जयपुर. इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में चार्जिंग स्टेशन के तीन व्यावसायिक मॉडल को बीते दिनों अनुमति दी गई. इसमें स्वामित्व वाले चार्जिंग स्टेशन के अलावा डिस्कॉम भी चार्जिंग स्टेशन लगा सकेंगी. साथ ही पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत भी चार्जिंग स्टेशन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए यूडीएच विभाग ने रियायती दर पर जमीन आवंटन का प्रावधान भी तय कर दिया है.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा के तहत राज्य में 5 सालों के अंदर 500 इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे. इसे लेकर यूडीएच विभाग की ओर से 50 फीसदी की दर पर भूमि आवंटित की जाएगी. नगरीय विकास विभाग की ओर से जारी किए गए आदेश के अनुसार राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम लिमिटेड ने राजस्थान सोलर एनर्जी पॉलिसी 2019 और राजस्थान विंड एंड हाइब्रिड एनर्जी पॉलिसी 2019 जारी की थी. जिसके तहत अक्षय ऊर्जा आधारित वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाने के लिए रियायती दर पर भूमि आवंटन के संबंध में प्रावधान किया गया है.
इस नीति के तहत पहले 500 इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन में आरक्षित दर के 50 प्रतिशत की दर पर भूमि आवंटित की जाएगी. इसके प्रस्ताव अक्षय ऊर्जा निगम लिमिटेड की ओर से संबंधित शहरी निकाय के जरिए पेश किए जाएंगे. संबंधित नगरीय निकाय/ न्यास/ प्राधिकरण/ आवासन मंडल से मिलने वाले प्रकरणों में त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रकरण नियमानुसार स्वीकृति के लिए अविलंब राज्य सरकार को प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं. प्राप्त प्रकरणों के संबंध में राज्य सरकार की ओर से फैसला लेकर स्वीकृति दी जा सके.
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आपको बता दें कि इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन को ओपन एक्सेस के माध्यम से किसी भी स्त्रोत से बिजली खरीद की अनुमति होगी. स्टेशन वितरण लाइसेंसधारी को सूचित करते हुए बैटरी स्वेपिंग स्टेशन स्थापित कर सकेगा. रूफ टॉप सौर पैनल सुविधा के साथ भी स्टेशन संचालित किए जा सकेंगे. रिन्यूएबल एनर्जी टेरिफ रेगुलेशन 2020 के अनुसार 31 मार्च 2023 से पहले लगाए गए सोलर पॉवर प्रोजेक्ट की ओर से कैप्टिव रूट के तहत इलेक्ट्रिक चाहन चार्जिंग स्टेशनों को बिजली की आपूर्ति के लिए प्रसारण प्रभारी और व्हीलिंग प्रभार में 100 फीसदी छूट भी मिलेगी.