जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार की ओर से राज्य कर्मचारियों की वेतन कटौती के निर्णय के बाद कर्मचारी संगठनों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. जगह-जगह इसे लेकर विरोध प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं. राज्य कर्मचारियों ने सरकार को सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन की चेतावनी भी दी है. शुक्रवार को राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ और एकीकृत महासंघ के बैनर तले कर्मचारियों ने ज्योति नगर स्थित पीएचईडी कार्यालय में कटौती के आदेशों के खिलाफ प्रदर्शन किया.
राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ और एकीकृत महासंघ से जुड़े कर्मचारी ज्योति नगर स्थित पीएचईडी कार्यालय पहुंचे और गहलोत सरकार के खिलाफ विरोध जताया. कर्मचारियों ने वेतन कटौती के आदेश को लेकर नाराजगी जताई. कर्मचारियों ने कहा कि पहले से ही उनका वेतन कटता आ रहा है. इसके बावजूद वेतन काटने का निर्णय न्याय संगत नहीं है.
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राजस्थान वाटर वर्क्स कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप कुलदीप यादव ने कहा कि राज्य कर्मचारियों की गर्दन पर तलवार रख कर वेतन कटौती की जा रही है. इसे लेकर राज्य के 10 लाख राज्य कर्मचारियों में आक्रोश है. कर्मचारियों के पीएल का पैसा भी काटा जा रहा है. यादव ने कहा कि कोरोना काल में राज्य कर्मचारियों ने अपनी इच्छा से एक या 2 दिन का वेतन काटने को कह दिया था. इसके बावजूद उनका वेतन काटा जा रहा है. सरकार को चेतावनी दी गई कि यदि इसी तरह से कटौती चलती रहेगी तो मजबूरी में कर्मचारियों को सड़क पर आकर आंदोलन करना पड़ेगा.
एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि वेतन कटौती का निर्णय सरकार का एक तरफा निर्णय है और पूरे प्रदेश में राज्य कर्मचारियों की ओर से इस आदेश का विरोध किया जा रहा है. शेखावत ने कहा कि इससे पहले महासंघों की मीटिंग में भी सरकार को कहा गया था कि पहले वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए और 30 अक्टूबर 2017 के वेतन कटौती के निर्णय को वापस लिया जाए लेकिन सरकार ने दोनों ही मांग नहीं मानी, शेखावत ने कहा कि यदि सरकारी वेतन कटौती का निर्णय वापस नहीं लेती है तो कर्मचारी सड़कों पर उतरेंगे.