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निगम में आज भी हजारों अस्थाई सफाई कर्मचारियों को ईएसआई और पीएफ का पैसा नहीं मिल रहाः ज्योति खंडेलवाल

नगर निगम की पूर्व मेयर ज्योति खंडेलवाल ने निगम के अस्थाई कर्मचारियों के ईएसआई और पीएफ के पैसे को लेकर निगम के अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है. उनका आरोप है कि यह खेल निगम में अभी भी जारी है, जिसका खामियाजा हजारों अस्थाई कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है.

जयपुर नगर निगम न्यूज, aipur Municipal Corporation News
जयपुर नगर निगम
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Published : Dec 14, 2019, 9:38 PM IST

जयपुर. नगर निगम में वर्षों से ठेके पर काम करने के बाद भी ईएसआई और पीएफ सुविधा नहीं मिलने से निगम के अस्थाई कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. मामले को लेकर कांग्रेस नेत्री ज्योति खंडेलवाल निगम के अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है.

अस्थाई सफाई कर्मचारियों को नहीं मिल रहा ईएसआई और पीएफ का पैसा

निगम के अस्थाई कर्मचारियों के इस मामले को खंडेलवाल ने अपने कार्यकाल में भी उठाया था, जिसके बाद करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आया. यह मामला अभी कोर्ट में लंबित है. कांग्रेस नेत्री का आरोप है कि यह खेल निगम में अभी भी जारी है, जिसका खामियाजा हजारों अस्थाई कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है.

पढ़ें- गहलोत ने किसके लिए कहा- राजा बोला रात है, रानी बोली रात है...ये सुबह-सुबह की बात है

पूर्व मेयर ज्योति खंडेलवाल ने बताया कि निगम में 4 हजार से ज्यादा अस्थाई सफाई कर्मचारी लगे हुए हैं. निगम की ओर से ईएसआई और पीएफ की सुविधा उन्हें मिल सके इसलिए ठेकेदार को इस बाबत पेमेंट भी किया जाता है. लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत के कारण कर्मचारियों का ईएसआई और पीएफ जमा ही नहीं होता.

खंडेलवाल ने बताया कि पिछली बार यह मामला जब एसीबी में पहुंचा तो घोटाला उजागर हुआ, जिसके बाद ईएसआई विभाग ने निगम को 11 करोड़ जबकि पीएफ डिपार्टमेंट ने 23 करोड़ रुपए का नोटिस थमाया. उन्होंने कहा कि निगम में यह खेल अभी भी जारी है. कांग्रेस नेत्री ने कहा कि अब कुछ संख्या में कर्मचारियों के ईएसआई और पीएफ की राशि जमा कराई जा रही है, लेकिन आज भी सभी कर्मचारियों को यह लाभ नहीं मिल पा रहा है.

पढ़ें- सीएम की सख्ती के बाद कमर्चारी-अधिकारी हरकत में, प्रशासनिक सुधार विभाग ने जारी की गाइडलाइन

बता दें कि नगर निगम में वर्षों से ठेके पर काम करने के बाद भी ईएसआई और पीएफ सुविधा नहीं मिलने से निगम के अस्थाई कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसे लेकर कर्मचारियों ने कई बार प्रशासन और ठेकेदारों के खिलाफ मोर्चा भी खोला, लेकिन कुछ कर्मचारियों की छुट्टी कर हर बार इस मामले को दबा दिया गया.

जयपुर. नगर निगम में वर्षों से ठेके पर काम करने के बाद भी ईएसआई और पीएफ सुविधा नहीं मिलने से निगम के अस्थाई कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. मामले को लेकर कांग्रेस नेत्री ज्योति खंडेलवाल निगम के अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है.

अस्थाई सफाई कर्मचारियों को नहीं मिल रहा ईएसआई और पीएफ का पैसा

निगम के अस्थाई कर्मचारियों के इस मामले को खंडेलवाल ने अपने कार्यकाल में भी उठाया था, जिसके बाद करोड़ों रुपए का घोटाला सामने आया. यह मामला अभी कोर्ट में लंबित है. कांग्रेस नेत्री का आरोप है कि यह खेल निगम में अभी भी जारी है, जिसका खामियाजा हजारों अस्थाई कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है.

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पूर्व मेयर ज्योति खंडेलवाल ने बताया कि निगम में 4 हजार से ज्यादा अस्थाई सफाई कर्मचारी लगे हुए हैं. निगम की ओर से ईएसआई और पीएफ की सुविधा उन्हें मिल सके इसलिए ठेकेदार को इस बाबत पेमेंट भी किया जाता है. लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत के कारण कर्मचारियों का ईएसआई और पीएफ जमा ही नहीं होता.

खंडेलवाल ने बताया कि पिछली बार यह मामला जब एसीबी में पहुंचा तो घोटाला उजागर हुआ, जिसके बाद ईएसआई विभाग ने निगम को 11 करोड़ जबकि पीएफ डिपार्टमेंट ने 23 करोड़ रुपए का नोटिस थमाया. उन्होंने कहा कि निगम में यह खेल अभी भी जारी है. कांग्रेस नेत्री ने कहा कि अब कुछ संख्या में कर्मचारियों के ईएसआई और पीएफ की राशि जमा कराई जा रही है, लेकिन आज भी सभी कर्मचारियों को यह लाभ नहीं मिल पा रहा है.

पढ़ें- सीएम की सख्ती के बाद कमर्चारी-अधिकारी हरकत में, प्रशासनिक सुधार विभाग ने जारी की गाइडलाइन

बता दें कि नगर निगम में वर्षों से ठेके पर काम करने के बाद भी ईएसआई और पीएफ सुविधा नहीं मिलने से निगम के अस्थाई कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसे लेकर कर्मचारियों ने कई बार प्रशासन और ठेकेदारों के खिलाफ मोर्चा भी खोला, लेकिन कुछ कर्मचारियों की छुट्टी कर हर बार इस मामले को दबा दिया गया.

Intro:जयपुर - नगर निगम की पूर्व मेयर और कांग्रेस नेता ज्योति खंडेलवाल ने निगम के अस्थाई कर्मचारियों के ईएसआई/पीएफ के पैसे को लेकर निगम के अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। जो मामला उन्होंने अपने कार्यकाल में उठाया था, लेकिन आरोप है कि ये खेल अभी भी निगम में बदस्तूर जारी है। जिसका खामियाजा सैकड़ों हजारों अस्थाई सफाई कर्मचारियों को भुगतना पड़ रहा है।


Body:नगर निगम में वर्षों से ठेके पर काम करने के बाद भी ईएसआई/पीएफ सुविधा नहीं मिलने से निगम के अस्थाई कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा। इसे लेकर कर्मचारियों ने कई बार प्रशासन और ठेकेदारों के खिलाफ मोर्चा भी खोला। लेकिन कुछ कर्मचारियों की छुट्टी कर हर बार इस मामले को दबा दिया गया। हालांकि पूर्व मेयर ज्योति खंडेलवाल ने अपने कार्यकाल में इस मामले को उठाया। जिसके बाद करोड़ों के घोटाला का भी सामने आया। हालांकि मामला कोर्ट में भी लंबित है। इस बीच ईटीवी भारत के जरिये ज्योति खंडेलवाल ने एक बार फिर इस मामले को उठाया है। पूर्व मेयर ने बताया कि निगम में 4000 से ज्यादा अस्थाई सफाई कर्मचारी लगे हुए हैं। निगम की ओर से ईएसआई/पीएफ की सुविधा उन्हें मिल सके इसलिए ठेकेदार को इस बाबत पेमेंट भी किया जाता है। लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत के चलते कर्मचारियों का ईएसआई/पीएफ जमा ही नहीं होता। यही वजह है कि पिछली दफा जब मामला एसीबी में पहुंचा तो घोटाला भी उजागर हुआ। और ईएसआई डिपार्टमेंट ने 11 करोड़ जबकि पीएफ डिपार्टमेंट ने निगम को 23 करोड का नोटिस थमाया। वहीं ज्योति खंडेलवाल ने अभी भी निगम में ये खेल बदस्तूर जारी होने की बात कही। उन्होंने कहा कि अब कुछ संख्या में कर्मचारियों के ईएसआई/पीएफ की राशि जमा कराई जा रही है। लेकिन आज भी सभी कर्मचारियों को ये लाभ नहीं मिल पा रहा।
बाईट - ज्योति खंडेलवाल, पूर्व मेयर


Conclusion:आपको बता दें कि कर्मचारियों को मिलने वाला ईएसआई/पीएफ का पैसा उनका हक है। जिसके कानूनी प्रावधान भी बने हुए हैं। लेकिन आरोप है कि आज भी जब कर्मचारी ईएसआई/पीएफ के भुगतान को लेकर संघर्ष करता है, तो उसे काम से निकाल दिया जाता है। जिसकी वजह से उसके घर में चूल्हा भी जलना बंद हो जाता है। ऐसे में अब इंतजार न्याय का है।
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