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राज्य निर्वाचन आयुक्त पीएस मेहरा ने पंचायत पुनर्गठन के मामले में देरी पर जताई नाराजगी

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Published : Dec 6, 2019, 3:21 AM IST

राज्य निर्वाचन आयुक्त पीएस मेहरा ने पंचायत पुनर्गठन के मामले में देरी पर गहरी नाराजगी जताई है. पंचायतीराज और अन्य अधिकारियों के साथ गुरुवार को पंचायतीराज चुनाव के मसलों को लेकर हुई बैठक में उन्होंने तमाम पंचायत पुनर्गठन करने की प्रक्रिया 11 दिसंबर तक करने के निर्देश दिए हैं.

Rajasthan Panchayat Raj Elections, जयपुर न्यूज
राज्य निर्वाचन आयुक्त पीएस मेहरा ने पंचायत पुनर्गठन के मामले में देरी पर जताई नाराजगी

जयपुर. राज्य निर्वाचन आयुक्त पीएस मेहरा ने पंचायत पुनर्गठन के मामले में देरी पर गहरी नाराजगी जताई है. पंचायतीराज और अन्य अधिकारियों के साथ गुरुवार को पंचायतीराज चुनाव के मसलों को लेकर हुई बैठक में उन्होंने तमाम पंचायत पुनर्गठन करने की प्रक्रिया 11 दिसंबर तक करने के निर्देश दिए हैं.

राज्य निर्वाचन आयुक्त पीएस मेहरा ने पंचायत पुनर्गठन के मामले में देरी पर जताई नाराजगी

इसमें मेहरा ने अधिकारियों से दो टूक कहा कि सरकार को फरवरी 2019 से पंचायत पुनर्गठन की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए थे, इसके बावजूद सरकार बार-बार पंचायतों का पुनर्गठन करके देरी कर रही है. जिससे पंचायतीराज के मतदाता सूची के कार्य में बेहद देरी हो रही है और ऐसे में वक्त पर चुनाव कराना मुश्किल हो रहा है.

पंचायत राज चुनाव 2020 की मतदाता सूची को समय पर तैयार करने के लिए पंचायत समिति या पंचायतों के पुनर्गठन और वार्डों के परिसीमन के संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त पीएस मेहरा ने पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह, निदेशक आरुषि मलिक सहित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर विस्तार से चर्चा की.

इस दौरान आयुक्त पीएस मेहरा ने यह भी जानना चाहा कि क्या अभी भी राज्य सरकार के स्तर पर पंचायत समिति या पंचायतों के पुनर्गठन के प्रस्ताव लंबित हैं. इस पर पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि पंचायतों के पुनर्गठन या नवसृजन के कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है. लेकिन झुंझनूं और नागौर जिलों में एक-दो पंचायत समितियों में कुछ परिवर्तन हो सकता है. साथ ही न्यायालय के आदेशों से भी कुछ पंचायतों और पंचायत समितियों में पुनर्गठन का कार्य किया जा सकता है.

पढ़ें- पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री देवनानी ने सीएम गहलोत और डोटासरा पर बोला हमला

आयोग ने पंचायती राज विभाग से पुनर्गठन के बाद संपूर्ण पंचायत और पंचायत समितियों की अद्यतन (अपडेटेड) सूची मांगी. आयुक्त ने कहा कि आयोग लंबे समय से पंचायती राज विभाग से अद्यतन सूची चाह रहा है, लेकिन अभी तक उपलब्ध नहीं करवाई गई है. निदेशक ने यह सूची दो दिन में उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया.

विभाग की अधिसूचना दिनांक 1 दिसंबर, 2019 से आयोग ने पुनर्गठित पंचायत समिति या पंचायतों के निर्वाचन क्षेत्रों या वार्डों के परिसीमन की प्रगति की जानकारी चाही. जिस पर पंचायती राज की निदेशक आरुषि मलिक ने बताया कि उक्त सूचना जल्द ही संकलित कर आयोग को अवगत कराई जा सकेगी. आयोग ने यह अपेक्षा की कि यह कार्य 11 दिसंबर तक पूर्ण कर लिया जाए. बैठक में सचिव श्यामसिंह राजपुरोहित, उप सचिव अशोक जैन, पंचायती राज विभाग के संयुक्त सचिव कई अधिकारीगण उपस्थित रहे.

जयपुर. राज्य निर्वाचन आयुक्त पीएस मेहरा ने पंचायत पुनर्गठन के मामले में देरी पर गहरी नाराजगी जताई है. पंचायतीराज और अन्य अधिकारियों के साथ गुरुवार को पंचायतीराज चुनाव के मसलों को लेकर हुई बैठक में उन्होंने तमाम पंचायत पुनर्गठन करने की प्रक्रिया 11 दिसंबर तक करने के निर्देश दिए हैं.

राज्य निर्वाचन आयुक्त पीएस मेहरा ने पंचायत पुनर्गठन के मामले में देरी पर जताई नाराजगी

इसमें मेहरा ने अधिकारियों से दो टूक कहा कि सरकार को फरवरी 2019 से पंचायत पुनर्गठन की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए थे, इसके बावजूद सरकार बार-बार पंचायतों का पुनर्गठन करके देरी कर रही है. जिससे पंचायतीराज के मतदाता सूची के कार्य में बेहद देरी हो रही है और ऐसे में वक्त पर चुनाव कराना मुश्किल हो रहा है.

पंचायत राज चुनाव 2020 की मतदाता सूची को समय पर तैयार करने के लिए पंचायत समिति या पंचायतों के पुनर्गठन और वार्डों के परिसीमन के संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त पीएस मेहरा ने पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह, निदेशक आरुषि मलिक सहित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर विस्तार से चर्चा की.

इस दौरान आयुक्त पीएस मेहरा ने यह भी जानना चाहा कि क्या अभी भी राज्य सरकार के स्तर पर पंचायत समिति या पंचायतों के पुनर्गठन के प्रस्ताव लंबित हैं. इस पर पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि पंचायतों के पुनर्गठन या नवसृजन के कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है. लेकिन झुंझनूं और नागौर जिलों में एक-दो पंचायत समितियों में कुछ परिवर्तन हो सकता है. साथ ही न्यायालय के आदेशों से भी कुछ पंचायतों और पंचायत समितियों में पुनर्गठन का कार्य किया जा सकता है.

पढ़ें- पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री देवनानी ने सीएम गहलोत और डोटासरा पर बोला हमला

आयोग ने पंचायती राज विभाग से पुनर्गठन के बाद संपूर्ण पंचायत और पंचायत समितियों की अद्यतन (अपडेटेड) सूची मांगी. आयुक्त ने कहा कि आयोग लंबे समय से पंचायती राज विभाग से अद्यतन सूची चाह रहा है, लेकिन अभी तक उपलब्ध नहीं करवाई गई है. निदेशक ने यह सूची दो दिन में उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया.

विभाग की अधिसूचना दिनांक 1 दिसंबर, 2019 से आयोग ने पुनर्गठित पंचायत समिति या पंचायतों के निर्वाचन क्षेत्रों या वार्डों के परिसीमन की प्रगति की जानकारी चाही. जिस पर पंचायती राज की निदेशक आरुषि मलिक ने बताया कि उक्त सूचना जल्द ही संकलित कर आयोग को अवगत कराई जा सकेगी. आयोग ने यह अपेक्षा की कि यह कार्य 11 दिसंबर तक पूर्ण कर लिया जाए. बैठक में सचिव श्यामसिंह राजपुरोहित, उप सचिव अशोक जैन, पंचायती राज विभाग के संयुक्त सचिव कई अधिकारीगण उपस्थित रहे.

Intro:पंचायतों के पुनर्गठन पूरा नही होने निर्वाचन आयोग नाराज , राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त ने पंचायत विभाग के अधिकारियों को दिया 11 दिसम्बर तक का अल्टीमेटम

एंकर:- राज्य निर्वाचन आयुक्त पीएस मेहरा ने पंचायत पुनर्गठन के मामले में देरी पर गहरी नाराजगी जताई है। पंचायतीराज और अन्य अधिकारियों के साथ आज पंचायतीराज चुनाव के मसलों को लेकर हुई बैठक में उन्होंने तमाम पंचायत पुनर्गठन करने की प्रक्रिया 11 दिसंबर तक करने के निर्देश दिए हैं।इसमें मेहरा ने अधिकारियों से दो टूक कहा कि सरकार को फरवरी 2019 से पंचायत पुनर्गठन की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए गए थे , इसके बावजूद सरकार बार-बार पंचायतों का पुनर्गठन करके देरी कर रही है जिससे पंचायतीराज के मतदाता सूची के कार्य में बेहद देरी हो रही है और ऐसे में वक्त पर चुनाव कराना मुश्किल हो रहा है।
VO:- पंचायत राज चुनाव 2020 की मतदाता सूची को समय पर तैयार करने के लिए पंचायत समिति या पंचायतों के पुनर्गठन और वार्डों के परिसीमन के संबंध में राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त पीएस मेहरा ने पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह, निदेशक आरुषि मलिक सहित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर विस्तार से चर्चा की। इस दौरान आयुक्त पीएस मेहरा ने यह भी जानना चाहा कि क्या अभी भी राज्य सरकार के स्तर पर पंचायत समिति या पंचायतों के पुनर्गठन के प्रस्ताव लंबित है। इस पर पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि पंचायतों के पुनर्गठन या नवसृजन के कोई प्रस्ताव लंबित नहीं है लेकिन झुंझनूं और नागौर जिलों में एक-दो पंचायत समितियों में कुछ परिवर्तन हो सकता है। साथ ही न्यायालय के आदेशों से भी कुछ पंचायतों और पंचायत समितियों में पुनर्गठन का कार्य किया जा सकता है , आयोग ने पंचायती राज विभाग से पुनर्गठन के बाद संपूर्ण पंचायत और पंचायत समितियों की अद्यतन (अपडेटेड) सूची मांगी। आयुक्त ने कहा कि आयोग लंबे समय से पंचायती राज विभाग से अद्यतन सूची चाह रहा है लेकिन अभी तक उपलब्ध नहीं करवाई गई है। निदेशक ने यह सूची दो दिन में उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। विभाग की अधिसूचना दिनांक 1 दिसंबर, 2019 से आयोग ने पुनर्गठित पंचायत समिति या पंचायतों के निर्वाचन क्षेत्रों या वार्डों के परिसीमन की प्रगति की जानकारी चाही, जिस पर पंचायती राज की निदेशक आरुषि मलिक ने बताया कि उक्त सूचना जल्द ही संकलित कर आयोग को अवगत कराई जा सकेगी। आयोग ने यह अपेक्षा कि की यह कार्य 11 दिसंबर तक पूर्ण कर लिया जाए। बैठक में अवसर पर सचिव श्यामसिंह राजपुरोहित, उप सचिव अशोक जैन, पंचायती राज विभाग के संयुक्त सचिव कई अधिकारीगण उपस्थित रहे।Body:VoConclusion:Vo
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