जयपुर. महुआ में पुजारी शंभू दयाल की मौत मामले में अब चल रही सियासत के बीच राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी स्वतः ही संज्ञान लेते हुए मुख्य सचिव पुलिस महानिदेशक और गृह विभाग के सचिव से 12 अप्रैल तक तथ्यात्मक रिपोर्ट आयोग के समक्ष पेश करने के निर्देश दिए हैं.
आयोग सदस्य जस्टिस महेश चंद शर्मा ने इस मामले में मीडिया में आई खबरों को आधार बनाते हुए स्वप्रेरणा से आयोग में यह मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. अपने आदेश में उन्होंने मीडिया में छपी खबरों का हवाला देते हुए लिखा की 6 दिनों तक पुजारी का अंतिम संस्कार नहीं हो पाना जैसी खबरें पढ़कर मानव हृदय को भारी आघात लगा है. किस प्रकार एक मानव की मृत का 6 दिन से हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है और मृत देह पर विभिन्न प्रकार की मांगों को लेकर सियासत की जा रही है, इससे संपूर्ण मानवता का हनन हो रहा है.
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अपने आदेश में उन्होंने आयोग की ओर से पूर्व में आनंदपाल की मृत्यु हो जाने के उपरांत उसकी पार्थिव देह का अंतिम संस्कार नहीं करने पर मुख्य सचिव राजस्थान सरकार को 24 घंटे के भीतर मृतक का अंतिम संस्कार करवाए जाने के निर्देश का भी उल्लेख किया, साथ ही यह भी निर्देश दिए कि वर्तमान की घटना के संबंध में कोई आदेश पारित करने से पूर्व मुख्य सचिव गृह विभाग के सचिव और पुलिस महानिदेशक संपूर्ण प्रकरण की तथ्यात्मक रिपोर्ट आयोग के समक्ष 12 अप्रैल तक किसी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के साथ प्रस्तुत करने के निर्देश दें.
बता दें, पहले महुआ में पुजारी का शव रखकर धरना दिया जा रहा था, लेकिन पिछले 2 दिन से यह शव जयपुर के सिविल लाइंस फाटक पर रखकर भाजपा और अन्य ब्राह्मण संगठनों के लोग धरना दे रहे हैं. इनकी मांग है कि प्रदेश में मंदिर माफी की जमीनों पर से अतिक्रमण हटाया जाए.