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SPECIAL: 320 लोगों को किडनी, 43 लोगों को लिवर और 21 लोगों को दिल की जरूरत...

वैश्विक महामारी बन कर उभरे कोरोना वायरस का असर अस्पतालों पर दिखने लगा है. कोरोना संक्रमण के खतरे के कारण जयपुर के SMS अस्पताल में आमतौर पर ओपीडी में लगने वाली भीड़ अब लगभग गायब हो चली है. वहीं, एहतियातन मरीजों की सर्जरी भी स्थगित कर दी गई है. देखें ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट.

कोरोना संक्रमण के चलते अस्पतालों में सर्जरी स्थगित, Surgery postponed in hospitals due to corona infection
कोरोना संक्रमण के चलते अस्पतालों में सर्जरी स्थगित
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Published : Apr 8, 2020, 5:38 PM IST

जयपुर. कोरोना वायरस का असर अस्पतालों में साफ तौर पर देखने को मिल रहा है. राजधानी जयपुर में कोरोना संक्रमण के 100 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. ऐसे में सवाई मानसिंह अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों में होने वाली सामान्य सर्जरी या ऑपरेशन फिलहाल राज्य सरकार के आदेश पर रोक दिए गए हैं.

कोरोना संक्रमण के चलते अस्पतालों में सर्जरी स्थगित

हाल ही में 16 जनवरी को सवाई मानसिंह अस्पताल में पहला हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया था. ऐसा करने वाला यह उत्तर भारत का पहला सरकारी अस्पताल था. वहीं, 12 फरवरी को इसी अस्पताल ने दूसरा हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया. इन उपलब्धि के बाद जयपुर के इस सरकारी अस्पताल ने देशभर में काफी सुर्खियां भी बटोरी थी. वहीं, अब अस्पताल प्रशासन की ओर से लिवर ट्रांसप्लांट की तैयारी भी शुरू की जा रही थी. लेकिन इसी बीच कोरोना वायरस के मामले सामने आने के बाद अस्पताल में अंग प्रत्यारोपण रोकने पड़े.

OPD पर कोरोना का असर..

जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में आमतौर पर हर दिन 9 से 10 हजार मरीज अपना इलाज करवाने अस्पताल पहुंचते थे. लेकिन कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ने के बाद अब अस्पतालों की ओपीडी काफी कम हो गई है. SMS अस्पताल में ओपीडी महज 400 से 500 मरीजों की रह गई है.

ऐसे में जो मरीज सामान्य बीमारी के चलते अस्पताल में पहले भर्ती थे कोरोना वायरस के खतरे के चलते अब वे भी अस्पताल छोड़ चुके हैं. SMS अस्पताल ही नहीं बल्कि अन्य अस्पतालों में भी यही हाल देखने को मिल रहा है.

ये भी पढ़ें- ETV BHARAT पर जानिए क्या होता है 'लॉकडाउन', 'कर्फ्यू' और 'महा कर्फ्यू' में अंतर..

राजस्थान में अंगदान जरूरतमंद की संख्या..

ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन से मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान में किडनी, लिवर और हार्ट से जुड़ी बीमारियों के मरीजों को अंगों की जरूरत है. इसके तहत जो रजिस्टर्ड आंकड़े हैं उसमें 320 लोगों को किडनी, 43 लोगों को लिवर और 21 लोगों को दिल की जरूरत है.

आमतौर पर किडनी ट्रांसप्लांट अधिक

जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के अलावा राजधानी के कुछ ऐसे बड़े अस्पताल हैं, जो आमतौर पर सबसे अधिक किडनी ट्रांसप्लांट कर रहे हैं. सवाई मानसिंह अस्पताल की बात करें तो करीब अब तक अस्पताल में 1,000 से अधिक किडनी ट्रांसप्लांट किए जा चुके हैं. वहीं, अस्पताल में दो हार्ट और एक लिवर ट्रांसप्लांट किया जा चुका है. हालांकि यह लिवर ट्रांसप्लांट बाहर से आए चिकित्सकों ने अस्पताल में किया था, तो वहीं राजस्थान का पहला हार्ट ट्रांसप्लांट जयपुर के एक निजी अस्पताल में किया गया था.

अस्पतालों में सर्जरी रुकी..

दरअसल कोरोना वायरस के मामले लगातार सामने आने के बाद सवाई मानसिंह अस्पताल समेत जयपुर के सभी बड़े अस्पतालों में सर्जरी रुक गई है. सवाई मानसिंह अस्पताल में आमतौर पर हर दिन 200 से 300 छोटी बड़ी सर्जरी की जाती थी. लेकिन अब संक्रमण के खतरे को देखते हुए इन्हें रोक दिया गया है. सिर्फ अति आवश्यक सर्जरी ही अस्पताल में की जा रही है.

इसके अलावा जयपुर के लगभग सभी अस्पतालों को क्वॉरेंटाइन और आइसोलेशन वार्ड तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं. सरकार ने प्रदेश में एक लाख से अधिक क्वॉरेंटाइन और आइसोलेशन वार्ड तैयार करने के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद प्राइवेट अस्पतालों में भी छोटी सर्जरी या ऑपरेशन बंद कर दिए गए हैं.

ये भी पढ़ें- जयपुर: जेके लोन अस्पताल के चिकित्सकों ने तैयार की PPE किट, अन्य किट से 3 गुना सस्ती

हार्ट और किडनी ट्रांसप्लांटेशन रुके

जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में हाल ही में दो हार्ट ट्रांसप्लांट किए गए थे और इस अस्पताल में हर महीने औसत 40 किडनी ट्रांसप्लांट भी किए जाते थे. सफलतापूर्वक दो हार्ट ट्रांसप्लांट करने के बाद अस्पताल लिवर ट्रांसप्लांट की भी तैयारी कर रहा था और लिवर ट्रांसप्लांट के लिए सभी तैयारियां पूरी कर भी ली गई थी.

लेकिन कोरोना वायरस के चलते अब यह सभी ट्रांसप्लांट पूरी तरह रोक दिए गए हैं. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि यदि ट्रांसप्लांट किया गया तो मरीज में संक्रमण का खतरा हो सकता है. इससे उसकी जान भी जा सकती है.

जयपुर. कोरोना वायरस का असर अस्पतालों में साफ तौर पर देखने को मिल रहा है. राजधानी जयपुर में कोरोना संक्रमण के 100 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं. ऐसे में सवाई मानसिंह अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों में होने वाली सामान्य सर्जरी या ऑपरेशन फिलहाल राज्य सरकार के आदेश पर रोक दिए गए हैं.

कोरोना संक्रमण के चलते अस्पतालों में सर्जरी स्थगित

हाल ही में 16 जनवरी को सवाई मानसिंह अस्पताल में पहला हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया था. ऐसा करने वाला यह उत्तर भारत का पहला सरकारी अस्पताल था. वहीं, 12 फरवरी को इसी अस्पताल ने दूसरा हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया. इन उपलब्धि के बाद जयपुर के इस सरकारी अस्पताल ने देशभर में काफी सुर्खियां भी बटोरी थी. वहीं, अब अस्पताल प्रशासन की ओर से लिवर ट्रांसप्लांट की तैयारी भी शुरू की जा रही थी. लेकिन इसी बीच कोरोना वायरस के मामले सामने आने के बाद अस्पताल में अंग प्रत्यारोपण रोकने पड़े.

OPD पर कोरोना का असर..

जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में आमतौर पर हर दिन 9 से 10 हजार मरीज अपना इलाज करवाने अस्पताल पहुंचते थे. लेकिन कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ने के बाद अब अस्पतालों की ओपीडी काफी कम हो गई है. SMS अस्पताल में ओपीडी महज 400 से 500 मरीजों की रह गई है.

ऐसे में जो मरीज सामान्य बीमारी के चलते अस्पताल में पहले भर्ती थे कोरोना वायरस के खतरे के चलते अब वे भी अस्पताल छोड़ चुके हैं. SMS अस्पताल ही नहीं बल्कि अन्य अस्पतालों में भी यही हाल देखने को मिल रहा है.

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राजस्थान में अंगदान जरूरतमंद की संख्या..

ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन से मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान में किडनी, लिवर और हार्ट से जुड़ी बीमारियों के मरीजों को अंगों की जरूरत है. इसके तहत जो रजिस्टर्ड आंकड़े हैं उसमें 320 लोगों को किडनी, 43 लोगों को लिवर और 21 लोगों को दिल की जरूरत है.

आमतौर पर किडनी ट्रांसप्लांट अधिक

जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के अलावा राजधानी के कुछ ऐसे बड़े अस्पताल हैं, जो आमतौर पर सबसे अधिक किडनी ट्रांसप्लांट कर रहे हैं. सवाई मानसिंह अस्पताल की बात करें तो करीब अब तक अस्पताल में 1,000 से अधिक किडनी ट्रांसप्लांट किए जा चुके हैं. वहीं, अस्पताल में दो हार्ट और एक लिवर ट्रांसप्लांट किया जा चुका है. हालांकि यह लिवर ट्रांसप्लांट बाहर से आए चिकित्सकों ने अस्पताल में किया था, तो वहीं राजस्थान का पहला हार्ट ट्रांसप्लांट जयपुर के एक निजी अस्पताल में किया गया था.

अस्पतालों में सर्जरी रुकी..

दरअसल कोरोना वायरस के मामले लगातार सामने आने के बाद सवाई मानसिंह अस्पताल समेत जयपुर के सभी बड़े अस्पतालों में सर्जरी रुक गई है. सवाई मानसिंह अस्पताल में आमतौर पर हर दिन 200 से 300 छोटी बड़ी सर्जरी की जाती थी. लेकिन अब संक्रमण के खतरे को देखते हुए इन्हें रोक दिया गया है. सिर्फ अति आवश्यक सर्जरी ही अस्पताल में की जा रही है.

इसके अलावा जयपुर के लगभग सभी अस्पतालों को क्वॉरेंटाइन और आइसोलेशन वार्ड तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं. सरकार ने प्रदेश में एक लाख से अधिक क्वॉरेंटाइन और आइसोलेशन वार्ड तैयार करने के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद प्राइवेट अस्पतालों में भी छोटी सर्जरी या ऑपरेशन बंद कर दिए गए हैं.

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हार्ट और किडनी ट्रांसप्लांटेशन रुके

जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में हाल ही में दो हार्ट ट्रांसप्लांट किए गए थे और इस अस्पताल में हर महीने औसत 40 किडनी ट्रांसप्लांट भी किए जाते थे. सफलतापूर्वक दो हार्ट ट्रांसप्लांट करने के बाद अस्पताल लिवर ट्रांसप्लांट की भी तैयारी कर रहा था और लिवर ट्रांसप्लांट के लिए सभी तैयारियां पूरी कर भी ली गई थी.

लेकिन कोरोना वायरस के चलते अब यह सभी ट्रांसप्लांट पूरी तरह रोक दिए गए हैं. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि यदि ट्रांसप्लांट किया गया तो मरीज में संक्रमण का खतरा हो सकता है. इससे उसकी जान भी जा सकती है.

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