जयपुर. 1 फरवरी को देश का केंद्रीय बजट आने वाला है, लेकिन इस केंद्रीय बजट को लेकर राजस्थान कांग्रेस के नेता किसी तरीके की उम्मीद नहीं रख रहे हैं. केंद्रीय बजट को लेकर कांग्रेस के नेताओं में कोई उम्मीद नहीं है. आपको बताते हैं कि केंद्रीय बजट को लेकर किस कांग्रेस नेता ने क्या कहा ?
प्रशांत बैरवा विधायक
केंद्रीय बजट को लेकर विधायक प्रशांत बैरवा ने कहा कि उन्हें आने वाले बजट से किसी तरीके की कोई उम्मीद नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा किसानों से जुड़ी होती है, लेकिन इस बार बजट में किसानों को कोई राहत मिलेगी, ऐसा नहीं लगता है. ना ही पेट्रोल डीजल पर कोई टैक्स की राहत केंद्र सरकार अपने बजट में देने जा रही है.
वहीं उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आने वाले बजट में यह साफ दिखाई देगा कि किस तरीके से केंद्र की भाजपा सरकार और राज्य सरकारों के साथ भेदभाव करेगी. जहां कांग्रेस की सरकार है. उन्होंने कहा कि किसान देश की इकोनॉमी का मुख्य स्तंभ होता है, लेकिन यह सरकार तो मंडिया खत्म कर रही है. ऐसे में बजट में क्या कुछ होगा, यह साफ दिखाई देता है. प्रशांत बैरवा ने कहा कि इस बजट को चाहे कांग्रेस विरोधी माना जाए या किसान विरोधी एक ही बात होगी.
प्रताप सिंह परिवहन मंत्री
केंद्रीय बजट को लेकर परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि मोदी सरकार की आंख में अगर थोड़ा भी पानी है, तो वह नौजवान को कैश ट्रांसफर करेगी. उसके लिए रोजगार की बात करेगी. महंगाई कंट्रोल करने के लिए पेट्रोल डीजल से एक्साइज ड्यूटी घटाकर लोगों को राहत देगी. लेकिन उन्होंने इसकी उम्मीद कम ही जताई है कि ऐसे कोई निर्णय केंद्र सरकार लेने वाली है.
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उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह सरकार के समय कच्चे तेल के दाम ज्यादा होते थे और पेट्रोल डीजल के दाम कम, जबकि अब मोदी सरकार के समय उल्टा हो गया है. अब पेट्रोल डीजल के दाम ज्यादा होते हैं और कच्चे तेल के दाम कम. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इसी नारे के साथ सरकार में आई थी कि बहुत हुई पेट्रोल डीजल की मार अबकी बार मोदी सरकार. अब मोदी सरकार तो आ गई, लेकिन महंगाई कम करने की जगह उन्होंने देश को बर्बाद कर दिया है.
महेश जोशी मुख्य सचेतक
राजस्थान विधानसभा के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने केंद्रीय बजट को लेकर केंद्र सरकार से आग्रह पूर्वक यह मांग की है कि वह बजट में आम जनता के लिए राहत दें. उन्होंने कहा कि पिछला पूरा एक साल कोरोना वायरस के चलते लोगों ने कष्ट में काटा है. ऐसे में लोगों को केंद्रीय बजट में सीधी राहत मिलनी चाहिए. लोगों की जेब पर कोई असर नहीं पड़े, इस तरीके से करों का निर्धारण होना चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ऐसा बजट लेकर आए कि आम जनता को यह महसूस हो कि हमसे राम जरूर रूठ गया है, लेकिन राज उनके साथ है.