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अब राजकीय कॉलेजों के शिक्षकों को भी देनी होगी परीक्षा, आयुक्तालय ने भिजवाए प्रश्न पत्र

राजकीय कॉलेजों के शिक्षकों को परीक्षा देनी पड़ेगी. कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय की ओर से शिक्षकों के लिए वी इंस्पायर टू नॉलेज एनहैंसमेंट एंड अपडेशन प्रोग्राम के तहत प्रश्न पत्र भिजवाया जा रहा है. यह सवाल प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़े होंगे.

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राजकीय कॉलेजों के शिक्षकों को परीक्षा देनी पड़ेगी
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Published : Jun 23, 2020, 8:08 AM IST

जयपुर. कोरोना काल में विश्वविद्यालय और कॉलेज के छात्र तो परीक्षा से बच गए, लेकिन अब राजकीय कॉलेजों के शिक्षकों को परीक्षा देनी पड़ेगी. कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय की ओर से शिक्षकों के लिए वेकअप यानी वी इंस्पायर टू नॉलेज एनहैंसमेंट एंड अपडेशन प्रोग्राम के तहत प्रश्न पत्र भिजवाया जा रहा है, प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे.

राजकीय कॉलेजों के शिक्षकों को देनी पड़ेगी परीक्षा

कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय की ओर से प्रदेश के राजकीय कॉलेजों के 4500 शिक्षकों को पत्र लिखे जा रहे हैं. पत्र के साथ शिक्षकों को एक प्रश्न पत्र भी भिजवाया जा रहा है. प्रश्न पत्र में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में आए प्रश्नों को सम्मिलित किया गया है. इस प्रश्न पत्र को शिक्षकों को हल करके 2 जुलाई तक आयुक्तालय की अकादमी शाखा में भिजवाना है.

प्रश्न पत्र में पिछले वर्षों की प्रतियोगी परीक्षा सिविल सेवा, राजस्थान प्रशासनिक सेवा, नेट, स्लेट आदि के प्रश्न पत्रों के सवालों को शामिल किया गया है. प्रश्न पत्र में कुल 27 प्रश्न होंगे, जिनमें से 15 प्रश्न बहुविकल्पी, पांच प्रश्न अति लघु उत्तर, पांच प्रश्न लघु उत्तर और दो निबंधात्मक होंगे. प्रश्न पत्र संबंधित विषय के ही होंगे. कॉलेज आयुक्तालय ने शिक्षकों के लिए वेकअप यानी वी एंस्पायर टू नॉलेज एनहैंसमेंट एंड अपडेशन प्रोग्राम शुरू किया है.

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राजकीय कॉलेजों के शिक्षकों को परीक्षा देनी पड़ेगी

अधिकारियों के अनुसार कॉलेज में बच्चों की संख्या कम होती है, उसका सबसे बड़ा कारण ज्यादातर विद्यार्थी राजकीय सेवा में अपना भविष्य देखते हैं. प्रतियोगी परीक्षा का प्रारूप प्रतिवर्ष बदल रहा है. विद्यार्थी को सही मार्गदर्शन देने के लिए इन प्रारूपों की जानकारी होना आवश्यक है. अधिकांश प्रतियोगी परीक्षाओं का पाठ्यक्रम स्नातक स्तरीय ही होता है. ऐसे में विद्यार्थियों को सही मार्गदर्शन के लिए शिक्षकों को भी प्रतियोगी परीक्षाओं के मॉड्यूल की जानकारी होना जरूरी है.

यह भी पढ़ें- अलवर केंद्रीय कारागार में बने डिटेंशन सेंटर से 4 बांग्लादेशी फरार

बहरहाल, प्रतियोगिता के इस दौर में शिक्षकों को भी अपडेट रहने की दरकार है. यही वजह है कि आयुक्तालय ने इस क्रम में विचार करते हुए, कोरोना काल में शिक्षकों की किताबों पर जमी धूल को हटाने के लिए प्रश्न पत्र रूपी झाड़ू का इस्तेमाल किया है.

जयपुर. कोरोना काल में विश्वविद्यालय और कॉलेज के छात्र तो परीक्षा से बच गए, लेकिन अब राजकीय कॉलेजों के शिक्षकों को परीक्षा देनी पड़ेगी. कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय की ओर से शिक्षकों के लिए वेकअप यानी वी इंस्पायर टू नॉलेज एनहैंसमेंट एंड अपडेशन प्रोग्राम के तहत प्रश्न पत्र भिजवाया जा रहा है, प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे.

राजकीय कॉलेजों के शिक्षकों को देनी पड़ेगी परीक्षा

कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय की ओर से प्रदेश के राजकीय कॉलेजों के 4500 शिक्षकों को पत्र लिखे जा रहे हैं. पत्र के साथ शिक्षकों को एक प्रश्न पत्र भी भिजवाया जा रहा है. प्रश्न पत्र में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में आए प्रश्नों को सम्मिलित किया गया है. इस प्रश्न पत्र को शिक्षकों को हल करके 2 जुलाई तक आयुक्तालय की अकादमी शाखा में भिजवाना है.

प्रश्न पत्र में पिछले वर्षों की प्रतियोगी परीक्षा सिविल सेवा, राजस्थान प्रशासनिक सेवा, नेट, स्लेट आदि के प्रश्न पत्रों के सवालों को शामिल किया गया है. प्रश्न पत्र में कुल 27 प्रश्न होंगे, जिनमें से 15 प्रश्न बहुविकल्पी, पांच प्रश्न अति लघु उत्तर, पांच प्रश्न लघु उत्तर और दो निबंधात्मक होंगे. प्रश्न पत्र संबंधित विषय के ही होंगे. कॉलेज आयुक्तालय ने शिक्षकों के लिए वेकअप यानी वी एंस्पायर टू नॉलेज एनहैंसमेंट एंड अपडेशन प्रोग्राम शुरू किया है.

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राजकीय कॉलेजों के शिक्षकों को परीक्षा देनी पड़ेगी

अधिकारियों के अनुसार कॉलेज में बच्चों की संख्या कम होती है, उसका सबसे बड़ा कारण ज्यादातर विद्यार्थी राजकीय सेवा में अपना भविष्य देखते हैं. प्रतियोगी परीक्षा का प्रारूप प्रतिवर्ष बदल रहा है. विद्यार्थी को सही मार्गदर्शन देने के लिए इन प्रारूपों की जानकारी होना आवश्यक है. अधिकांश प्रतियोगी परीक्षाओं का पाठ्यक्रम स्नातक स्तरीय ही होता है. ऐसे में विद्यार्थियों को सही मार्गदर्शन के लिए शिक्षकों को भी प्रतियोगी परीक्षाओं के मॉड्यूल की जानकारी होना जरूरी है.

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बहरहाल, प्रतियोगिता के इस दौर में शिक्षकों को भी अपडेट रहने की दरकार है. यही वजह है कि आयुक्तालय ने इस क्रम में विचार करते हुए, कोरोना काल में शिक्षकों की किताबों पर जमी धूल को हटाने के लिए प्रश्न पत्र रूपी झाड़ू का इस्तेमाल किया है.

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