल में उतरने के बाद राजस्व के खाते में आएंगे. जिसे लेकर ईटीवी भारत ने जेडीसी गौरव गोयल से खास बातचीत की है.

एंपावर्ड कमेटी की बैठक, Jaipur Development Authority, Latest hindi news of jaipur
जयपुर विकास प्राधिकरण की योजनाओं को एंपावर्ड कमेटी ने दिखाई हरी झंडी

जयपुर. जयपुर विकास प्राधिकरण की सालों से लंबित चल रही योजनाओं का एंपावर्ड कमेटी की बैठक में समाधान निकाला गया. हालांकि अभी भी सेंट्रल स्पाइन और ट्रांसपोर्ट नगर योजना को लेकर इंतजार करना होगा. क्योंकि मामला अब सीएस कमेटी के समक्ष भेजा गया है. लेकिन जेडीए के लिए राहत की बात ये है कि गोपालपुरा बायपास योजना वेस्टवे हाइट्स और लोहामंडी योजना के रास्ते खुले हैं, इससे जेडीए के खजाने में हजार करोड़ से ज्यादा का राजस्व आएगा.

जयपुर विकास प्राधिकरण की योजनाओं को एंपावर्ड कमेटी ने दिखाई हरी झंडी

वेस्ट वे हाइट्स योजना

1989 में अजमेर रोड पर ट्रक टर्मिनल योजना के तहत लैंड एक्विजिशन की कार्रवाई शुरू की गई थी. इसके बाद सेकंड फेज में 2002 में लैंड एक्विजिशन की गई. लेकिन काश्तकार-किसान और जेडीए के बीच मुआवजे को लेकर विवाद चल रहे थे. जिसमें तकरीबन 25 याचिका उच्च न्यायालय में दर्ज हैं. कुछ में स्थगन आदेश भी थे. उनमें काश्तकारों के साथ बैठ समझौता बनाया गया. जिस पर एंपावर्ड कमेटी की बैठक में अनुमति दी गई. मुख्य रूप से ऐसे किसान जिनके न्यायालय से स्थगन हैं और कब्जा अब तक जेडीए को नहीं मिला है. उन जमीनों पर 20% आवासीय और 5% व्यवसायिक जमीन नकद मुआवजे के विकल्प के तौर पर उपलब्ध करवाई जाएगी. साथ ही जो किसानों के पट्टे होंगे, उनमें लीज राशि में 40% माफी की अनुमति दी गई है. इससे वेस्ट वे हाइट्स योजना का विवाद लगभग खत्म हो जाएगा. बहुत जल्द जेडीए यहां आवासीय, व्यवसायिक और एजुकेशन प्लॉट उपलब्ध कराएगा.

पढ़ें- राजस्व टारगेट को पूरा करने के लिए परिवहन विभाग ने लिया ये बड़ा फैसला, जानें

लोहा मंडी योजना

ग्राम माचड़ा में ये योजना तकरीबन 19 साल से लंबित थी. इसमें अवाप्ति से जुड़े हुए विवाद थे. जिसके कारण पूर्व के आवंटियों को भी जेडीए कब्जा नहीं दे पा रहा था और योजना मूर्त रूप नहीं ले पा रही थी. लगभग 130 हेक्टेयर जमीन पर बनने वाली इस योजनाने नीतिगत निर्णय लेकर उसका हल निकाल दिया है. इस योजना में कैंप का जो मुख्य विवाद था, उसे एंपावर्ड कमेटी लगाकर इनका हल किया जाएगा. इसमें चार बाजार लोहा मंडी, इलेक्ट्रिक मंडी, सैनिटरी वेयर और हार्डवेयर डवेलप होंगे. जिससे रोजगार के अवसर भी विकसित होंगे, जेडीए को राजस्व मिलेगा और सीकर रोड पर एक बड़ी योजना विकसित हो पाएगी.

गोपालपुरा बायपास योजना

गोपालपुरा बाईपास पर जेडीए का पायलट प्रोजेक्ट का एंपावर्ड कमेटी ने अनुमोदन कर दिया है. अब इसका सर्वे कराकर कमर्शियल हाई स्ट्रीट बनाई जाएगी. सड़क के दोनों तरफ आवासीय भूखंडों पर चल रही गैर आवासीय गतिविधियों का नियमन किया जाएगा. यहां कमर्शियल और मिक्स लैंड यूज का प्रावधान होगा. जिसे विकसित किया जाएगा और इसी तर्ज पर शहर की प्रमुख 20 सड़कों को विकसित किया जाएगा. इसके लिए एंपावर्ड कमेटी ने सहमति दे दी है. ये सभी काम मास्टर प्लान 2025 के तहत शहर भर में किए जाएंगे. इसमें पार्किंग और दूसरी सुविधाओं पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा.

सेंट्रल स्पाइन योजना

190 हेक्टेयर में बनने वाली योजना लंबे समय से अटकी पड़ी है. रीको और जेडीए के बीच 2003 में इसे लेकर एमओयू हुआ और 2005 में से रिवाइज किया गया. लेकिन उसके बाद की परिस्थितियां बदल गई. काफी काश्तकार कोर्ट में चले गए. उन्हें मुआवजे के तौर पर लैंड उपलब्ध नहीं हो पा रही है. अब उन एमओयू की शर्तों को दोबारा रिवाइज करने के लिए निर्देश दिए गए हैं. ताकि जेडीए और रीको के अपने-अपने हिस्से की योजनाएं जमीन पर उतर सके. इस संबंध में मुख्य सचिव को केस बनाकर पेश किया जाएगा और उसी स्तर पर इसका समाधान निकाला जाएगा.

पढ़ें- संयम लोढ़ा ने सरकार को याद दिलाया घोषणा पत्र का वादा, कहा-प्रदेश में बंद पड़ी है पशु बीमा योजनाएं

ट्रांसपोर्ट नगर योजना

योजना के तहत 2007 में पहले चरण में जिन आवंटियों की आवंटन किए जा चुके हैं, उन्हें नोटिस दिए गए हैं. यदि वो निर्माण नहीं करते तो उनके आवंटन निरस्त किए जाएंगे. फिलहाल करीब 200 कंस्ट्रक्शन शुरू हो गए हैं. वहीं दूसरे चरण के आवंटियों की राशि कम करने की मांग थी. इस पर एंपावर्ड कमेटी को अवगत कराया गया. जिस पर नीतिगत निर्णय लेकर एक सब कमेटी बनाई जाएगी. जो ग्राउंड रियलिटी को जांच कर 30 दिन के अंदर एंपावर्ड कमेटी को रिपोर्ट पेश करेगी.

बहरहाल, लोहा मंडी, वेस्ट वे हाइट्स और गोपालपुरा बायपास योजना पर फैसला लिया जा चुका है. जल्द ही इनका एग्जीक्यूशन किया जाएगा. जहां तक सेंट्रल स्पाइन और ट्रांसपोर्ट नगर योजना की बात है, उसमें फिलहाल एक कदम आगे बढ़े हैं और अब जो प्रक्रिया है, उसे 30 दिन में पूरा कर सरकार को प्रेषित किया जाएगा.

जयपुर. जयपुर विकास प्राधिकरण की सालों से लंबित चल रही योजनाओं का एंपावर्ड कमेटी की बैठक में समाधान निकाला गया. हालांकि अभी भी सेंट्रल स्पाइन और ट्रांसपोर्ट नगर योजना को लेकर इंतजार करना होगा. क्योंकि मामला अब सीएस कमेटी के समक्ष भेजा गया है. लेकिन जेडीए के लिए राहत की बात ये है कि गोपालपुरा बायपास योजना वेस्टवे हाइट्स और लोहामंडी योजना के रास्ते खुले हैं, इससे जेडीए के खजाने में हजार करोड़ से ज्यादा का राजस्व आएगा.

जयपुर विकास प्राधिकरण की योजनाओं को एंपावर्ड कमेटी ने दिखाई हरी झंडी

वेस्ट वे हाइट्स योजना

1989 में अजमेर रोड पर ट्रक टर्मिनल योजना के तहत लैंड एक्विजिशन की कार्रवाई शुरू की गई थी. इसके बाद सेकंड फेज में 2002 में लैंड एक्विजिशन की गई. लेकिन काश्तकार-किसान और जेडीए के बीच मुआवजे को लेकर विवाद चल रहे थे. जिसमें तकरीबन 25 याचिका उच्च न्यायालय में दर्ज हैं. कुछ में स्थगन आदेश भी थे. उनमें काश्तकारों के साथ बैठ समझौता बनाया गया. जिस पर एंपावर्ड कमेटी की बैठक में अनुमति दी गई. मुख्य रूप से ऐसे किसान जिनके न्यायालय से स्थगन हैं और कब्जा अब तक जेडीए को नहीं मिला है. उन जमीनों पर 20% आवासीय और 5% व्यवसायिक जमीन नकद मुआवजे के विकल्प के तौर पर उपलब्ध करवाई जाएगी. साथ ही जो किसानों के पट्टे होंगे, उनमें लीज राशि में 40% माफी की अनुमति दी गई है. इससे वेस्ट वे हाइट्स योजना का विवाद लगभग खत्म हो जाएगा. बहुत जल्द जेडीए यहां आवासीय, व्यवसायिक और एजुकेशन प्लॉट उपलब्ध कराएगा.

पढ़ें- राजस्व टारगेट को पूरा करने के लिए परिवहन विभाग ने लिया ये बड़ा फैसला, जानें

लोहा मंडी योजना

ग्राम माचड़ा में ये योजना तकरीबन 19 साल से लंबित थी. इसमें अवाप्ति से जुड़े हुए विवाद थे. जिसके कारण पूर्व के आवंटियों को भी जेडीए कब्जा नहीं दे पा रहा था और योजना मूर्त रूप नहीं ले पा रही थी. लगभग 130 हेक्टेयर जमीन पर बनने वाली इस योजनाने नीतिगत निर्णय लेकर उसका हल निकाल दिया है. इस योजना में कैंप का जो मुख्य विवाद था, उसे एंपावर्ड कमेटी लगाकर इनका हल किया जाएगा. इसमें चार बाजार लोहा मंडी, इलेक्ट्रिक मंडी, सैनिटरी वेयर और हार्डवेयर डवेलप होंगे. जिससे रोजगार के अवसर भी विकसित होंगे, जेडीए को राजस्व मिलेगा और सीकर रोड पर एक बड़ी योजना विकसित हो पाएगी.

गोपालपुरा बायपास योजना

गोपालपुरा बाईपास पर जेडीए का पायलट प्रोजेक्ट का एंपावर्ड कमेटी ने अनुमोदन कर दिया है. अब इसका सर्वे कराकर कमर्शियल हाई स्ट्रीट बनाई जाएगी. सड़क के दोनों तरफ आवासीय भूखंडों पर चल रही गैर आवासीय गतिविधियों का नियमन किया जाएगा. यहां कमर्शियल और मिक्स लैंड यूज का प्रावधान होगा. जिसे विकसित किया जाएगा और इसी तर्ज पर शहर की प्रमुख 20 सड़कों को विकसित किया जाएगा. इसके लिए एंपावर्ड कमेटी ने सहमति दे दी है. ये सभी काम मास्टर प्लान 2025 के तहत शहर भर में किए जाएंगे. इसमें पार्किंग और दूसरी सुविधाओं पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा.

सेंट्रल स्पाइन योजना

190 हेक्टेयर में बनने वाली योजना लंबे समय से अटकी पड़ी है. रीको और जेडीए के बीच 2003 में इसे लेकर एमओयू हुआ और 2005 में से रिवाइज किया गया. लेकिन उसके बाद की परिस्थितियां बदल गई. काफी काश्तकार कोर्ट में चले गए. उन्हें मुआवजे के तौर पर लैंड उपलब्ध नहीं हो पा रही है. अब उन एमओयू की शर्तों को दोबारा रिवाइज करने के लिए निर्देश दिए गए हैं. ताकि जेडीए और रीको के अपने-अपने हिस्से की योजनाएं जमीन पर उतर सके. इस संबंध में मुख्य सचिव को केस बनाकर पेश किया जाएगा और उसी स्तर पर इसका समाधान निकाला जाएगा.

पढ़ें- संयम लोढ़ा ने सरकार को याद दिलाया घोषणा पत्र का वादा, कहा-प्रदेश में बंद पड़ी है पशु बीमा योजनाएं

ट्रांसपोर्ट नगर योजना

योजना के तहत 2007 में पहले चरण में जिन आवंटियों की आवंटन किए जा चुके हैं, उन्हें नोटिस दिए गए हैं. यदि वो निर्माण नहीं करते तो उनके आवंटन निरस्त किए जाएंगे. फिलहाल करीब 200 कंस्ट्रक्शन शुरू हो गए हैं. वहीं दूसरे चरण के आवंटियों की राशि कम करने की मांग थी. इस पर एंपावर्ड कमेटी को अवगत कराया गया. जिस पर नीतिगत निर्णय लेकर एक सब कमेटी बनाई जाएगी. जो ग्राउंड रियलिटी को जांच कर 30 दिन के अंदर एंपावर्ड कमेटी को रिपोर्ट पेश करेगी.

बहरहाल, लोहा मंडी, वेस्ट वे हाइट्स और गोपालपुरा बायपास योजना पर फैसला लिया जा चुका है. जल्द ही इनका एग्जीक्यूशन किया जाएगा. जहां तक सेंट्रल स्पाइन और ट्रांसपोर्ट नगर योजना की बात है, उसमें फिलहाल एक कदम आगे बढ़े हैं और अब जो प्रक्रिया है, उसे 30 दिन में पूरा कर सरकार को प्रेषित किया जाएगा.

Last Updated : Feb 16, 2021, 11:45 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.