चूरू. राजगढ़ थाना प्रभारी विष्णुदत्त विश्नोई का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया. थाना प्रभारी के पैतृक गांव सांगरिया में उनकी अंत्येष्टि होगी. सीआई के परिजनों की परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, आत्महत्या के लिए उकसाने और न्यायिक जांच की मांग को भी मान लिया गया है.
राजगढ़ थाना प्रभारी के सुसाइड के बाद सियासत गर्मा गई थी. सांसद राहुल कस्वां, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और पूर्व सांसद राम सिंह कस्वां थाने के बाहर मामले की न्यायिक जांच की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए थे. बता दें कि सीआई विष्णुदत्त जिले के काबिल और दबंग एसएचओ थे. आम लोगों में उनकी छवि एक ईमानदार ऑफिसर की थी. पुलिस के आला अधिकारियों ने सीआई की पार्थिव देह को ससम्मान रवाना किया.
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थाना स्टाफ ने आईजी से सामूहिक ट्रांसफर की मांग की...
इसी बीच राजगढ़ के समस्त थाना स्टाफ ने आईजी बीकानेर को सामूहिक पत्र देकर राजगढ़ थाना से अन्य स्थान पर ट्रांसफर करने की मांग की है. स्टाफ ने पत्र में लिखा है कि घटनाक्रम के बाद उनका मनोबल टूट गया है और वे यहां पर भयभीत महसूस कर रहे हैं. पत्र में रोजमर्रा के कामों के लिए भी स्थानीय विधायक और उनके कार्यकर्ताओं की ओर से दवाब बनाने की बात भी लिखी गई है. पुलिसकर्मियों ने लेटर में साफ तौर पर लिखा है कि उनका यहां से अन्य स्थान पर तबादला कर दिया जाए. ताकि इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति न हो.
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थाना प्रभारी ने भी राजगढ़ थाना से अपना तबादला करवाना चाहते थे. वहीं एक एडवोकेट के साथ उन्होंने राजनीतिक दवाब की बात भी कही थी. थाना प्रभारी ने एसपी को लिखे सुसाइड नोट में भी तनाव की बात लिखी थी. परिजनों की मंशा के अनुरूप परिवार के एक सदस्य को नौकरी और न्यायिक जांच की बात स्वीकार कर ली गई है. वे पुलिस परिवार का एक अहम हिस्सा थे.