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जयपुरः पिंजरे के शेर को जंगल के कानून पढ़ा रही 'तारा'

अब तक पिंजरे में रहा कैलाश शनिवार को लॉयन सफारी के खुले जंगल में घूम रहा है. साथ ही उसे जंगल के कानूनों का पाठ शेरनी तारा पढ़ा रही है. डॉक्टर अशोक तंवर ने बताया कि दोनों की जोड़ी जल्द ही वन विभाग को खुशखबरी दे सकती है.

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लॉयन सफारी में कैलाश
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Published : Dec 21, 2019, 8:43 PM IST

जयपुर. शेर कैलाश पहले कभी जंगल में नहीं रहा. 3 माह पहले कैलाश को जोधपुर से जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लाया गया था. जन्म से लेकर ही पिंजरे में रहने वाला कैलाश जंगल के बारे में बिल्कुल अनजान है. कैलाश को नाहरगढ़ लॉयन सफारी में तारा के साथ छोड़ा गया है. तारा शिक्षिका बनकर कैलाश को जंगल में रहना सिखा रही है. पहले दिन तो कैलाश जंगल में ज्यादा नहीं घुमा लेकिन अब तारा कैलाश को अपने साथ लेकर पूरा जंगल घुमा रही है.

पिंजरे के शेर को जंगल के कानून पढ़ा रही 'तारा'

रोजाना सुबह तारा और कैलाश लॉयन सफारी से साथ-साथ ही निकलते हैं. सुबह 10 बजे तारा और कैलाश को जंगल में छोड़ा जाता है और श्याम को दोनों वापस अपने एंक्लोजर में आ जाते हैं. साथ ही शेर-शेरनी का जोड़ा लॉयन सफारी में आने वाले पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ हैं. वहीं पर्यटक तारा और कैलाश की अठखेलियां देखकर रोमांचित होते नजर आते हैं.

पढ़ेंः जोधपुर: भोपालगढ़ पंचायत समिति की प्रधान की सीट OBC महिला के खाते में आई

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के एसीएफ जगदीश गुप्ता ने बताया कि शेर कैलाश को जंगल में रहने का अनुभव नहीं है. पहली बार लॉयन सफारी के जंगल में कैलाश को छोड़ा गया है. धीरे-धीरे अब जंगल में रहने के तौर-तरीके केलाश सीख रहा है. शेरनी तारा कैलाश को जंगल में रहना सिखा रही है. दिन भर तारा कैलाश का ख्याल रखती है और उसके साथ-साथ ही नजर आती है. दोनों की जोड़ी पर्यटकों को काफी लुभा रही है.

वन्यजीव चिकित्सक डॉक्टर अशोक तंवर ने बताया कि कैलाश को तारा के साथ जोड़ा बनाने के लिए जोधपुर से लाया गया है. लेकिन कैलाश को जंगल के बारे में कुछ भी नहीं पता है. पहली बार उसे लॉयन सफारी के खुले जंगल में छोड़ा गया है. तारा और कैलाश को की मॉनिटरिंग की गई तो देखा कि तारा ने कैलाश को जंगल में गाइड किया. शेरनी तारा शेर कैलाश के आगे-पीछे घूम रही थी और उसको साथ साथ जंगल में घुमाती हुई नजर आई.

पढ़ेंः जोधपुर: किशोर अवस्था और किशोर स्वास्थ्य समस्याओं पर 1 दिवसीय कार्यशाला आयोजित

साथ ही बताया कि कैलाश बैठता तो तारा भी बैठ जाती है और कैलाश चलता तो तारा भी उसके साथ चल पड़ती है. यानी कुल मिलाकर तारा कैलाश को जंगल में रहना सिखा रही है. तारा कैलाश को संभाल रही है. दोनों की जोड़ी जल्द ही वन विभाग को खुशखबरी दे सकती है. उम्मीद है कि भविष्य में दोनों की सफल ब्रीडिंग होने से नाहरगढ़ लॉयन सफारी में शेरों का कुनबा बढ़ेगा.

जयपुर. शेर कैलाश पहले कभी जंगल में नहीं रहा. 3 माह पहले कैलाश को जोधपुर से जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लाया गया था. जन्म से लेकर ही पिंजरे में रहने वाला कैलाश जंगल के बारे में बिल्कुल अनजान है. कैलाश को नाहरगढ़ लॉयन सफारी में तारा के साथ छोड़ा गया है. तारा शिक्षिका बनकर कैलाश को जंगल में रहना सिखा रही है. पहले दिन तो कैलाश जंगल में ज्यादा नहीं घुमा लेकिन अब तारा कैलाश को अपने साथ लेकर पूरा जंगल घुमा रही है.

पिंजरे के शेर को जंगल के कानून पढ़ा रही 'तारा'

रोजाना सुबह तारा और कैलाश लॉयन सफारी से साथ-साथ ही निकलते हैं. सुबह 10 बजे तारा और कैलाश को जंगल में छोड़ा जाता है और श्याम को दोनों वापस अपने एंक्लोजर में आ जाते हैं. साथ ही शेर-शेरनी का जोड़ा लॉयन सफारी में आने वाले पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ हैं. वहीं पर्यटक तारा और कैलाश की अठखेलियां देखकर रोमांचित होते नजर आते हैं.

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नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के एसीएफ जगदीश गुप्ता ने बताया कि शेर कैलाश को जंगल में रहने का अनुभव नहीं है. पहली बार लॉयन सफारी के जंगल में कैलाश को छोड़ा गया है. धीरे-धीरे अब जंगल में रहने के तौर-तरीके केलाश सीख रहा है. शेरनी तारा कैलाश को जंगल में रहना सिखा रही है. दिन भर तारा कैलाश का ख्याल रखती है और उसके साथ-साथ ही नजर आती है. दोनों की जोड़ी पर्यटकों को काफी लुभा रही है.

वन्यजीव चिकित्सक डॉक्टर अशोक तंवर ने बताया कि कैलाश को तारा के साथ जोड़ा बनाने के लिए जोधपुर से लाया गया है. लेकिन कैलाश को जंगल के बारे में कुछ भी नहीं पता है. पहली बार उसे लॉयन सफारी के खुले जंगल में छोड़ा गया है. तारा और कैलाश को की मॉनिटरिंग की गई तो देखा कि तारा ने कैलाश को जंगल में गाइड किया. शेरनी तारा शेर कैलाश के आगे-पीछे घूम रही थी और उसको साथ साथ जंगल में घुमाती हुई नजर आई.

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साथ ही बताया कि कैलाश बैठता तो तारा भी बैठ जाती है और कैलाश चलता तो तारा भी उसके साथ चल पड़ती है. यानी कुल मिलाकर तारा कैलाश को जंगल में रहना सिखा रही है. तारा कैलाश को संभाल रही है. दोनों की जोड़ी जल्द ही वन विभाग को खुशखबरी दे सकती है. उम्मीद है कि भविष्य में दोनों की सफल ब्रीडिंग होने से नाहरगढ़ लॉयन सफारी में शेरों का कुनबा बढ़ेगा.

Intro:जयपुर
एंकर- अब तक पिंजरे में रहा कैलाश आज लॉयन सफारी के खुले जंगल में घूम रहा है। लेकिन उसे जंगल की आजादी का महत्व जंगल की शेरनी तारा बता रही है। जंगल के अलग कानून होते हैं इन्हीं कानूनों का पाठ तारा कैलाश को पढ़ा रही है।


Body:जोधपुर का शहर कैलाश पहले कभी जंगल में नहीं रहा। 3 माह पहले शेर कैलाश को जोधपुर से जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लाया गया था। जन्म से लेकर ही पिंजरे में रहने वाला कैलाश जंगल के बारे में बिल्कुल अनजान है। कैलाश को नाहरगढ़ लॉयन सफारी में तारा के साथ छोड़ा गया है। तारा शिक्षिका बनकर कैलाश को जंगल में रहना सिखा रही है। पहले दिन तो कैलाश जंगल में ज्यादा नहीं घुमा। लेकिन अब तारा कैलाश को अपने साथ लेकर पूरा जंगल घुमा रही है। रोजाना सुबह तारा और कैलाश लॉयन सफारी में साथ साथ ही निकलते हैं। सुबह 10 बजे तारा और कैलाश को लॉयन सफारी के जंगल में छोड़ा जाता है और श्याम को दोनों वापस अपने एंक्लोजर में आ जाते हैं। शेर-शेरनी का जोड़ा लॉयन सफारी में आने वाले पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ हैं। पर्यटक तारा और कैलाश की अठखेलियां देखकर रोमांचित होते नजर आते हैं।
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के एसीएफ जगदीश गुप्ता ने बताया कि शेर कैलाश को जंगल में रहने का अनुभव नहीं है। पहली बार लॉयन सफारी के जंगल में कैलाश को छोड़ा गया है। धीरे-धीरे अब जंगल में रहने के तौर-तरीके केलाश सीख रहा है। शेरनी तारा कैलाश को जंगल में रहना सिखा रही है। दिन भर तारा कैलाश का खयाल रखती है और उसके साथ साथ ही नजर आती है। दोनों की जोड़ी पर्यटकों को काफी लुभा रही है।

वन्यजीव चिकित्सक डॉक्टर अशोक तंवर ने बताया कि कैलाश को तारा के साथ जोड़ा बनाने के लिए जोधपुर से लाया गया है। लेकिन कैलाश को जंगल के बारे में कुछ भी नहीं पता पहली बार उसे लॉयन सफारी के खुले जंगल में छोड़ा गया है। तारा और कैलाश को लॉयन सफारी में छोड़ने के बाद उनकी मॉनिटरिंग की गई तो देखा कि तारा ने कैलाश को जंगल में गाइड किया। शेरनी तारा शेर कैलाश के आगे पीछे घूम रही थी और उसको साथ साथ जंगल में घुमाती हुई नजर आई। कैलाश बैठता तो तारा भी बैठ जाती है। कैलाश चलता तो तारा भी उसके साथ चल पड़ती है। यानी कुल मिलाकर तारा कैलाश को जंगल में रहना सिखा रही है।






Conclusion:तारा कैलाश को संभाल रही है। दोनों की जोड़ी जल्द ही वन विभाग को खुशखबरी दे सकती है। उम्मीद है कि भविष्य में दोनों की सफल ब्रीडिंग होने से नाहरगढ़ लॉयन सफारी में शेरों का कुनबा बढ़ेगा।

बाईट- डॉक्टर अशोक तंवर, वन्यजीव चिकित्सक
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