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पिटबुल डॉग बाइट केस : स्टेट ह्यूमन राइट कमीशन ने कहा- 2020 में कुत्तों के काटने के 8000 से ज्यादा मामले आए...नगर निगम ने क्या किया?

जयपुर में पिटबुल नस्ल के डॉग ने बच्चे को काटा तो मामला मानवाधिकार आयोग तक जा पहुंचा. आयोग ने इस मामले में संज्ञान लिया है. जयपुर नगर निगम से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है.

पिटबुल डॉग बाइट केस
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Published : Jul 23, 2021, 5:03 PM IST

Updated : Jul 23, 2021, 5:08 PM IST

जयपुर. शहर में पिछले दिनों पिटबुल नस्ल के पालतू कुत्ते ने मासूम बच्चे को गंभीर रूप से घायल कर दिया था. कुत्तों के आमजन को काट लेने की इन खबरों पर राज्य मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है.

आयोग ने इन मामलों में तुरंत कार्रवाई के लिए जयपुर नगर निगम ग्रेटर और हेरिटेज आयुक्त को निर्देश दिए हैं. साथ ही 30 जुलाई तक तथ्यात्मक रिपोर्ट आयोग को भेजने को कहा है.

आयोग अध्यक्ष जस्टिस जी.के. व्यास ने मीडिया में प्रकाशित खबरों के आधार पर संज्ञान लेते हुए यह निर्देश जारी किए हैं. व्यास ने नगर निगम आयुक्त से यह भी पूछा है कि जयपुर में ही रोजाना 20 लोग पालतू या आवारा कुत्तों के काटे जाने का शिकार होते हैं. साल 2020 में 8000 से अधिक मामले कुत्तों के काटने के आए, जिसके बाद ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि निगम अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं. जिससे न केवल नागरिक घायल हो रहे हैं, बल्कि उनका सुरक्षित रहना भी मुश्किल हो गया है.

पढ़ें- 11 साल के बच्चे को घायल करने वाला पिटबुल कैद, ठप पड़ा है एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोग्राम

आयोग अध्यक्ष ने नगर निगम प्रशासन से यह भी पूछा कि अब तक इस बारे में मीडिया में प्रकाशित खबरों पर निगम ने क्या कार्रवाई की. उसकी रिपोर्ट आयोग को अवगत कराएं. साथ ही यह भी बताएं कि घरेलू डॉग रखने का रजिस्ट्रेशन क्या सुचारू रूप से किया जा रहा है और शिकायतों पर अब तक क्या कार्रवाई अमल में लाई गई.

जयपुर. शहर में पिछले दिनों पिटबुल नस्ल के पालतू कुत्ते ने मासूम बच्चे को गंभीर रूप से घायल कर दिया था. कुत्तों के आमजन को काट लेने की इन खबरों पर राज्य मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है.

आयोग ने इन मामलों में तुरंत कार्रवाई के लिए जयपुर नगर निगम ग्रेटर और हेरिटेज आयुक्त को निर्देश दिए हैं. साथ ही 30 जुलाई तक तथ्यात्मक रिपोर्ट आयोग को भेजने को कहा है.

आयोग अध्यक्ष जस्टिस जी.के. व्यास ने मीडिया में प्रकाशित खबरों के आधार पर संज्ञान लेते हुए यह निर्देश जारी किए हैं. व्यास ने नगर निगम आयुक्त से यह भी पूछा है कि जयपुर में ही रोजाना 20 लोग पालतू या आवारा कुत्तों के काटे जाने का शिकार होते हैं. साल 2020 में 8000 से अधिक मामले कुत्तों के काटने के आए, जिसके बाद ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि निगम अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं. जिससे न केवल नागरिक घायल हो रहे हैं, बल्कि उनका सुरक्षित रहना भी मुश्किल हो गया है.

पढ़ें- 11 साल के बच्चे को घायल करने वाला पिटबुल कैद, ठप पड़ा है एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोग्राम

आयोग अध्यक्ष ने नगर निगम प्रशासन से यह भी पूछा कि अब तक इस बारे में मीडिया में प्रकाशित खबरों पर निगम ने क्या कार्रवाई की. उसकी रिपोर्ट आयोग को अवगत कराएं. साथ ही यह भी बताएं कि घरेलू डॉग रखने का रजिस्ट्रेशन क्या सुचारू रूप से किया जा रहा है और शिकायतों पर अब तक क्या कार्रवाई अमल में लाई गई.

Last Updated : Jul 23, 2021, 5:08 PM IST
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