जयपुर. तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने गुरुवार को विधानसभा में आश्वस्त किया कि बाड़मेर में पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी की स्थापना आवश्यकता होने पर पॉलिसी के तहत की जाएगी. उन्होंने बताया कि वर्तमान में बाड़मेर इंजीनियरिंग कॉलेज में पेट्रोलियम तथा केमिकल इंजीनियरिंग के कोर्स पहले से ही चल रहे हैं. जिनमें विद्यार्थियों की संख्या बेहद कम है. वे प्रश्नकाल में इस संबंध में पूछे गए पूरक सवालों का जवाब दे रहे थे.
उन्होंने बताया कि वर्तमान में बाड़मेर इंजीनियरिंग कॉलेज में पेट्रोलियम इंजीनियरिंग में 60 सीटों के विरुद्ध मात्र 11 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है तथा केमिकल इंजीनियरिंग में उपलब्ध 30 सीटों में से भी केवल 11 विद्यार्थी ही नामांकित हैं. इसी प्रकार इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में 3, मैकेनिकल इंजीनियरिंग में 7, इलेक्ट्रॉनिक्स में शून्य तथा सिविल इंजीनियरिंग में केवल 10 विद्यार्थियों ने ही प्रवेश लिया है. उन्होंने यह भी बताया कि बीते चार साल में 900 सीटों के विरुद्ध महज 205 विद्यार्थियों ने ही प्रवेश लिया है.
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इससे पहले विधायक मेवाराम जैन के मूल प्रश्न के जवाब में डॉ. गर्ग ने बताया कि बाड़मेर जिले में मिल रहे लिग्नाइट एवं खनिज तेल की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा जिले में युवाओं को तकनीकी शिक्षा में बढ़ावा देने के लिए बाड़मेर जिला मुख्यालय पर स्थित इंजीनियरिंग कॉलेज में विभिन्न शाखाओं के साथ पेट्रोलियम इंजीनियरिंग एवं केमिकल इंजीनियरिंग शाखा का संचालन किया जा रहा है. इससे बाड़मेर के साथ ही आसपास के जिलों के युवा भी लाभान्वित हो रहे हैं.
उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिला मुख्यालय बाड़मेर में पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी खोलने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. बाड़मेर में संचालित इंजीनियरिंग कॉलेज में पेट्रोलियम इंजीनियरिंग सहित अन्य शाखाओं शाखाओं का संचालन होने से तकनीकी शिक्षा के अन्तर्गत रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध हैं.