जयपुर. शेर कैलाश पहले कभी जंगल में नहीं रहा. 3 माह पहले कैलाश को जोधपुर से जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लाया गया था. जन्म से लेकर ही पिंजरे में रहने वाला कैलाश जंगल के बारे में बिल्कुल अनजान है. कैलाश को नाहरगढ़ लॉयन सफारी में तारा के साथ छोड़ा गया है. तारा शिक्षिका बनकर कैलाश को जंगल में रहना सिखा रही है. पहले दिन तो कैलाश जंगल में ज्यादा नहीं घुमा लेकिन अब तारा कैलाश को अपने साथ लेकर पूरा जंगल घुमा रही है.
रोजाना सुबह तारा और कैलाश लॉयन सफारी से साथ-साथ ही निकलते हैं. सुबह 10 बजे तारा और कैलाश को जंगल में छोड़ा जाता है और श्याम को दोनों वापस अपने एंक्लोजर में आ जाते हैं. साथ ही शेर-शेरनी का जोड़ा लॉयन सफारी में आने वाले पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ हैं. वहीं पर्यटक तारा और कैलाश की अठखेलियां देखकर रोमांचित होते नजर आते हैं.
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नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के एसीएफ जगदीश गुप्ता ने बताया कि शेर कैलाश को जंगल में रहने का अनुभव नहीं है. पहली बार लॉयन सफारी के जंगल में कैलाश को छोड़ा गया है. धीरे-धीरे अब जंगल में रहने के तौर-तरीके केलाश सीख रहा है. शेरनी तारा कैलाश को जंगल में रहना सिखा रही है. दिन भर तारा कैलाश का ख्याल रखती है और उसके साथ-साथ ही नजर आती है. दोनों की जोड़ी पर्यटकों को काफी लुभा रही है.
वन्यजीव चिकित्सक डॉक्टर अशोक तंवर ने बताया कि कैलाश को तारा के साथ जोड़ा बनाने के लिए जोधपुर से लाया गया है. लेकिन कैलाश को जंगल के बारे में कुछ भी नहीं पता है. पहली बार उसे लॉयन सफारी के खुले जंगल में छोड़ा गया है. तारा और कैलाश को की मॉनिटरिंग की गई तो देखा कि तारा ने कैलाश को जंगल में गाइड किया. शेरनी तारा शेर कैलाश के आगे-पीछे घूम रही थी और उसको साथ साथ जंगल में घुमाती हुई नजर आई.
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साथ ही बताया कि कैलाश बैठता तो तारा भी बैठ जाती है और कैलाश चलता तो तारा भी उसके साथ चल पड़ती है. यानी कुल मिलाकर तारा कैलाश को जंगल में रहना सिखा रही है. तारा कैलाश को संभाल रही है. दोनों की जोड़ी जल्द ही वन विभाग को खुशखबरी दे सकती है. उम्मीद है कि भविष्य में दोनों की सफल ब्रीडिंग होने से नाहरगढ़ लॉयन सफारी में शेरों का कुनबा बढ़ेगा.