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सरकार के खिलाफ लामबंद हुए प्राइवेट स्कूलों के शिक्षक और संचालक

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Published : Jul 9, 2020, 11:04 PM IST

कोरोना काल में स्कूल फीस को चल रहा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. शिक्षा मंत्री के फीस स्थगित करने के आदेश के बाद निजी स्कूल संचालक लामबंद हो गए हैं. शिक्षकों और स्कूल संचालकों ने सरकार से अपनी मांगों को मनवाने के लिए 'शिक्षा बचाओं संघर्ष समिति' का गठन किया है. जिसमें 23 जिलों के शिक्षक और संचालक प्रतिनिधियों ने अपनी सहमति दी.

private schools set up shiksha bachao sangharsh samiti,  School fees,  Teachers mobilized against school fees,  Controversy over school fee waiver
शिक्षा बचाओ संघर्ष समिति का किया गठन

जयपुर. कोरोना काल में स्कूल फीस को चल रहा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. शिक्षा मंत्री के फीस स्थगित करने के आदेश के बाद निजी स्कूल संचालक लामबंद हो गए हैं. शिक्षकों और स्कूल संचालकों ने सरकार से अपनी मांगे मनवाने के लिए 'शिक्षा बचाओं संघर्ष समिति' का गठन किया है. जिसमें 23 जिलों के शिक्षक और संचालक प्रतिनिधियों ने अपनी सहमति दी. शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री के निर्णय को तुग़लकी फ़रमान बताया. स्कूल संचालकों ने प्रदेश सरकार पर दोहरी राजनीति करने का आरोप लगाया और 4 स्कूल संचालकों के आत्महत्या करने के मामले में सरकार को दोषी ठहराया.

पढ़ें: चूरूः परीक्षा रद्द करवाने को लेकर NSUI कार्यकर्ताओं ने दिया PM मोदी के नाम ज्ञापन

संघर्ष समिति के सदस्यों का आरोप है कि 10 लाख से अधिक शिक्षक, कर्मचारियों व संचालकों के सामने जीवनयापन का घोर संकट है. जिसकी सरकार की तरफ से अनदेखी की जा रही है. सरकार के फैसले से वो सड़क पर आ गए हैं. वहीं निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि राजस्थान सरकार को शिक्षकों व संचालकों को साथ मे लेकर चलना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर मांगों को नहीं माना गया तो राजस्थान में हजारों प्राइवेट स्कूलें बन्द हो जाएंगी और लाखों शिक्षक और गैर शिक्षक स्टाफ सड़क पर आ जाएंगे.

संघर्ष समिति ने सरकार को 1 सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है और फीस माफी के फैसले को वापस लेने की मांग की गई है. समिति ने मांग नहीं माने जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है. संघर्ष समिति की मुख्य संयोजक हेमलता शर्मा, कैलाश चंद शर्मा को अजमेर, हरभान सिंह कुंतल को भरतपुर, विनोद शर्मा को अलवर संभाग, जितेंद्र कुमार अरोड़ा को राजसमन्द, ब्यावर, पाली संभाग, आनंद थ्योरी को बाड़मेर संभाग, सुखराम खोखर को जालोर संभाग का प्रभारी व समिति की प्रवक्ता सीमा शर्मा को नियुक्त किया गया है.

जयपुर. कोरोना काल में स्कूल फीस को चल रहा विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. शिक्षा मंत्री के फीस स्थगित करने के आदेश के बाद निजी स्कूल संचालक लामबंद हो गए हैं. शिक्षकों और स्कूल संचालकों ने सरकार से अपनी मांगे मनवाने के लिए 'शिक्षा बचाओं संघर्ष समिति' का गठन किया है. जिसमें 23 जिलों के शिक्षक और संचालक प्रतिनिधियों ने अपनी सहमति दी. शिक्षकों ने शिक्षा मंत्री के निर्णय को तुग़लकी फ़रमान बताया. स्कूल संचालकों ने प्रदेश सरकार पर दोहरी राजनीति करने का आरोप लगाया और 4 स्कूल संचालकों के आत्महत्या करने के मामले में सरकार को दोषी ठहराया.

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संघर्ष समिति के सदस्यों का आरोप है कि 10 लाख से अधिक शिक्षक, कर्मचारियों व संचालकों के सामने जीवनयापन का घोर संकट है. जिसकी सरकार की तरफ से अनदेखी की जा रही है. सरकार के फैसले से वो सड़क पर आ गए हैं. वहीं निसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि राजस्थान सरकार को शिक्षकों व संचालकों को साथ मे लेकर चलना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर मांगों को नहीं माना गया तो राजस्थान में हजारों प्राइवेट स्कूलें बन्द हो जाएंगी और लाखों शिक्षक और गैर शिक्षक स्टाफ सड़क पर आ जाएंगे.

संघर्ष समिति ने सरकार को 1 सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है और फीस माफी के फैसले को वापस लेने की मांग की गई है. समिति ने मांग नहीं माने जाने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है. संघर्ष समिति की मुख्य संयोजक हेमलता शर्मा, कैलाश चंद शर्मा को अजमेर, हरभान सिंह कुंतल को भरतपुर, विनोद शर्मा को अलवर संभाग, जितेंद्र कुमार अरोड़ा को राजसमन्द, ब्यावर, पाली संभाग, आनंद थ्योरी को बाड़मेर संभाग, सुखराम खोखर को जालोर संभाग का प्रभारी व समिति की प्रवक्ता सीमा शर्मा को नियुक्त किया गया है.

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