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गणतंत्र दिवस समारोह में यह सम्मान रहे सवालों के घेरे में.. - सांभर झील में पक्षियों की त्रासदी

जयपुर में इस साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर कई लोगों को सम्मानित किया गया. लेकिन कुछ सम्मान सवालों के घेरे में दिखे, जिसको लेकर समारोह के भीतर ही चर्चाओं का बाजार गरम दिखा.

गणतंत्र दिवस समारोह, Republic Day celebrations
गणतंत्र दिवस समारोह में यह सम्मान रहे सवालों के घेरे में
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Published : Jan 26, 2020, 4:59 PM IST

जयपुर. गणतंत्र दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में उल्लेखनीय कार्यों के लिए अधिकारी और कर्मचारियों का सम्मान यूं तो हर बार होता है, लेकिन इस साल यह सम्मान सवालों के घेरे में रहा. जिन घटनाक्रमों को लेकर प्रदेश में विवाद की स्थिति बनी उन्हीं से जुड़े अधिकारियों को समारोह में सम्मानित किया गया.

गणतंत्र दिवस समारोह में यह सम्मान रहे सवालों के घेरे में

दरअसल, जयपुर के एसएमएस स्टेडियम में हुए राज्य स्तरीय समारोह में करीब 35 व्यक्तियों को अलग-अलग पदक और योग्यता प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया, लेकिन इसमें पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉक्टर उम्मेद सिंह का भी सम्मान किया गया.

पढ़ेंः गणतंत्र दिवस स्पेशल : बड़ी चौपड़ पर सालों से यह अनूठी परंपरा निभा रहे सत्ता पक्ष और विपक्ष...

यह सम्मान उन्हें सांभर झील में पक्षियों की त्रासदी के दौरान मानवीय और तकनीकी संसाधनों का त्वरित उपयोग और रेस्क्यू सेंटर स्थापित करने के कार्य के लिए दिया गया. अब सवाल यही है कि सांभर झील में पक्षियों की त्रासदी की जानकारी के बावजूद राहत कार्य काफी धीमी गति से चलते रहे और पक्षियों की मौत का सिलसिला थमने में लंबा समय लग गया. यह पूरा घटनाक्रम ना केवल देश बल्कि विदेशों में भी सुर्खियों में रहा. अब उसी घटनाक्रम में राहत पहुंचाना, रेस्क्यू करना पशुपालन विभाग का काम था, लेकिन इसके लिए संयुक्त निदेशक का राज्य स्तर पर सम्मान कर दिया गया.

पढ़ेंः गणतंत्र दिवस की परेड में हुआ एंटी-सैटेलाइट मिसाइल का प्रदर्शन

समारोह में जैसलमेर कलेक्टर नमित मेहता का भी सम्मान किया गया. यह सम्मान उन्हें जैसलमेर कलेक्टर पद पर रहते हुए टिड्डी दल नियंत्रण कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने और सरकार की विभिन्न योजनाओं पर त्वरित क्रियान्वयन के लिए दिया गया. यहां पर भी सवाल उठना लाजमी है, क्योंकि टिड्डी दल के हमले से प्रदेश के किसान अब तक बेहाल है और इसे रोक पाने में प्रदेश सरकार के अधिकारियों की कोई भी भूमिका नहीं दिखी.

पढ़ेंः जयपुर में पहली बार आयोजित हुआ महिला पोलो मैच, समीर सुहाग की बेटी ने भी दिखाया जलवा

विवादों से जुड़ा एक और सम्मान की चर्चा इस समारोह में हुई और यह सम्मान था नायाब तहसीलदार रूघाराम सेन का. सैन को वर्ष 2019 में पंचायतों के पुनर्गठन, पंचायती राज संस्थाओं और स्थानीय निकाय संस्थानों के वार्डों के विवाद रहित परिसीमन कार्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए यह सम्मान प्रदान किया गया. अब यह सर्व विदित है कि वार्ड और पंचायतों का पुनर्गठन इतना विवादों में रहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, लेकिन इस समारोह में इस कार्य के लिए भी नायाब तहसीलदार को सम्मानित कर दिया गया.

जयपुर. गणतंत्र दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में उल्लेखनीय कार्यों के लिए अधिकारी और कर्मचारियों का सम्मान यूं तो हर बार होता है, लेकिन इस साल यह सम्मान सवालों के घेरे में रहा. जिन घटनाक्रमों को लेकर प्रदेश में विवाद की स्थिति बनी उन्हीं से जुड़े अधिकारियों को समारोह में सम्मानित किया गया.

गणतंत्र दिवस समारोह में यह सम्मान रहे सवालों के घेरे में

दरअसल, जयपुर के एसएमएस स्टेडियम में हुए राज्य स्तरीय समारोह में करीब 35 व्यक्तियों को अलग-अलग पदक और योग्यता प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया, लेकिन इसमें पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉक्टर उम्मेद सिंह का भी सम्मान किया गया.

पढ़ेंः गणतंत्र दिवस स्पेशल : बड़ी चौपड़ पर सालों से यह अनूठी परंपरा निभा रहे सत्ता पक्ष और विपक्ष...

यह सम्मान उन्हें सांभर झील में पक्षियों की त्रासदी के दौरान मानवीय और तकनीकी संसाधनों का त्वरित उपयोग और रेस्क्यू सेंटर स्थापित करने के कार्य के लिए दिया गया. अब सवाल यही है कि सांभर झील में पक्षियों की त्रासदी की जानकारी के बावजूद राहत कार्य काफी धीमी गति से चलते रहे और पक्षियों की मौत का सिलसिला थमने में लंबा समय लग गया. यह पूरा घटनाक्रम ना केवल देश बल्कि विदेशों में भी सुर्खियों में रहा. अब उसी घटनाक्रम में राहत पहुंचाना, रेस्क्यू करना पशुपालन विभाग का काम था, लेकिन इसके लिए संयुक्त निदेशक का राज्य स्तर पर सम्मान कर दिया गया.

पढ़ेंः गणतंत्र दिवस की परेड में हुआ एंटी-सैटेलाइट मिसाइल का प्रदर्शन

समारोह में जैसलमेर कलेक्टर नमित मेहता का भी सम्मान किया गया. यह सम्मान उन्हें जैसलमेर कलेक्टर पद पर रहते हुए टिड्डी दल नियंत्रण कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने और सरकार की विभिन्न योजनाओं पर त्वरित क्रियान्वयन के लिए दिया गया. यहां पर भी सवाल उठना लाजमी है, क्योंकि टिड्डी दल के हमले से प्रदेश के किसान अब तक बेहाल है और इसे रोक पाने में प्रदेश सरकार के अधिकारियों की कोई भी भूमिका नहीं दिखी.

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विवादों से जुड़ा एक और सम्मान की चर्चा इस समारोह में हुई और यह सम्मान था नायाब तहसीलदार रूघाराम सेन का. सैन को वर्ष 2019 में पंचायतों के पुनर्गठन, पंचायती राज संस्थाओं और स्थानीय निकाय संस्थानों के वार्डों के विवाद रहित परिसीमन कार्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए यह सम्मान प्रदान किया गया. अब यह सर्व विदित है कि वार्ड और पंचायतों का पुनर्गठन इतना विवादों में रहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, लेकिन इस समारोह में इस कार्य के लिए भी नायाब तहसीलदार को सम्मानित कर दिया गया.

Intro:Special story
गणतंत्र दिवस समारोह में यह सम्मान रहे सवालों के घेरे में..

जो मामले विवादों का कारण है उसी से जुड़े अधिकारियों का हुआ सम्मान

जयपुर (इंट्रो)
गणतंत्र दिवस समारोह के राज्य स्तरीय समारोह में उल्लेखनीय सेवाओं के लिए अधिकारी व कर्मचारियों के सम्मान यूं तो हर बार होता है लेकिन इस साल ये सम्मान सवालों के घेरे में रहा। जिन घटनाक्रमों को लेकर प्रदेश में विवाद की स्थिति बनी उन्हीं से जुड़े अधिकारियों को इस राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में सम्मानित कर दिया गया।

दरअसल जयपुर के एसएमएस स्टेडियम में हुए राज्य स्तरीय समारोह में करीब 35 व्यक्तियों को अलग-अलग पदक व योग्यता प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। लेकिन इसमें पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉक्टर उम्मेद सिंह का भी सम्मान किया गया। यह सम्मान उन्हें सांभर झील में पक्षियों की त्रासदी के दौरान मानवीय व तकनीकी संसाधनों का त्वरित उपयोग व रेस्क्यू सेंटर स्थापित करने आदि के कार्य के लिए दिया गया। अब सवाल यही है कि सांभर झील में पक्षियों की त्रासदी की जानकारी के बावजूद राहत कार्य काफी धीमी गति से चलते रहे और पक्षियों की मौत का सिलसिला थमने में लंबा समय लग गया। यह पूरा घटनाक्रम ना केवल देश बल्कि विदेशों में भी सुर्खियों में रहा। अब उसी घटनाक्रम में राहत पहुंचाना,रेस्क्यू करना पशुपालन विभाग का काम था लेकिन इसके लिए संयुक्त निदेशक का राज्य स्तर पर सम्मान कर दिया गया।
वही समारोह में जैसलमेर कलेक्टर नमित मेहता का भी सम्मान किया गया । यह सम्मान उन्हें जैसलमेर कलेक्टर पद पर रहते हुए टिड्डी दल नियंत्रण कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने व सरकार की विभिन्न योजनाओं त्वरित क्रियान्वयन के लिए दिया गया। यहां पर भी सवाल उठना लाजमी है क्योंकि टिड्डी दल के हमले से प्रदेश के किसान अब तक बेहाल है और इसे रोक पाने में प्रदेश सरकार के अधिकारियों की कोई भी भूमिका नहीं दिखी।

विवादों से जुड़ा एक और सम्मान की चर्चा इस समारोह में हुई और यह सम्मान था नायाब तहसीलदार रूघाराम सेन का। सैन को वर्ष 2019 में पंचायतों के पुनर्गठन, पंचायती राज संस्थाओं और स्थानीय निकाय संस्थानों के वार्डों के विवाद रहित परिसीमन आदि कार्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए ये सम्मान प्रदान किया गया। अब यह सर्व विदित है कि वार्ड और पंचायतों का पुनर्गठन इतना विवादों में रहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुँचा लेकिन इस समारोह में इस कार्य के लिए भी नायाब तहसीलदार को सम्मानित कर दिया गया।

मतलब गणतंत्र दिवस समारोह में सम्मान के बाद अधिकारी व कर्मचारियों में खुशी की लहर तो रही लेकिन कुछ सम्मान सवालों के घेरे में दिखे, जिसको लेकर समारोह के भीतर ही चर्चाओं का बाजार भी गर्म दिखा।

(Edited vo pkg)


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