जयपुर. प्रदेश के 6 जिलों में जिला परिषद और 78 पंचायत समितियों में चुनाव होने हैं. ये चुनाव यूं तो सत्तारूढ़ कांग्रेस (Congress) और विपक्षी दल भाजपा (BJP) दोनों के लिए ही प्रतिष्ठा का सवाल हैं.
लेकिन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia) और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) सहित भाजपा के उन 6 विधायकों और 7 सांसदों की प्रतिष्ठा इन चुनावों में सीधे तौर पर दांव पर है, जिनके विधानसभा क्षेत्र (Assembly Area) में चुनाव होने वाले हैं. हालांकि साल 2020 के पंचायत राज चुनाव में भाजपा (Rajasthan BJP) का प्रदर्शन बेहतरीन रहा था.
38 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव, 6 पर भाजपा, 24 पर कांग्रेस विधायक
भरतपुर, दौसा, सिरोही, जयपुर, सवाई माधोपुर और जोधपुर में पंचायत राज चुनाव घोषित (Panchayati Raj Election Schedule) किए गए हैं. जिला परिषद और पंचायत समितियों के चुनाव वाले क्षेत्रों में कुल 38 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इनमें सर्वाधिक 24 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं. इनमें 2 बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक भी शामिल हैं.
वहीं 6 विधानसभा सीट पर भाजपा के विधायक हैं, जबकि 6 निर्दलीय, 1 आरएलपी और 1 आरएलडी विधायक के कब्जे वाले विधानसभा क्षेत्र भी इसी चुनाव क्षेत्र में शामिल हैं. मतलब जिन क्षेत्रों में जिला परिषद और पंचायत समितियों के चुनाव होने हैं वहां फिलहाल सत्तारूढ़ कांग्रेस का दबदबा है.
पूनिया समेत इन विधायक-सांसदों की प्रतिष्ठा दांव पर
मौजूदा पंचायत राज चुनाव जिन क्षेत्रों में होने हैं उनमें 6 विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं जहां भाजपा के विधायक हैं. इनमें भी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया (Satish Poonia) की विधानसभा क्षेत्र आमेर और मुख्य प्रवक्ता विधायक रामलाल शर्मा (Ramlal Sharma) का विधानसभा क्षेत्र चौमूं भी शामिल है. जयपुर के आमेर कस्बे की आमेर और जालसू पंचायत समितियों में चुनाव होने हैं. जबकि चौमूं में गोविंदगढ़ पंचायत समिति में चुनाव (Panchayati Raj Elections) होने हैं.
इसी तरह भाजपा विधायक निर्मल कुमावत (Nirmal Kumavat) के विधानसभा क्षेत्र फुलेरा की सांभरलेक और किशनगढ़ रेनवाल पंचायत समिति में चुनाव होने हैं. फलौदी में भाजपा विधायक पब्बाराम विश्नोई (Pabba Ram Vishnoi) के विधानसभा क्षेत्र में 3 पंचायत समितियों और भाजपा विधायक जगसीराम कोली (Jagsiram Koli)की विधानसभा क्षेत्र रेवदर और पिंडवाड़ा में कुल 3 पंचायत समितियों में चुनाव होने हैं.
7 सांसदों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी
जिन 6 जिलों में यह पंचायत राज चुनाव होने हैं, वहां भी भाजपा के ही सांसद हैं. इनमें जयपुर ग्रामीण से राज्यवर्धन सिंह राठौड़ (Rajyavardhan Singh Rathaur) पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं. वहीं जोधपुर से भाजपा सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat)मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री भी हैं. इसी तरह पाली सिरोही से सांसद पीपी चौधरी (PP Chaudhry), दौसा से जसकौर मीणा (Jaskaur Meena)भरतपुर से रंजीता कोली (Rnjita Koli), टोंक सवाई माधोपुर से सांसद सुखबीर सिंह जौनपुरिया (Sukhbeer Singh Jaunpiriya) की प्रतिष्ठा दांव पर है. चौमूं विधानसभा क्षेत्र में आने वाली गोविंदगढ़ पंचायत समिति संसदीय क्षेत्र सीकर में आती है. जिसमें भाजपा सांसद सुमेधानंद (BJP MP Sumedhanand) हैं. ऐसे में सुमेधानंद की प्रतिष्ठा भी इस चुनाव पर दांव पर लगी है.
6 जिला परिषद में से 4 पर पिछले चुनाव में रहा भाजपा का कब्जा
जिन 6 जिला परिषदों में चुनाव (Panchayati Raj Elections) की तारीखों का ऐलान किया गया है. उनमें से 4 जिला परिषदों में पिछले चुनाव के दौरान भाजपा का जिला प्रमुख बना था. तो वहीं 2 जिला परिषदों में कांग्रेस का जिला प्रमुख बन पाया था. हालांकि जयपुर जिला परिषद में भाजपा का जिला प्रमुख मूलचंद मीणा (Moolchand Meena) ने अपने कार्यकाल के बीच में ही कांग्रेस का दामन थाम लिया था. मतलब भाजपा के लिए इस बार बड़ी चुनौती यही रहेगी कि कम से कम 4 जिला परिषदों में तो भाजपा का कमल खिल पाए.
इस बार 20 नई पंचायत समितियों में पहली बार होंगे चुनाव
इस बार 6 जिला परिषद और 78 पंचायत समितियों में यह चुनाव (Panchayati Raj Elections) होंगे. हालांकि पिछली बार इन क्षेत्रों में कुल 58 पंचायत समितियां थीं, जिनमें से 32 पंचायत समितियों में भाजपा के प्रधान और 24 पंचायत समितियों में कांग्रेस के प्रधान थे. वहीं जिन पंचायत समितियों में निर्दलीय प्रधान बने थे, अब पुनर्गठन के बाद इन क्षेत्र में 20 नई पंचायत समिति और बन गई हैं. ऐसे में कुल 78 पंचायत समितियों के इस बार चुनाव होंगे.
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भाजपा नेताओं को 2020 का प्रदर्शन दोहराने की उम्मीद
मौजूदा चुनाव (Panchayati Raj Elections) से पहले साल 2020 में भी प्रदेश के 20 जिलों में पंचायती राज चुनाव हुए थे. लेकिन उन चुनाव में विपक्ष में रहते हुए भी भाजपा ने सत्तारूढ़ कांग्रेस से बेहतर प्रदर्शन किया था. भाजपा ने 20 में से 12 जिलों में अपने जिला प्रमुख बनाए. कांग्रेस को महज 5 जिला प्रमुख बनाकर ही संतोष करना पड़ा. जबकि 3 निर्दलीय जिला प्रमुख बने थे.
भाजपा को 6 जिलों में होने वाले इस पंचायत राज चुनाव (Panchayati Raj Elections) में भी पिछले साल की तरह ही प्रदर्शन की उम्मीद है. हालांकि इस बार जिन पंचायत समितियों में यह चुनाव होने हैं, वहां कांग्रेस का दबदबा ज्यादा है. लिहाजा भाजपा को यहां अपना कमल खिलाने में काफी पसीने आएंगे.