जयपुर. केंद्र सरकार ने शनिवार को स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 रैंकिंग लिस्ट जारी की है. जिसमें मध्यप्रदेश के इंदौर ने छठी बार अपना परचम (Swachh Survekshan 2022 Ranking) फहराया है. वहीं राजस्थान में हेरिटेज नगर निगम अव्वल रहा है. हेरिटेज नगर निगम की ऑल ओवर इंडिया 26वीं रैंक आई है, जो पिछली बार की तुलना में छह पायदान बेहतर है.
केंद्र सरकार की ओर से जारी स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 की रैंकिंग में राजस्थान का एक भी नगर निगम टॉप-10 में जगह (Jaipur Heritage nagar nigam Ranks 26th) नहीं बना पाया. जयपुर में दो नगर निगम, दो मेयर, अफसरों के साथ सफाईकर्मियों की फौज होने के बावजूद पिंक सिटी को टॉप 20 में भी जगह नहीं मिली. 10 से 40 लाख की आबादी वाले शहरों में राजस्थान के नगर-निगम हेरिटेज ने 26 वीं रैंक हासिल की है. हेरिटेज नगर निगम ने 7500 में से 4230.96 अंक हासिल किए हैं. वहीं ग्रेटर नगर निगम 3877.28 अंक के साथ 33वें स्थान पर है.
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ये रही रिपोर्ट कार्ड :
कैटेगरी | कुल अंक | हेरिटेज को मिले अंक | ग्रेटर को मिले अंक |
सर्विस लेवल प्रोग्रेस | 3000 | 1985.75 | 1743.06 |
सिटीजन वॉइस | 2250 | 1645.21 | 1534.22 |
सर्टिफिकेशन | 2250 | 600 | 600 |
स्टार रेटिंग में जयपुर के हाथ खाली रहे. वहीं स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में जो ओडीएफ प्लस के साथ ओडीएफ वाटर प्लस के अंक जोड़े गए थे, उसमें भी दोनों ही निगम ने 400-400 अंक गंवा दिए. हालांकि कोटा, उदयपुर, अजमेर, जोधपुर जैसे शहर टॉप 100 में भी अपनी जगह नहीं बना पाए.
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किए गए थे कई बदलाव : वहीं स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में कई बदलाव किए गए थे. इसी के तहत अंकों में भी (Swachh Survekshan 2022 criteria) बढ़ोत्तरी की गई थी. 7500 अंकों के लिए हुए सर्वेक्षण में सर्विस लेवल प्रोग्रेस के अंक 2400 से बढ़ाकर 3000, सिटी वॉयस और सर्टिफिकेशन के अंक 1800-1800 से बढ़ाकर 2250 किए गए थे. कुल 7500 में 40 प्रतिशत सर्विस लेवल प्रोग्रेस और 30-30 प्रतिशत सिटी वॉयस और सर्टिफिकेशन के अंक रखे गए थे. लेकिन सर्वेक्षण के दौरान भी घर-घर कचरा संग्रहण पर कोई काम नहीं हुआ था.
हेरिटेज निगम ने तो बीवीजी कंपनी को भी हटा दिया था. वहीं जो कचरा संग्रहण हुआ वहां भी (Swachh Survekshan 2022 Rules in Jaipur ) गीला-सूखा कचरा अलग-अलग नहीं हुआ था. नाला और वाटर बॉडी को कचरा मुक्त और अतिक्रमण मुक्त रखना था. प्रत्येक 50 मीटर पर कचरा पात्र रखना भी जरूरी किया गया था, जो देखने को नहीं मिली. प्रतिबंधित पॉलीथिन की धड़ल्ले से बिक्री, उपयोग और भंडारण हुआ. कचरा संग्रहण करने वालों की सुरक्षा, उनके आई कार्ड, ट्रेनिंग पर काम नहीं हुआ.