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32 मीटर से ऊंची नई इमारतों के निर्माण पर रोक जारी, HC ने सरकार से मांगी पालना रिपोर्ट - जयपुर

राजस्थान हाईकोर्ट ने 32 मीटर से ऊंची इमारतों का निर्माण पर रोक आग बुझाने की व्यवस्था ना होने तक रोक बरकार रखी है. वहीं अन्य याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने दो महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं. जिसमें नीट काउंसलिंग में विद्यार्थी को भूतपूर्व सैनिक कोटा लाभ देने और सहायक कृषि अधिकारी भर्ती-2015 में MJRP यूनिवर्सिटी से डिग्री लेने वाले आवेदक को शामिल करने का आदेश प्रमुख है.

राजस्थान हाईकोर्ट, जयपुर बेंच
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Published : Jul 26, 2019, 10:16 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में आग बुझाने के लिए 32 मीटर से ऊंची हाइड्रोलिक सीढ़ी नहीं आने तक नई 32 मीटर से ऊंची इमारतों के निर्माण की मंजूरी नहीं देने के आदेश को बरकरार रखा है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार की ओर से पेश पालना रिपोर्ट को अधूरी मानते हुए 23 सितंबर को पालना रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है.

न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश कुणाल रावत की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं. याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि अदालती आदेश की पालना में सत्तर मीटर ऊंची एक और साठ मीटर ऊंची चार एरियर हाइड्रोलिक सीढिय़ां खरीदने के लिए टेंडर जारी हो गए हैं. वहीं अग्निशमन विभाग में खाली पदों पर भर्ती नहीं होने तक होमगार्ड, रिटायर्डकर्मी व प्लेसमेंट एजेंसी की सेवाएं लेने को राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है. सरकार ने बजट में भी सौ नए फायर वाहनों के खरीद की घोषणा की है.

यह भी पढ़ें: 20 साल कारगिल : करौली के हीरा सिंह की शहादत को याद कर भावुक हुए परिजन...बेटे ने कहा- मुझे गर्व है

राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि गत वर्ष आगजनी की घटनाओं से 28 करोड रुपए का नुकसान हुआ था और 11 लोगों की मौत हुई थी. इसके अलावा राज्य में 200 फायर सेफ्टी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट भी चलाए जा रहे हैं.च ऐसे में 32 मीटर ऊंचे भवनों के निर्माण की मंजूरी देने पर लगी रोक हटाई जाए. राज्य सरकार ने रिपोर्ट में कहा कि राज्य में 32 मीटर ऊंचाई से ज्यादा की 1047 इमारतें हैं. जिनमें से 489 बन चुकी हैं और 558 में निर्माणाधीन हैं. जयपुर में नक्शे पास हुई 803 इमारतों में से 403 निर्माणाधीन हैं, जोधपुर में 87 में से 87 ही निर्माणाधीन हैं, कोटा में 83 में से 38 निर्माणाधीन हैं व भिवाडी में 67 में से 23 इमारतें निर्माणाधीन है.

NEET काउन्सलिंग में विद्यार्थी को भूतपूर्व सैनिक कोटे का मिले लाभ-HC
वहीं राजस्थान हाईकोर्ट ने एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आयोजित नीट काउन्सलिंग में याचिकाकर्ता को भूतपूर्व सैनिक कोटे के आरक्षण का लाभ देने को कहा है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को मेरिट के आधार पर कॉलेज आवंटन के भी आदेश दिए हैं. यह आदेश न्यायाधीश आलोक शर्मा की एकलपीठ ने निशा शेखावत की ओर से दायर याचिका को स्वीकार करते हुए दिए हैं.

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याचिका में अधिवक्ता हिमांशु जैन ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के पिता सेना की सेवा के दौरान दिव्यांग होने के चलते बाहर हो गए थे. ऐसे में याचिकाकर्ता को नीट यूजी में एक फीसदी आरक्षण का लाभ दिया गया था, लेकिन राजपुताना राइफल के कार्यालय से प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर नहीं होने के कारण उसे इसका लाभ नहीं मिला. वहीं केन्द्र सरकार की ओर से एएजी आरडी रस्तोगी ने याचिकाकर्ता का प्रमाण पत्र पेश किया. इस पर अदालत ने एएजी रस्तोगी की प्रशंसा करते हुए याचिकाकर्ता को आरक्षण का लाभ देते हुए काउन्सलिंग में शामिल करने को कहा है.

सहायक कृषि अधिकारी भर्ती-2015 में MJRP यूनिवर्सिटी से डिग्री लेने वाले आवेदक होंगे शामिल
राजस्थान हाईकोर्ट ने आरपीएससी को निर्देश दिए हैं कि वह महात्मा ज्योतिराव फूले विश्वविद्यालय से डिग्री करने वाले याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों सहायक कृषि अधिकारी भर्ती-2015 के साक्षात्कार में शामिल करे. न्यायाधीश अशोक कुमार गौड की एकलपीठ ने यह आदेश प्रवीण कुमार मीणा व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं.

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याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि आरपीएससी ने सहायक कृषि अधिकारी के 256 पदों पर अक्टूबर 2015 में भर्ती निकाली थी. जिसकी लिखित परीक्षा में याचिकाकर्ता सफल हुए. लेकिन आयोग ने उन्हें यह कहते हुए साक्षात्कार में शामिल नहीं किया. इसके लिए आयोग की ओर अभ्यर्थियों को बताया गया कि उनकी एमजेआरपी विवि से की गई डिग्री मान्य नहीं है.

याचिका में कहा गया कि यह विवि यूजीसी से मान्यता प्राप्त है. इसके अलावा राज्य सरकार स्वयं विवि को छात्र आंवटित करने के साथ ही उन्हें छात्रवृत्ति भी दे रही है. ऐसे में आयोग की ओर से याचिकाकर्ताओं को साक्षात्कार में शामिल नहीं करना अवैध है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को साक्षात्कार में शामिल करने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में आग बुझाने के लिए 32 मीटर से ऊंची हाइड्रोलिक सीढ़ी नहीं आने तक नई 32 मीटर से ऊंची इमारतों के निर्माण की मंजूरी नहीं देने के आदेश को बरकरार रखा है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार की ओर से पेश पालना रिपोर्ट को अधूरी मानते हुए 23 सितंबर को पालना रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है.

न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश कुणाल रावत की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं. याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि अदालती आदेश की पालना में सत्तर मीटर ऊंची एक और साठ मीटर ऊंची चार एरियर हाइड्रोलिक सीढिय़ां खरीदने के लिए टेंडर जारी हो गए हैं. वहीं अग्निशमन विभाग में खाली पदों पर भर्ती नहीं होने तक होमगार्ड, रिटायर्डकर्मी व प्लेसमेंट एजेंसी की सेवाएं लेने को राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है. सरकार ने बजट में भी सौ नए फायर वाहनों के खरीद की घोषणा की है.

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राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि गत वर्ष आगजनी की घटनाओं से 28 करोड रुपए का नुकसान हुआ था और 11 लोगों की मौत हुई थी. इसके अलावा राज्य में 200 फायर सेफ्टी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट भी चलाए जा रहे हैं.च ऐसे में 32 मीटर ऊंचे भवनों के निर्माण की मंजूरी देने पर लगी रोक हटाई जाए. राज्य सरकार ने रिपोर्ट में कहा कि राज्य में 32 मीटर ऊंचाई से ज्यादा की 1047 इमारतें हैं. जिनमें से 489 बन चुकी हैं और 558 में निर्माणाधीन हैं. जयपुर में नक्शे पास हुई 803 इमारतों में से 403 निर्माणाधीन हैं, जोधपुर में 87 में से 87 ही निर्माणाधीन हैं, कोटा में 83 में से 38 निर्माणाधीन हैं व भिवाडी में 67 में से 23 इमारतें निर्माणाधीन है.

NEET काउन्सलिंग में विद्यार्थी को भूतपूर्व सैनिक कोटे का मिले लाभ-HC
वहीं राजस्थान हाईकोर्ट ने एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आयोजित नीट काउन्सलिंग में याचिकाकर्ता को भूतपूर्व सैनिक कोटे के आरक्षण का लाभ देने को कहा है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता को मेरिट के आधार पर कॉलेज आवंटन के भी आदेश दिए हैं. यह आदेश न्यायाधीश आलोक शर्मा की एकलपीठ ने निशा शेखावत की ओर से दायर याचिका को स्वीकार करते हुए दिए हैं.

यह भी पढ़ें: SMS अस्पताल है या जल-महल...मरीजों को बस नाव चलानी ही बाकि रह गई...देखें वीडियो

याचिका में अधिवक्ता हिमांशु जैन ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता के पिता सेना की सेवा के दौरान दिव्यांग होने के चलते बाहर हो गए थे. ऐसे में याचिकाकर्ता को नीट यूजी में एक फीसदी आरक्षण का लाभ दिया गया था, लेकिन राजपुताना राइफल के कार्यालय से प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर नहीं होने के कारण उसे इसका लाभ नहीं मिला. वहीं केन्द्र सरकार की ओर से एएजी आरडी रस्तोगी ने याचिकाकर्ता का प्रमाण पत्र पेश किया. इस पर अदालत ने एएजी रस्तोगी की प्रशंसा करते हुए याचिकाकर्ता को आरक्षण का लाभ देते हुए काउन्सलिंग में शामिल करने को कहा है.

सहायक कृषि अधिकारी भर्ती-2015 में MJRP यूनिवर्सिटी से डिग्री लेने वाले आवेदक होंगे शामिल
राजस्थान हाईकोर्ट ने आरपीएससी को निर्देश दिए हैं कि वह महात्मा ज्योतिराव फूले विश्वविद्यालय से डिग्री करने वाले याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों सहायक कृषि अधिकारी भर्ती-2015 के साक्षात्कार में शामिल करे. न्यायाधीश अशोक कुमार गौड की एकलपीठ ने यह आदेश प्रवीण कुमार मीणा व अन्य की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए हैं.

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याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि आरपीएससी ने सहायक कृषि अधिकारी के 256 पदों पर अक्टूबर 2015 में भर्ती निकाली थी. जिसकी लिखित परीक्षा में याचिकाकर्ता सफल हुए. लेकिन आयोग ने उन्हें यह कहते हुए साक्षात्कार में शामिल नहीं किया. इसके लिए आयोग की ओर अभ्यर्थियों को बताया गया कि उनकी एमजेआरपी विवि से की गई डिग्री मान्य नहीं है.

याचिका में कहा गया कि यह विवि यूजीसी से मान्यता प्राप्त है. इसके अलावा राज्य सरकार स्वयं विवि को छात्र आंवटित करने के साथ ही उन्हें छात्रवृत्ति भी दे रही है. ऐसे में आयोग की ओर से याचिकाकर्ताओं को साक्षात्कार में शामिल नहीं करना अवैध है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं को साक्षात्कार में शामिल करने को कहा है.

Intro:जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में आग बुझाने के लिए 32 मीटर से ऊंची हाइड्रोलिक सीढ़ी नहीं आने तक नई 32 मीटर से ऊंची इमारतों के निर्माण की मंजूरी नहीं देने के आदेश को बरकरार रखा है। इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार की ओर से पेश पालना रिपोर्ट को अधूरी मानते हुए 23 सितंबर को पालना रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। न्यायाधीश मोहम्मद रफीक और न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह की खंडपीठ ने यह आदेश कुणाल रावत की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए। Body:सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि अदालती आदेश की पालना में सत्तर मीटर ऊंची एक और साठ मीटर ऊंची चार एरियर हाइड्रोलिक सीढिय़ां खरीदने के लिए टेंडर जारी हो गए हैं। वहीं अग्निशमन विभाग में खाली पदों पर भर्ती नहीं होने तक होमगार्ड, रिटायर्डकर्मी व प्लेसमेंट एजेंसी की सेवाएं लेने को राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी है। सरकार ने बजट में भी सौ नए फायर वाहनों के खरीद की घोषणा की है। राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि गत वर्ष आगजनी की घटनाओं से 28 करोड रुपए का नुकसान हुआ था और 11 लोगों की मौत हुई थी। इसके अलावा राज्य में 200 फायर सेफ्टी ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट भी चलाए जा रहे हैं। ऐसे में 32 मीटर ऊंचे भवनों के निर्माण की मंजूरी देने पर लगी रोक हटाई जाए। 
राज्य सरकार ने रिपोर्ट में कहा कि राज्य में 32 मीटर ऊंचाई से ज्यादा की 1047 इमारतें हैं। जिनमें से 489 बन चुकी हैं और 558 में निर्माणाधीन है। जयपुर में नक्शे पास हुई 803 इमारतों में से 403 निर्माणाधीन हैं, जोधपुर में 87 में से 87 ही निर्माणाधीन हैं, कोटा में 83 में से 38 निर्माणाधीन हैं व भिवाडी में 67 में से 23 इमारतें निर्माणाधीन है।


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