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सरकार के साथ सरपंचों की वार्ता रही सफल, 8 मार्च को होने वाला विधानसभा घेराव स्थगित

राजस्थान में अपनी 20 सूत्री मांगों को लेकर 28 फरवरी से लगातार आंदोलन कर रहे सरपंचों को शनिवार को सरकार के साथ बातचीत में सफलता मिल गई. जिसके बाद 8 मार्च को सरपंचों का विधानसभा घेराव कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है.

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राजस्थान सरपंच संघ
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Published : Mar 7, 2021, 12:49 AM IST

जयपुर. राजस्थान में अपनी 20 सूत्री मांगों को लेकर 28 फरवरी से लगातार आंदोलन कर रहे सरपंचों को शनिवार को सरकार के साथ बातचीत में सफलता मिल गई. जिसके बाद 8 मार्च को सरपंचों का विधानसभा घेराव कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है. 28 फरवरी को स्थानीय विधायकों को ज्ञापन देने से शुरू हुआ आंदोलन 8 मार्च को विधानसभा घेराव के साथ अपने चरम पर चला जाता, इससे पहले ही सरकार ने सरपंचों से बात की और उनकी मांगों पर सहमति जता दी.

पढ़ें: 'आलाकमान ने Vasundhara Raje को CM प्रोजेक्ट नहीं किया तो BJP की सत्ता में नहीं होगी वापसी'

सरपंच संघ ने भी एक कदम आगे बढ़ाते हुए 8 मार्च को घोषित विधानसभा घेराव वापस ले लिया है. राजस्थान सरपंच संघ के संरक्षक भंवरलाल जानू ने कहा कि हमारी 20 मांगे थी. जिसे लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और निरंजन आर्य से बात हुई. उन्होंने सभी संबंधित डिपार्टमेंट जिनमें फाइनेंस और पंचायती राज से बात कर हमें आश्वासन दिया कि हमारी मांगे 1 सप्ताह के अंदर या जल्दी से जल्दी पूरी कर दी जाएगी.

राजस्थान सरपंच संघ

उन्होंने कहा कि हमारा सबसे महत्वपूर्ण मामला जो फाइनेंस का था. जिसमें 1500 करोड़ एसएफसी के बाकी हैं वह 4 दिन के अंदर पंचायतों को ट्रांसफर कर दिए जाएंगे. फाइनेंस विभाग ने तो पंचायती राज को ये पैसे ट्रांसफर कर दिए हैं, पंचायती राज अगले 4 दिनों में यह पैसा पंचायतों के खाते में ट्रांसफर कर देगा. वहीं 15वें वित्त आयोग के अनुसार राज्य सरकार पैसे डाल सीसी भेज देगा जिससे 1934 करोड़ 1 सप्ताह में जारी हो जाएंगे.

राजस्थान सरपंच संघ

1500 करोड़ रुपए जो नरेगा के बाकी थे उनमें केंद्र सरकार का 75% और राज्य सरकार का 25% होता है. इनमें से राज्य सरकार ने हिस्से का 325 करोड़ रुपए जारी कर दिया है और केंद्र के हिस्से के 12 सौ करोड़ रुपए 20 मार्च तक मंगवाने का आश्वासन दिया है. वहीं सरपंचों की बाकी बची मांगों पर भी सरकार ने सकारात्मक रुख अपनाया है. जिसके चलते सरपंचों ने सरकार को धन्यवाद करते हुए आखिर अपना 8 मार्च को संभावित विधानसभा घेराव कार्यक्रम स्थगित कर दिया.

जयपुर. राजस्थान में अपनी 20 सूत्री मांगों को लेकर 28 फरवरी से लगातार आंदोलन कर रहे सरपंचों को शनिवार को सरकार के साथ बातचीत में सफलता मिल गई. जिसके बाद 8 मार्च को सरपंचों का विधानसभा घेराव कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है. 28 फरवरी को स्थानीय विधायकों को ज्ञापन देने से शुरू हुआ आंदोलन 8 मार्च को विधानसभा घेराव के साथ अपने चरम पर चला जाता, इससे पहले ही सरकार ने सरपंचों से बात की और उनकी मांगों पर सहमति जता दी.

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सरपंच संघ ने भी एक कदम आगे बढ़ाते हुए 8 मार्च को घोषित विधानसभा घेराव वापस ले लिया है. राजस्थान सरपंच संघ के संरक्षक भंवरलाल जानू ने कहा कि हमारी 20 मांगे थी. जिसे लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और निरंजन आर्य से बात हुई. उन्होंने सभी संबंधित डिपार्टमेंट जिनमें फाइनेंस और पंचायती राज से बात कर हमें आश्वासन दिया कि हमारी मांगे 1 सप्ताह के अंदर या जल्दी से जल्दी पूरी कर दी जाएगी.

राजस्थान सरपंच संघ

उन्होंने कहा कि हमारा सबसे महत्वपूर्ण मामला जो फाइनेंस का था. जिसमें 1500 करोड़ एसएफसी के बाकी हैं वह 4 दिन के अंदर पंचायतों को ट्रांसफर कर दिए जाएंगे. फाइनेंस विभाग ने तो पंचायती राज को ये पैसे ट्रांसफर कर दिए हैं, पंचायती राज अगले 4 दिनों में यह पैसा पंचायतों के खाते में ट्रांसफर कर देगा. वहीं 15वें वित्त आयोग के अनुसार राज्य सरकार पैसे डाल सीसी भेज देगा जिससे 1934 करोड़ 1 सप्ताह में जारी हो जाएंगे.

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1500 करोड़ रुपए जो नरेगा के बाकी थे उनमें केंद्र सरकार का 75% और राज्य सरकार का 25% होता है. इनमें से राज्य सरकार ने हिस्से का 325 करोड़ रुपए जारी कर दिया है और केंद्र के हिस्से के 12 सौ करोड़ रुपए 20 मार्च तक मंगवाने का आश्वासन दिया है. वहीं सरपंचों की बाकी बची मांगों पर भी सरकार ने सकारात्मक रुख अपनाया है. जिसके चलते सरपंचों ने सरकार को धन्यवाद करते हुए आखिर अपना 8 मार्च को संभावित विधानसभा घेराव कार्यक्रम स्थगित कर दिया.

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