जयपुर. राज्य सरकार ने भूखंड के मूल स्वामी के पट्टा लेने के बजाए संपत्तिभागी को पट्टा लेने के लिए अधिकृत करने के लिए निष्पादित दस्तावेजों की दो श्रेणियां निर्धारित की है. इन श्रेणियों के तहत रियायत देते हुए न्यूनतम ₹500 स्टांप ड्यूटी निर्धारित की है.
प्रशासन शहरों के संग अभियान को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार लगातार रियायत देने में जुटी हुई है. अब नगरीय विकास विभाग ने जयपुर, जोधपुर, अजमेर विकास प्राधिकरण, सभी विकास न्यास और राजस्थान आवासन मंडल को शहरी कृषि भूमि आवंटन के स्टांप ड्यूटी के संबंध में आदेश जारी किए हैं. इसके तहत राजस्थान टाउनशिप पॉलिसी 2010 में स्वीकृत प्रोजेक्ट में विकासकर्ता की ओर से अपने स्वामित्व के भूखंड को विकसित कर एक या एक से अधिक लोगों के पक्ष में प्रोविजनल आवंटन पत्र/ परिशिष्ट-द जारी करने की स्थिति में आवंटी स्थानीय निकाय से पट्टा प्राप्त कर सकता है.
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इसके लिए प्रत्येक प्रोविजनल आवंटन पत्र पर ₹500 स्टांप ड्यूटी देनी होगी. वहीं जहां कोई प्रोजेक्ट टाउनशिप पॉलिसी के अधीन अनुमोदित नहीं है. ऐसे मामलों में संपत्तिभागी के पक्ष में निष्पादित प्रोविजनल आवंटन पत्र पर पट्टे की प्रतिफल राशि पर 2% की दर से स्टांप ड्यूटी देय होगी. हालांकि आदेशों में न्यूनतम स्टांप ड्यूटी ₹500 निर्धारित की गई है. इस आदेश के साथ राजस्थानी शहरी क्षेत्र (कृषि भूमि के गैर कृषि प्रयोजन और आवंटन के लिए उपयोग की अनुमति) नियम 2012 में लंबित पड़े प्रकरणों को निस्तारित करने के भी निर्देश दिए गए हैं.