जयपुर. स्वच्छता सर्वेक्षण- 2021 की स्टार रेटिंग में प्लास्टिक उपयोग पर रोक की स्थिति में पूरे 100 फीसदी अंक नागरिकों के फीडबैक पर मिलेंगे. आम नागरिकों के फीडबैक पर ही माना जाएगा, कि शहर में प्लास्टिक के उपयोग पर रोक लगी है या नहीं.
ऐसे में अब जयपुर के हेरिटेज और ग्रेटर दोनों नगर निगम सहित प्रदेश के सभी नगरीय निकायों के सामने शहर को प्लास्टिक फ्री करने की चुनौती होगी. इस चुनौती से पार पाने के लिए अब आम जनता का ही साथ लिया जाएगा. इस संबंध में ग्रेटर नगर निगम महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर ने कहा कि जयपुर को प्लास्टिक फ्री बनाने का लक्ष्य तय किया गया है. प्लास्टिक की रोकथाम के लिए गाइडलाइन भी जारी कर दी गई है. साथ ही पेपर बैग प्रमोट करने के लिए उन्हें निगम स्तर पर बनवाकर वितरित किया जाएगा और प्लास्टिक बैग का इस्तेमाल करने वालों पर सख्ती भी बरती जाएगी.
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बता दें कि बीते साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर देश को साल 2022 तक सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने का लक्ष्य रखा था, जिसके बाद युद्ध स्तर पर सभी प्रदेशों में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाते हुए, इसके विकल्प निकाले गए. लेकिन कोरोना काल में एक बार फिर पॉलीथिन बैग, प्लास्टिक की बोतलें, फूड पैकेजिंग का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है. यही नहीं सब्जी और फल विक्रेता भी कागज की थैलियां छोड़ एक बार फिर पॉलीथिन थैलियों को इस्तेमाल करने लगे हैं.