जयपुर. राजधानी जयपुर में वन विभाग की ओर से शहीद वनकर्मी दिवस मनाया गया. राजधानी के जलमहल स्थित शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया. वन मंत्री सुखराम बिश्नोई ने शहीद वनकर्मी दिवस के अवसर पर शहीद वनकर्मियों को पुष्प चक्र भेंट कर श्रद्धांजलि अर्पित की.
वन मंत्री सुखराम बिश्नोई ने मीडिया से मुखाबित होते हुए कहा कि प्रदेश ही नहीं, बल्कि देशभर में शहीद वनकर्मियों को याद किया जाता है. कहा जाता है कि 11 सितंबर 1732 को खेजड़ी के पेड़ों को काटने से बचाने के लिए अमृता देवी ने अपना बलिदान दिया था. इसके साथ ही 363 महिलाओं ने भी खेजड़ी के पेड़ों की रक्षा में अपना बलिदान दिया था. राजा द्वारा इन खेजड़ी के पेड़ से बेल बनाकर चुना तैयार करवाना के लिए पेड़ों की कटाई करवाई गई थी. इन पेड़ों की रक्षा में सबसे पहले अमृता देवी ने अपना बलिदान देकर पेड़ों की रक्षा की थी.
खेजड़ी के पेड़ों की रक्षा में बलिदान देने पर वन विभाग द्वारा शहीद दिवस मनाया जाता है. प्रदेश भर के सभी डिवीजन स्तर पर शहीद दिवस मनाया जा रहा है. शहीद वन कर्मियों को श्रद्धांजलि देने के बाद उनकी शहादत की याद में 2 मिनट का मौन रखा गया. वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए अपनी जान गवाने वाले वन कर्मियों की आत्मा की शांति के लिए भी प्रार्थना की गई. शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर वन मंत्री ने भी पौधारोपण किया.
यह भी पढ़ें: CM गहलोत ने बायोडिग्रेडवल गमले में पौधा रोपकर 71वें राज्य स्तरीय वन महोत्सव का किया शुभारंभ
वन मंत्री के साथ वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी शहीद वनकर्मियों की याद में पौधे लगाए. सभी ने पौधे लगाकर उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी ली. वन मंत्री सुखराम विश्नोई ने वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को वन और वन्यजीव सुरक्षा की भी शपथ दिलाई. इस अवसर पर वन विभाग के जीवी रेड्डी, चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन अरिंदम तोमर समेत वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भी मौजूद रहे.