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उम्मेद क्लब में नाबालिग का वीडियो बनाने का मामला पहुंचा सर्वोच्च न्यायालय, आरोपियों को नोटिस जारी - Rajasthan Hindi news

जोधपुर के उम्मेद क्लब में नाबालिग का वीडियो बनाने (Case of Minor Videography in Jodhpur) के मामले में सुप्रीम कोर्ट आरोपियों के खिलाफ नोटिस जारी कर दिया है. साथ ही उनसे जवाब भी तलब किया है.

Case of Minor Videography in Jodhpur
जोधपुर में नाबालिग का वीडियो बनाने का मामला
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Published : Jul 23, 2022, 9:47 AM IST

जोधपुर. शहर के प्रतिष्ठित उम्मेद क्लब में नाबालिग का वीडियो बनाने के मामले में देश (Case of Minor Videography in Jodhpur) के सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई के बाद नोटिस जारी करते हुए सभी आरोपियों से जवाब तलब किया है. सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस पी श्री नरसिम्हा की खंडपीठ ने प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए अप्रार्थीगण को नोटिस जारी करते हुए मामले को 12 अगस्त 2022 को सुनवाई के लिए रखा है.

राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ ने मामले में आरोपी बनाए गए आकाश चोपड़ा सहित हंसराज बाहेती, दीपक सिंह गहलोत, अर्पित मोदी, दीपक भाटी और क्लब के पदाधिकारियों को अंतरिम राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक के बाद उसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई. पीड़िता की ओर से बताया गया कि आकाश चोपड़ा के साथ मिलकर मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है. वहीं पॉक्सो की धारा 19 व 20 का उल्लंघन किया गया और फोन को पुलिस को न सौंपकर उसके साथ छेड़छाड़ की गई है. जिसमें ये सभी आरोपी शामिल हैं. राजस्थान हाईकोर्ट से आरोपियों को राहत मिलने पर सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी, जिसके बाद अदालत ने आरोपियों को नोटिस जारी किए है.

जोधपुर. शहर के प्रतिष्ठित उम्मेद क्लब में नाबालिग का वीडियो बनाने के मामले में देश (Case of Minor Videography in Jodhpur) के सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई के बाद नोटिस जारी करते हुए सभी आरोपियों से जवाब तलब किया है. सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस पी श्री नरसिम्हा की खंडपीठ ने प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए अप्रार्थीगण को नोटिस जारी करते हुए मामले को 12 अगस्त 2022 को सुनवाई के लिए रखा है.

राजस्थान हाईकोर्ट जोधपुर मुख्यपीठ ने मामले में आरोपी बनाए गए आकाश चोपड़ा सहित हंसराज बाहेती, दीपक सिंह गहलोत, अर्पित मोदी, दीपक भाटी और क्लब के पदाधिकारियों को अंतरिम राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक के बाद उसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई. पीड़िता की ओर से बताया गया कि आकाश चोपड़ा के साथ मिलकर मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है. वहीं पॉक्सो की धारा 19 व 20 का उल्लंघन किया गया और फोन को पुलिस को न सौंपकर उसके साथ छेड़छाड़ की गई है. जिसमें ये सभी आरोपी शामिल हैं. राजस्थान हाईकोर्ट से आरोपियों को राहत मिलने पर सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी, जिसके बाद अदालत ने आरोपियों को नोटिस जारी किए है.

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