जयपुर. कोरोना संक्रमण को देखते हुए राजस्थान सरकार ने बड़े फैसले किए हैं. जिसके तहत राजस्थान में सामाजिक-धार्मिक आयोजन पर 31 अक्टूबर तक रोक रहेगी. वहीं 21 सितंबर से राज्य-स्तरीय हेल्पलाइन शुरू की जाएगी, जिस पर कोरोना संबंधी समस्या के समाधान और सलाह के लिए संपर्क किया जा सकेगा. शनिवार रात राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रदेश के 11 जिलों में धारा 144 लगा दी है. जिसके चलते अब इन 11 जिलों में एक जगह 5 से ज्यादा लोग इकट्ठे नहीं हो सकेंगे, लेकिन इसका असर राजस्थान कांग्रेस संगठन के सोमवार को केंद्र सरकार के कृषि अध्यादेश के खिलाफ होने वाले प्रदर्शन पर भी पड़ेगा.
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प्रदेश कांग्रेस के निर्देशों पर जिलों में केंद्र के तीनों कृषि अध्यादेशो कृषि उपज वाणिज्य और व्यापार (संवर्धन और सुविधा )अध्यादेश, मूल आश्वासन और कृषि सेवा समझौता अध्यादेश, आवश्यक वस्तु संशोधन अध्यादेश के विरोध में जिलों में केंद्रीय कार्यालयों के बाहर इन तीनों संशोधनों की प्रतियों का दहन करना था. लेकिन अब क्योंकि राजस्थान के 11 जिलों में धारा 144 लग गई है. ऐसे में इन 11 जिलों में तो कानूनन कांग्रेस पार्टी का विरोध केवल प्रतीकात्मक होगा.
वहीं कांग्रेस पार्टी यह नहीं चाहेगी कि प्रदेश के बाकी जिलों में वह बड़ा प्रदर्शन करें और उस पर कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने का आरोप लगे. ऐसे में पूरे प्रदेश में ही यह आंदोलन प्रतीकात्मक ही होगा और कांग्रेस नेता 5 से कम की संख्या में केंद्रीय कार्यालयों के बाहर जाकर इन तीनों अध्यादेशों की होली जलाएंगे. प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस के 5 से कम कार्यकर्ता केंद्र सरकार की ओर से लाए गए इन कृषि अध्यादेशों की प्रतियां जलाकर अपना विरोध दर्ज करेंगे.
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यह प्रदर्शन केंद्रीय कार्यालय जैसे इनकम टैक्स ऑफिस, ईडी, सीबीआई या किसी अन्य केंद्रीय कार्यालय के बाहर किया जाएगा. दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संक्रमण के चलते रविवार देर रात को राजस्थान के जयपुर, जोधपुर, कोटा, अजमेर, अलवर, भीलवाड़ा, बीकानेर, उदयपुर, सीकर, पाली और नागौर जिले में सार्वजनिक स्थलों पर धारा 144 लगा दी है. जिसके तहत 5 से अधिक व्यक्तियों के एक साथ इकट्ठे होने पर प्रतिबंध रहेगा. ऐसे में इन 11 जिलों में तो कानूनी तौर पर कांग्रेस सांकेतिक प्रदर्शन करने को बाध्य होगी, तो वहीं बाकी जिलों में भी कांग्रेस पार्टी कोरोनावायरस के अनुसार ही यह प्रदर्शन करेगी.