जयपुर. स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा की तिथि को बढ़ाने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने सांसद किरोड़ी लाल मीणा और बीजेपी नेता सुमन शर्मा के साथ मंगलवार को बिना अनुमति के शहीद स्मारक से कांग्रेस मुख्यालय कूच किया. जिससे पुलिस भी दंग रह गई. जैसे ही अभ्यर्थी पीसीसी मुख्यालय तक बढ़ने लगे पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए अभ्यर्थियों को जालूपुरा चौराहा पर ही रोका दिया. लेकिन, बीजेपी नेता सुमन शर्मा आंदोलनकारी छात्राओं को लेकर पीसीसी मुख्यालय तक पहुंच गयी और वही पर धरना शुरू कर दिया.
इस पूरे घटनाक्रम के बाद पुलिस सतर्क हो गयी और शहीद स्मारक के चारों तरफ पुलिस तैनात कर दी गई. स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा पूरी तरह से सियासी रूप ले चुकी है, वहीं धरने पर सांसद रामचरण बोहरा भी पहुंचे.
पिछले 20 दिन से अभ्यर्थी स्कूल व्याख्याता भर्ती परीक्षा की जनवरी में प्रस्तावित तिथि को आगे बढ़ाने, पदों की बढ़ोतरी करने, बाहरी राज्यों के छात्रों का कोटा निर्धारित करने की मांग कर रहे है. अभ्यर्थी पिछले 19 दिनों से बिना आरयू प्रशासन की अनुमति के राजस्थान विश्विद्यालय के मुख्य द्वार पर धरने पर बैठे थे. लेकिन, सोमवार को राज्यसभा सांसद किरोड़ीलाल मीणा के नेतृत्व में अभ्यर्थीयों ने सिविल लाइन कूच किया और रात को शहीद स्मारक पर धरने पर बैठ गए. दरअसल, 19 दिसंबर को राजस्थान विश्विद्यालय का दीक्षांत समारोह भी है जिसके चलते अभ्यर्थियों को आरयू में बैठने की अनुमति नहीं है.
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सोमवार रात को सांसद किरोड़ीलाल मीणा सहित शिक्षक और अभ्यर्थियों का प्रतिनिधिमंडल सीएम हाउस वार्ता के लिए पहुंचा था. यहां पर मंत्री लालचंद कटारिया से बातचीत हुई. जिसके बाद मंत्री ने सारी मांगे सीएम तक रखी और उसके बाद तीन सदस्यों की कमिटी के गठन किया. जिसमें मंत्री बीड़ी कल्ला, मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, मंत्री सुभाष गर्ग शामिल है. लेकिन सांसद किरोड़ीलाल मीना ने कहा कि कमिटी का भरोसा नहीं है क्योंकि जब आरपीएससी को निर्णय करना है तो कमिटी का कोई मतलब नहीं है.
सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने कहा कि गांधीवादी तरीके से आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों पर राज्य सरकार लाठी चार्ज कर रही है. राज्य सरकार अभ्यर्थियों का दमन कर रही है. मीना ने कहा कि अभ्यर्थियों ने प्रशासन को कह दिया था कि वे पीसीसी चीफ को ज्ञापन देना चाहते है. उसके बावजूद पुलिस प्रशासन ने अभ्यर्थियों पर लाठी चार्ज किया. मीना ने सरकार को चेतावनी दी है कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी तब तक शहीद स्मारक पर ही गांधीवादी तरीके से धरने पर बैठे रहेंगे.