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शिक्षक दिवस: राज्यपाल मिश्र ने कहा- राजस्थान को देश का अग्रणी शिक्षा राज्य बनाने का लें संकल्प

इस बार शिक्षक दिवस महान भारतीय दार्शनिक, विद्वान और राजनीतिज्ञ डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की 133वीं वर्षगांठ के रूप में मनाया जा रहा है. इस मौके पर राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रदेशवासियो को शुभकामनाएं दी है.

Governor Kalraj Mishra, teachers day 2021
राज्यपाल कलराज मिश्र
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Published : Sep 5, 2021, 11:35 AM IST

जयपुर. राज्यपाल और कुलाधिपति कलराज मिश्र ने प्रदेशवासियों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दी है. साथ ही प्रदेशवासियों और शैक्षणिक संस्थान व गतिविधियों से जुड़े लोगों से अपील की है कि वे राजस्थान को देश के अग्रणी शिक्षित राज्यों की श्रेणी में लाने का संकल्प लें.

पढ़ें- Teachers’ Day 2021 : जानिए क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस, क्या है इसके पीछे इतिहास

राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि आज का दिन बेहद पावन दिन है. आज पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन भी है. उन्होंने कहा था कि एक अच्छी शिक्षा के जरिए ही देश से विभिन्न कुरीतियों का अंत किया जा सकता है. राज्यपाल ने कहा कि मैं भी प्रदेश की जनता और शैक्षणिक गतिविधियों से जुड़े लोगों से यही अपील करूंगा कि वे आमजन में सांस्कृतिक मूल्यों की शिक्षा भी दें ताकि हमारा गणेश शैक्षणिक दृष्टि से देश में अग्रणी हो.

कलराज मिश्र ने प्रदेशवासियो को दी शुभकामनाएं

133वीं वर्षगांठ

बता दें, इस बार शिक्षक दिवस महान भारतीय दार्शनिक, विद्वान और राजनीतिज्ञ डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की 133वीं वर्षगांठ के रूप में मनाया जा रहा है. राधाकृष्णन का जन्म पांच सितंबर 1888 को तमिलनाडु (तत्कालीन मद्रास) के तिरुमनी गांव में हुआ है. उनके दर्शन और उपदेश ने दुनियाभर में एक बड़ा प्रभाव डाला है. उनकी जयंती पांच सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाई जाती है.

सर्वपल्ली राधाकृष्णन के पिता का नाम सर्वपल्ली वीरस्वामी था, जो अधीनस्थ राजस्व अधिकारी थे और उनकी माता का नाम सर्वपल्ली सीता था. राधाकृष्णन ने 16 साल की उम्र में अपने दूर की चचेरी बहन शिवकामु से शादी कर ली. दंपती की छह संतानें पांच बेटियां और एक बेटा हुआ. डॉ. राधाकृष्णन ने मद्रास विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में स्नातक किया और बाद में, मैसूर विश्वविद्यालय और कलकत्ता विश्वविद्यालय में पढ़ाने के लिए चले गए, जहां वे छात्रों के बीच भी लोकप्रिय रहे.

शिक्षक दिवस का इतिहास :

सर्वप्रथम शिक्षक दिवस 1962 में मनाया गया था, इसी साल राधाकृष्णन ने राष्ट्रपति का पद ग्रहण किया था. राधाकृष्णन भारत के पहले उपराष्ट्रपति थे और राजेंद्र प्रसाद के बाद वह देश के दूसरे राष्ट्रपति भी बने. उनके सम्मान का जश्न मनाने के लिए छात्रों ने सुझाव दिया था कि उनके जन्मदिन को 'राधाकृष्णन दिवस' के रूप में मनाया जाए. लेकिन राधाकृष्णन ने ऐसा करने से इनकार कर दिया और कहा कि मेरे जन्मदिन का जश्न मनाने के बजाय, यह पांच सितंबर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाएगा तो यह मेरे लिए गर्व होगा.

बता दें कि इस दिन स्टूडेंट्स अपने-अपने तरीके से शिक्षकों के प्रति प्यार और सम्मान प्रकट करते हैं. स्टूडेंट्स शिक्षकों को गिफ्ट्स देते हैं. स्कूलों में शिक्षकों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इलके अलावा आपको ये भी बता दें कि पूरी दुनिया में इटरनेंशनल टीचर्स डे 5 अक्टूबर को मनाया जाता है.

जयपुर. राज्यपाल और कुलाधिपति कलराज मिश्र ने प्रदेशवासियों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दी है. साथ ही प्रदेशवासियों और शैक्षणिक संस्थान व गतिविधियों से जुड़े लोगों से अपील की है कि वे राजस्थान को देश के अग्रणी शिक्षित राज्यों की श्रेणी में लाने का संकल्प लें.

पढ़ें- Teachers’ Day 2021 : जानिए क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस, क्या है इसके पीछे इतिहास

राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि आज का दिन बेहद पावन दिन है. आज पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन भी है. उन्होंने कहा था कि एक अच्छी शिक्षा के जरिए ही देश से विभिन्न कुरीतियों का अंत किया जा सकता है. राज्यपाल ने कहा कि मैं भी प्रदेश की जनता और शैक्षणिक गतिविधियों से जुड़े लोगों से यही अपील करूंगा कि वे आमजन में सांस्कृतिक मूल्यों की शिक्षा भी दें ताकि हमारा गणेश शैक्षणिक दृष्टि से देश में अग्रणी हो.

कलराज मिश्र ने प्रदेशवासियो को दी शुभकामनाएं

133वीं वर्षगांठ

बता दें, इस बार शिक्षक दिवस महान भारतीय दार्शनिक, विद्वान और राजनीतिज्ञ डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की 133वीं वर्षगांठ के रूप में मनाया जा रहा है. राधाकृष्णन का जन्म पांच सितंबर 1888 को तमिलनाडु (तत्कालीन मद्रास) के तिरुमनी गांव में हुआ है. उनके दर्शन और उपदेश ने दुनियाभर में एक बड़ा प्रभाव डाला है. उनकी जयंती पांच सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाई जाती है.

सर्वपल्ली राधाकृष्णन के पिता का नाम सर्वपल्ली वीरस्वामी था, जो अधीनस्थ राजस्व अधिकारी थे और उनकी माता का नाम सर्वपल्ली सीता था. राधाकृष्णन ने 16 साल की उम्र में अपने दूर की चचेरी बहन शिवकामु से शादी कर ली. दंपती की छह संतानें पांच बेटियां और एक बेटा हुआ. डॉ. राधाकृष्णन ने मद्रास विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में स्नातक किया और बाद में, मैसूर विश्वविद्यालय और कलकत्ता विश्वविद्यालय में पढ़ाने के लिए चले गए, जहां वे छात्रों के बीच भी लोकप्रिय रहे.

शिक्षक दिवस का इतिहास :

सर्वप्रथम शिक्षक दिवस 1962 में मनाया गया था, इसी साल राधाकृष्णन ने राष्ट्रपति का पद ग्रहण किया था. राधाकृष्णन भारत के पहले उपराष्ट्रपति थे और राजेंद्र प्रसाद के बाद वह देश के दूसरे राष्ट्रपति भी बने. उनके सम्मान का जश्न मनाने के लिए छात्रों ने सुझाव दिया था कि उनके जन्मदिन को 'राधाकृष्णन दिवस' के रूप में मनाया जाए. लेकिन राधाकृष्णन ने ऐसा करने से इनकार कर दिया और कहा कि मेरे जन्मदिन का जश्न मनाने के बजाय, यह पांच सितंबर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाएगा तो यह मेरे लिए गर्व होगा.

बता दें कि इस दिन स्टूडेंट्स अपने-अपने तरीके से शिक्षकों के प्रति प्यार और सम्मान प्रकट करते हैं. स्टूडेंट्स शिक्षकों को गिफ्ट्स देते हैं. स्कूलों में शिक्षकों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इलके अलावा आपको ये भी बता दें कि पूरी दुनिया में इटरनेंशनल टीचर्स डे 5 अक्टूबर को मनाया जाता है.

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