जयपुर. कांग्रेस में जारी सियासी खींचतान के बीच भाजपा की ओर से लगातार किए जा रहे जुबानी हमलों का जवाब परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने दिया है. खाचरियावास ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा है कि इधर-उधर की बात करने की बजाए मोदी सरकार की नाकामियों को लेकर जवाब देना चाहिए. उन्हें पहले जनता के सवालों का जवाब देना चाहिए जो महंगाई से त्रस्त होकर पूछ रहे हैं.
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मंत्री खाचरियावास ने कहा कि भाजपा के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह अपनी पार्टी की गुटबाजी को छोड़कर कांग्रेस पर सवाल खड़े कर रहे हैं. लेकिन उन्हें पहले लोगों से माफी मांगनी चाहिए. कोरोना काल में जब लोग ऑक्सीजन की कमी के कारण तड़प रहे थे. उस समय राजस्थान से जीतकर जाने वाले सांसद भी ऑक्सीजन नहीं दिला पा रहे थे.
उन्होंने कहा कि बीजेपी का एक भी नेता इस कोरोना काल के दौरान लोगों की मदद के लिए सामने नहीं आया. केवल एसी कमरों में बैठकर बयानबाजी करते रहे. खाचरियावास ने कहा कि कोरोना संकट से जूझ रहे मरीजों का हालचाल जानने के लिए अस्पताल तक नहीं गए. केंद्र से ऑक्सीजन, रेमेडेसिविर इंजेक्शन और ब्लैक फंगस के लिए इंजेक्शन दिलाने में नाकाम रहे हैं. ऐसे में भाजपा नेता किस मुंह से बयानबाजी कर रहे हैं.
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नहीं देते केंद्र सरकार के कामकाज का हिसाब
प्रताप सिंह ने कहा कि जब भाजपा प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह राजस्थान आते हैं तो केंद्र सरकार के कामकाज का हिसाब नहीं देते. केंद्र की योजनाओं का हिसाब देने की बजाए केंद्र की असफलताओं से ध्यान हटाने के लिए झूठ फरेब की राजनीति करते हैं. कोरोना संकट में केंद्र सरकार समय पर ऋण उपलब्ध नहीं करा पाई. खाचरियावास ने केंद्र पर आरोप लगाते हुए कहा कि ऑक्सीजन, रेमेडेसिविर इंजेक्शन के मैनेजमेंट में सरकार फेल हो गई. पेट्रोल-डीजल की महंगाई से पूरा देश त्रस्त है. कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत कम हो रही है, उसके बाद भी पेट्रोल-डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.
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मनमोहन सरकार का किया जिक्र
मंत्री खाचरियावास ने कहा कि भाजपा नेताओं को बताना चाहिए कि 2014 में मनमोहन सिंह जब प्रधानमंत्री थे तब अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल काफी महंगा था. लेकिन देश में पेट्रोल-डीजल सस्ता था. वर्तमान में जब क्रूड ऑयल सस्ता है तो देश में पेट्रोल-डीजल पर मोदी सरकार ने एक्साइज ड्यूटी और सेज बढ़ाकर महंगा कर दिया. देशभर में लोग महंगाई से परेशान हैं, लेकिन भाजपा नेता इस पर बात नहीं करना चाहते.