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Exclusive : कोरोना काल में सरकारी स्कूल के बच्चों के साथ किया जा रहा 'खिलवाड़', कैमरे में कैद हुई तस्वीरें

कोरोना काल में जयपुर के सरकारी स्कूल के बच्चों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. स्कूल में शिक्षक बच्चों को पढ़ने के लिए बुला रहे हैं. इस मामले को लेकर प्रिंसिपल ने कहा कि जिस टीचर ने बच्चों को स्कूल में बुलाया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और उन्हें नोटिस भी दिया जाएगा.

Jaipur Government School,  Rajasthan News
पढ़ने के लिए स्कूल बुला रहे शिक्षक
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Published : Dec 3, 2020, 10:37 PM IST

Updated : Dec 4, 2020, 7:14 AM IST

जयपुर. एक तरफ राज्य सरकार स्कूल के बच्चों को कोरोना से बचाने में लगी हुई है और कोरोना काल में स्कूल को बंद किया हुआ है. दूसरी ओर कुछ ऐसी सरकारी स्कूल हैं जहां शिक्षक लापरवाही करते हुए बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल बुला रहे हैं और उनकी जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. ऐसा ही मामला जयपुर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गणपति नगर में देखने को मिला. यहां एक कक्षा में तीन और दूसरी कक्षा में 5 बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल आए हुए थे. ये बच्चे कक्षा 6 और 7 के विद्यार्थी थे.

पढ़ने के लिए स्कूल बुला रहे शिक्षक

शिक्षा विभाग की ओर से आदेश है कि कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के लिए स्कूल पूरी तरह से बंद रहेगी और कोई भी बच्चा स्कूल नहीं आएगा. इन स्कूली बच्चों को पढ़ने की सामग्री स्कूल की ओर से ही उपलब्ध कराई जाएगी. शिक्षा विभाग की ओर से स्कूली बच्चों को पढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. इन बच्चों को ई-कक्षा प्रोजेक्ट, स्माइल प्रोजेक्ट, आओ घर में सीखे, व्हाट्सअप ग्रुप आदि कार्यक्रम के जरिए पढ़ाया जा रहा है.

पढ़ें- राजस्थान में कोरोना के 2086 नए मामले, 20 मौत...कुल आंकड़ा 2,74,486

कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थी स्कूल अपनी पढ़ाई की समस्याओं के समाधान के लिए आ सकते हैं और इसमें भी उन्हें अपने अभिभावकों की लिखित में अनुमति की आवश्यकता होगी. ईटीवी भारत की टीम जब राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गणपति नगर पहुंची तो कक्षा 7 के 5 विद्यार्थी और कक्षा 6 के 3 विद्यार्थी पढ़ते हुए मिले.

जब उनसे पूछा गया कि वह स्कूल में क्यों आए हैं तो उन्होंने कहा कि उनकी टीचर ने उन्हें कक्षा में बुलाया है. हालांकि इस दौरान कक्षा में कोई भी टीचर मौजूद नहीं था. पिछले कई दिनों से बच्चे इस स्कूल में पढ़ने के लिए आ रहे थे. हालांकि गुरुवार को इन बच्चों की संख्या पिछले दिनों के मुकाबले कम थी.

जब इस संबंध में स्कूल की प्रिंसिपल विनीता पाराशर से बात की गई तो उन्होंने बच्चों के स्कूल आने की जानकारी से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि बच्चों को स्कूल में पढ़ने के लिए बुलाया जा रहा है. इसके बाद विनीता पाराशर खुद कक्षा में पहुंची और बच्चों से पूछा कि किसने उन्हें पढ़ने के लिए स्कूल में बुलाया है. बच्चों ने कहा कि टीचर के कहने पर ही वह स्कूल आए हैं. विनीता पाराशर ने सभी बच्चों को घर वापस भेज दिया.

पढ़ें- अब चतुर्वेदी ने दी बेनीवाल को नसीहत...CM गहलोत के ट्वीट पर भी बोला हमला

प्रिंसिपल विनीता पाराशर ने कहा कि पता नहीं यह बच्चे कहां से स्कूल आ गए. जब आपके साथ क्लास में गए तभी बच्चे मिले. विनीता पाराशर ने माना कि टीचर ने उन्हें क्लास में बुलाया है. उन्होंने यह भी कहा कि टीचर ने अभिभावकों को स्कूल बुलाने के लिए कहा था, लेकिन बच्चे कक्षा में कैसे पहुंचे उन्हें जानकारी नहीं है.

विनीता पाराशर ने इस मामले में अपनी गलती मानते हुए कहा कि आगे से इस तरह की गलती नहीं होगी और टीचर्स को भी सख्ती से बच्चों को स्कूल में बुलाने के लिए मना किया जाएगा. अभिभावकों को भी कहा जाएगा कि वह बच्चों को स्कूल नहीं भेजें. उन्होंने कहा कि जिस टीचर ने बच्चों को स्कूल में बुलाया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और उन्हें नोटिस भी दिया जाएगा.

जयपुर. एक तरफ राज्य सरकार स्कूल के बच्चों को कोरोना से बचाने में लगी हुई है और कोरोना काल में स्कूल को बंद किया हुआ है. दूसरी ओर कुछ ऐसी सरकारी स्कूल हैं जहां शिक्षक लापरवाही करते हुए बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल बुला रहे हैं और उनकी जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. ऐसा ही मामला जयपुर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गणपति नगर में देखने को मिला. यहां एक कक्षा में तीन और दूसरी कक्षा में 5 बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल आए हुए थे. ये बच्चे कक्षा 6 और 7 के विद्यार्थी थे.

पढ़ने के लिए स्कूल बुला रहे शिक्षक

शिक्षा विभाग की ओर से आदेश है कि कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के लिए स्कूल पूरी तरह से बंद रहेगी और कोई भी बच्चा स्कूल नहीं आएगा. इन स्कूली बच्चों को पढ़ने की सामग्री स्कूल की ओर से ही उपलब्ध कराई जाएगी. शिक्षा विभाग की ओर से स्कूली बच्चों को पढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. इन बच्चों को ई-कक्षा प्रोजेक्ट, स्माइल प्रोजेक्ट, आओ घर में सीखे, व्हाट्सअप ग्रुप आदि कार्यक्रम के जरिए पढ़ाया जा रहा है.

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कक्षा 9 से 12 तक के विद्यार्थी स्कूल अपनी पढ़ाई की समस्याओं के समाधान के लिए आ सकते हैं और इसमें भी उन्हें अपने अभिभावकों की लिखित में अनुमति की आवश्यकता होगी. ईटीवी भारत की टीम जब राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गणपति नगर पहुंची तो कक्षा 7 के 5 विद्यार्थी और कक्षा 6 के 3 विद्यार्थी पढ़ते हुए मिले.

जब उनसे पूछा गया कि वह स्कूल में क्यों आए हैं तो उन्होंने कहा कि उनकी टीचर ने उन्हें कक्षा में बुलाया है. हालांकि इस दौरान कक्षा में कोई भी टीचर मौजूद नहीं था. पिछले कई दिनों से बच्चे इस स्कूल में पढ़ने के लिए आ रहे थे. हालांकि गुरुवार को इन बच्चों की संख्या पिछले दिनों के मुकाबले कम थी.

जब इस संबंध में स्कूल की प्रिंसिपल विनीता पाराशर से बात की गई तो उन्होंने बच्चों के स्कूल आने की जानकारी से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि बच्चों को स्कूल में पढ़ने के लिए बुलाया जा रहा है. इसके बाद विनीता पाराशर खुद कक्षा में पहुंची और बच्चों से पूछा कि किसने उन्हें पढ़ने के लिए स्कूल में बुलाया है. बच्चों ने कहा कि टीचर के कहने पर ही वह स्कूल आए हैं. विनीता पाराशर ने सभी बच्चों को घर वापस भेज दिया.

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प्रिंसिपल विनीता पाराशर ने कहा कि पता नहीं यह बच्चे कहां से स्कूल आ गए. जब आपके साथ क्लास में गए तभी बच्चे मिले. विनीता पाराशर ने माना कि टीचर ने उन्हें क्लास में बुलाया है. उन्होंने यह भी कहा कि टीचर ने अभिभावकों को स्कूल बुलाने के लिए कहा था, लेकिन बच्चे कक्षा में कैसे पहुंचे उन्हें जानकारी नहीं है.

विनीता पाराशर ने इस मामले में अपनी गलती मानते हुए कहा कि आगे से इस तरह की गलती नहीं होगी और टीचर्स को भी सख्ती से बच्चों को स्कूल में बुलाने के लिए मना किया जाएगा. अभिभावकों को भी कहा जाएगा कि वह बच्चों को स्कूल नहीं भेजें. उन्होंने कहा कि जिस टीचर ने बच्चों को स्कूल में बुलाया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और उन्हें नोटिस भी दिया जाएगा.

Last Updated : Dec 4, 2020, 7:14 AM IST
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