जयपुर. गणतंत्र दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में उल्लेखनीय कार्यों के लिए अधिकारी और कर्मचारियों का सम्मान यूं तो हर बार होता है, लेकिन इस साल यह सम्मान सवालों के घेरे में रहा. जिन घटनाक्रमों को लेकर प्रदेश में विवाद की स्थिति बनी उन्हीं से जुड़े अधिकारियों को समारोह में सम्मानित किया गया.
दरअसल, जयपुर के एसएमएस स्टेडियम में हुए राज्य स्तरीय समारोह में करीब 35 व्यक्तियों को अलग-अलग पदक और योग्यता प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया, लेकिन इसमें पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉक्टर उम्मेद सिंह का भी सम्मान किया गया.
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यह सम्मान उन्हें सांभर झील में पक्षियों की त्रासदी के दौरान मानवीय और तकनीकी संसाधनों का त्वरित उपयोग और रेस्क्यू सेंटर स्थापित करने के कार्य के लिए दिया गया. अब सवाल यही है कि सांभर झील में पक्षियों की त्रासदी की जानकारी के बावजूद राहत कार्य काफी धीमी गति से चलते रहे और पक्षियों की मौत का सिलसिला थमने में लंबा समय लग गया. यह पूरा घटनाक्रम ना केवल देश बल्कि विदेशों में भी सुर्खियों में रहा. अब उसी घटनाक्रम में राहत पहुंचाना, रेस्क्यू करना पशुपालन विभाग का काम था, लेकिन इसके लिए संयुक्त निदेशक का राज्य स्तर पर सम्मान कर दिया गया.
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समारोह में जैसलमेर कलेक्टर नमित मेहता का भी सम्मान किया गया. यह सम्मान उन्हें जैसलमेर कलेक्टर पद पर रहते हुए टिड्डी दल नियंत्रण कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने और सरकार की विभिन्न योजनाओं पर त्वरित क्रियान्वयन के लिए दिया गया. यहां पर भी सवाल उठना लाजमी है, क्योंकि टिड्डी दल के हमले से प्रदेश के किसान अब तक बेहाल है और इसे रोक पाने में प्रदेश सरकार के अधिकारियों की कोई भी भूमिका नहीं दिखी.
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विवादों से जुड़ा एक और सम्मान की चर्चा इस समारोह में हुई और यह सम्मान था नायाब तहसीलदार रूघाराम सेन का. सैन को वर्ष 2019 में पंचायतों के पुनर्गठन, पंचायती राज संस्थाओं और स्थानीय निकाय संस्थानों के वार्डों के विवाद रहित परिसीमन कार्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए यह सम्मान प्रदान किया गया. अब यह सर्व विदित है कि वार्ड और पंचायतों का पुनर्गठन इतना विवादों में रहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा, लेकिन इस समारोह में इस कार्य के लिए भी नायाब तहसीलदार को सम्मानित कर दिया गया.