जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मिलने के बाद राजस्व कार्मिकों के प्रतिनिधि मण्डल राजस्व कार्मिकों के प्रतिनिधि मण्डल ने काम पर लौटने का ऐलान कर दिया. इसके बाद राजस्थान तहसीलदार सेवा संघ, राजस्थान कानूनगो संघ और राजस्थान पटवार संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद दिया.
इन संघों के पदाधिकारियों ने कहा कि मुख्यमंत्री की अपील और राजस्व विभाग के अधिकारियों से हुई वार्ता के बाद उन्होंने जनहित को सर्वोपरि रखते हुए दुगुने जोश के साथ प्रशासन गांवों के संग अभियान के साथ प्रशासन शहरों के संग अभियान में योगदान देने का निर्णय किया है. अभियान को सफल बनाने के लिए सभी राजस्व कार्मिक पूरे समर्पण के साथ कार्य करेंगे.
मुलाकात में गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन देने के लिए संकल्पित है. अभियान की सफलता में अन्य विभागों के साथ-साथ राजस्व विभाग के कार्मिकों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने राजस्व विभाग की महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में उनकी वाजिब मांगों पर सदैव सहानुभूतिपूर्वक विचार किया है. पदोन्नति के अवसरों में वृद्धि, देय भत्तों में बढ़ोतरी और रिक्त पद भरने जैसी मांगों के संबंध में समय-समय पर सकारात्मक निर्णय भी किए गए हैं.
सीएम ने भरोसा दिलाया कि अभियान को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद उनकी जो मांगें बाकी रह गई हैं, उनका भी परीक्षण कराकर सकारात्मक निर्णय लिए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पटवारियों के कार्य की बहुआयामी प्रकृति को देखते हुए उन्हें देय विशेष भत्ते एवं अतिरिक्त कार्य भत्ते में 50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है. उनके विशेष भत्ते की राशि 1500 रूपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 2250 रूपए प्रतिमाह करने तथा अतिरिक्त कार्य-भत्ता 2500 रूपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 3750 रूपए प्रतिमाह करने की स्वीकृति 10 अगस्त, 2021 को जारी की जा चुकी है.
उन्होंने कहा कि पटवारी कैडर में पदोन्नति की समस्या दूर करने के लिए उनके 5 हजार पदों को वरिष्ठ पटवारी वेतन श्रृंखला लेवल-8 के पद पर क्रमोन्नत करने की सहमति पहले ही दे दी है. इसी प्रकार भू-अभिलेख निरीक्षक की वरिष्ठता सूची पर न्यायिक अड़चनों के चलते पदोन्नति संभव नहीं होने के दृष्टिगत 455 भू-अभिलेख निरीक्षकों का पदस्थापन पातेय वेतन पर नायब तहसीलदार के पद पर किया गया है.
मुख्यमंत्री को धन्यवाद देने आए प्रतिनिधि मण्डल में तहसीलदार संघ के अध्यक्ष विमलेंद्र सिंह राणावत, कानूनगो संघ के अध्यक्ष सुरेशपाल सिंह सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
इससे पहले सीएम ने अपनी नाराजगी जताते हुए एक अपील की थी. उन्होंने कहा था कि राजस्व अधिकारी प्रदेश के पब्लिक सर्वेंट हैं, उन्हें पब्लिक के लिए काम करना चाहिए. सरकार जब इतने बड़े स्तर पर प्रशासन गांव के संग और प्रशासन शहरों के संग अभियान चला रही है, जिसमें लाखों लोगों को राहत दी जाएगी और यह अभियान 2 से 3 महीने चलने वाला है. ऐसे वक्त में पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी और तहसीलदार की हड़ताल पर चले जाना न्यायोचित नहीं है.
इस अभियान से आम आदमी और किसान को राहत मिलेगी. ऐसे समय में सरकार को ब्लैकमेल करना उचित नहीं है. इन संगठनों के नेताओं को अंतरात्मा से सोचना चाहिए कि वे क्या कर रहे हैं. सीएम गहलोत ने कहा कि किसी भी फैसले को लेने से पहले उसके बारे में अनुसंधान किया जाता है. दूसरे विभागों के लोगों पर इसका क्या असर होगा, यह देखा जाता है. ऐसे में इस अभियान के वक्त हड़ताल का नाम लेकर अभियान को बाधित करना उचित नहीं है.
हम आपको बता दें कि प्रदेश में राजस्व विभाग के अधिकारी सरकार से अपनी अलग-अलग मांगों को लेकर हड़ताल पर चल रहे हैं. सभी अधिकारियों ने प्रशासन गांव के संग अभियान का बहिष्कार किया हुआ है. राजस्व विभाग के अधिकारियों की हड़ताल को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक दिन पहले ही सभी हड़ताल पर गए कर्मचारियों और अधिकारियों से अपील की थी कि वह प्रशासन गांव के संग अभियान जो कि आम जनता के लिए शुरू किया गया है और इसमें लाखों लोगों को राहत मिलने वाली है.
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इस बड़े स्तर के अभियान के समय हड़ताल नहीं करें और अपनी पब्लिक सर्वेंट होने की जिम्मेदारी को निभाते हुए काम पर लौटें. हालांकि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अपील के बाद भी राजस्व विभाग के अधिकारियों ने अपनी हड़ताल को वापस नहीं लिया है.