कोटा/ जयपुर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो कोटा की टीम ने जयपुर में सोमवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए परिवहन विभाग के सांख्यिकी अधिकारी को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. कोटा निवासी परिवादी के बाइक रेंटल सर्विस प्रमाण पत्र बनवाने की एवज में उससे 50 हजार की रिश्वत की डिमांड की गई थी. 15 हजार रुपए इसी डिमांड की पहली किस्त थी.
एसीबी की टीम ने शिकायत के बाद सोमवार को जयपुर पहुंची और बाईस गोदाम स्थित परिवहन आयुक्त कार्यालय पर कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. कोटा एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्रशील कुमार ने बताया कि कोटा के रंगबाड़ी इलाके के रहने वाले जितेंद्र खत्री ने 15 जून को एक शिकायत पेश की थी. जिसमें बताया था कि उसकी फर्म बाइक वाल्ट टूर एंड ट्रैवल है. जिसके लिए वह बाइक किराए से देने का व्यवसाय शुरू करना चाहता है.
बाइक रेंटल सर्विस प्रमाण पत्र के लिए मांगे थे 50 हजार
बाइक किराए पर देने के इस व्यवसाय को संचालित करने के लिए बाइक रेंटल सर्विस प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है, जो राजस्थान में केवल परिवहन आयुक्त कार्यालय बाईस गोदाम जयपुर में बनता है. इस संबंध में जितेंद्र ने परिवहन आयुक्त कार्यालय के कई चक्कर लगाए लेकिन काम नहीं हुआ. 11 जून को उसे परिवहन आयुक्त कार्यालय में सांख्यिकी अधिकारी सत्यनारायण रावत मिले. उन्होंने कहा कि बिना पैसे दिए काम नहीं बनेगा. रावत ने 50 हजार रुपए की पेशकश की. जबकि इस प्रमाण पत्र के लिए सिर्फ 1000 रुपए का डीडी लगता है.
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28 जून को एसीबी ने कराया गोपनीय सत्यापन
शिकायत के बाद जो भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 28 जून को गोपनीय सत्यापन कराया. जिसमें परिवादी जितेंद्र खत्री से आरोपी सत्यनारायण रावत ने रिश्वत की मांग की. सत्यनारायण से जितेंद्र ने रकम को कुछ कम करने को कहा. दोनों के बीच सौदा 30 हजार पर तय हो गया. इस रकम पर सत्यनारायण ने हां कर दी. उसने आधी रकम काम से पहले और आधी काम के बाद देने को कहा. इस पर एसीबी ने ट्रैप कार्रवाई का आयोजन किया.
रिश्वत की पहली किस्त के साथ आरोपी गिरफ्तार
ट्रैप कार्रवाई के लिए कोटा एसीबी टीम बाईस गोदाम जयपुर पहुंची. यहां परिवादी जितेंद्र खत्री से आरोपी सत्यनारायण रावत ने रिश्वत की पहली किस्त के 15 हजार रुपए लिए और अपनी जेब में रख लिये. परिवादी जितेंद्र का इशारा मिलते ही आस-पास मौजूद एसीबी के अधिकारियों ने आरोपी सत्यनारायण रावत को गिरफ्तार कर लिया. कोटा इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ठाकुर चंद्र शील कुमार के नेतृत्व में उप अधीक्षक हर्ष राज सिंह खरेड़ा और पुलिस इंस्पेक्टर अजीत की टीम ने ट्रैप कार्रवाई को अंजाम दिया.
कई अधिकारियों पर भी संदेह
सत्य नारायण रावत जयपुर के मालवीय नगर का रहने वाला है. हाल में वह महादेव नगर जगतपुरा में रहता है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अधिकारियों का मानना है कि इस पूरे मामले में अन्य अधिकारियों की संलिप्तता भी हो सकती है. इस संबंध में फ़िलहाल जांच की जा रही है. सर्टिफिकेट जारी करने का कार्य अन्य अधिकारियों के जरिए भी होता था. साथ ही रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए सांख्यिकी अधिकारी सत्यनारायण रावत ने भी सत्यापन वार्ता के दौरान अन्य लोगों के साइन होने की बात कही थी.
जयपुर में आरोपी के आवास और कार्यालय पर एसीबी का सर्च जारी
आरोपी सत्यनारायण के आवास और कार्यालय पर एसीबी का सर्च जारी है. एसीबी डीजी बीएल सोनी ने बताया कि कोटा एसीबी को कार्रवाई के लिए एसीबी मुख्यालय से हरी झंडी मिल चुकी थी. इसके बाद टीम ने ट्रैप कार्रवाई को अंजाम दिया.
एसीबी की कार्रवाई से राज्य परिवहन कार्यालय में हड़कंप मच गया. एसीबी की टीम आरोपी से पूछताछ कर रही है. इसके साथ ही आरोपी के आवास और अन्य ठिकानों पर भी तलाशी की जा रही है. इसके साथ ही एसीबी ने आमजन से अपील की है कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के टोल फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. अगर कोई भी भ्रष्टाचार या रिश्वत से संबंधित मामला है तो एसीबी को शिकायत करें.